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राज्यसभा चुनाव 2016 मामले में निर्मला देवी और योगेंद्र साव का बयान दर्ज, नए सिरे से जांच कर रही जगन्नाथ पुलिस

जगन्नाथपुर पुलिस ने शुक्रवार को बड़कागांव की पूर्व विधायक निर्मला देवी का बयान दर्ज कर लिया. इससे पहले गुरुवार को रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार जाकर पूर्व मंत्री योगेंद्र साव का भी बयान दर्ज कराया था.

Nirmala Devi and Yogendra Saw  statement recorded in Rajya Sabha election 2016 case
राज्यसभा चुनाव 2016 मामले में निर्मला देवी और योगेंद्र साव का बयान दर्ज
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Published : Jun 13, 2020, 1:22 AM IST

रांची: राज्यसभा सभा चुनाव 2016 में जगन्नाथपुर पुलिस ने शुक्रवार को बड़कागांव की पूर्व विधायक निर्मला देवी का बयान दर्ज कर लिया. इससे पहले गुरुवार को जगन्नाथपुर थानेदार और केस के अनुसंधानक अभय कुमार सिंह ने रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार जाकर पूर्व मंत्री योगेंद्र साव का भी बयान दर्ज कराया था. गौरतलब है कि सीआईडी एडीजी अनिल पल्टा के द्वारा केस की समीक्षा के बाद रांची डीआईजी अखिलेश कुमार झा ने 40 बिंदुओं पर जांच का आदेश दिया था. इसके बाद जगन्नाथपुर पुलिस ने नए सिरे से केस में अनुसंधान शुरू किया है.

निर्मला देवी का बयान

बड़कागांव की पूर्व विधायक निर्मला देवी ने पुलिस को दिए बयान में बताया है कि 9 जून 2016 को उनके सलाहकार मंटू को तत्कालीन सीएम के सलाहकार अजय कुमार का फोन आया था. फोन पर निर्मला देवी से बातचीत के बाद उन्होंने तत्कालीन एडीजी स्पेशल ब्रांच अनुराग गुप्ता के यहां बुलाया गया था. निर्मला देवी के मुताबिक जब वह एडीजी के घर गई थी तब वहां पहले से उनके पति योगेंद्र साव, मुख्यमंत्री के सलाहकार अजय कुमार और एडीजी अनुराग गुप्ता मौजूद थे. वहां पर अजय कुमार ने कहा कि अगर वह वोट देने नहीं जाएंगी तो आपके ऊपर के सारे केस को खत्म कर दिया जाएगा. इसके साथ ही उनके सभी काम होंगे और उनको एक करोड़ रुपए भी मिलेंगे. निर्मला देवी ने बताया कि जवाब में उन्होंने कुछ भी नहीं कहा और आगे की सारी बात उनके पति योगेंद्र साव से की गई.

ये भी पढ़ें: शून्य देनदारी वाली इकाइयों पर जीएसटी रिटर्न में देरी पर कोई शुल्क नहीं लगेगा: वित्त मंत्री

सीएम आए थे घर
निर्मला देवी के बयान के अनुसार 10 जून को तत्कालीन सीएम रघुवर दास उनके घर पर आए तब निर्मला देवी ने अपने पति योगेंद्र साव को उनसे बातचीत के लिए भेजा. बातचीत के बाद जाते समय तत्कालीन सीएम ने वोट नहीं देने की बात कही और उनकी पार्टी ज्वाइन करने को कहा, साथ ही पांच करोड़ रुपए देने की भी बात कही गई. कहा गया कि उनका सारा काम भी हो जाएगा. जाते-जाते तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास ने यह भी कहा कि बाकी सारी बातें उनके पति से हो गई हैं.

वर्तमान सीएम की सहायता से दिया वोट
निर्मला देवी ने अपने बयान में बताया है कि 11 जून 2016 को वोटिंग के दिन उनके सलाहकार और पति के फोन पर सीएम के सलाहकार और एडीजी ने कई बार कॉल किया, लेकिन उन्होंने किसी से भी उस दौरान बात नहीं की. उसी दिन वह हेमंत सोरेन के घर गई और प्रार्थना की कि किसी तरह उन्हें वोट देने की व्यवस्था की जाए. इसके बाद हेमंत सोरेन खुद अपनी गाड़ी से लेकर उन्हें विधानसभा गए. निर्मला देवी ने बताया कि वह दोपहर के बाद वोट करने गई थी. उन्हें कई राज्य सभा चुनाव में कई अन्य लोगों की संलिप्तता को लेकर भी जांच करने की मांग अपने बयान में की है.

रांची: राज्यसभा सभा चुनाव 2016 में जगन्नाथपुर पुलिस ने शुक्रवार को बड़कागांव की पूर्व विधायक निर्मला देवी का बयान दर्ज कर लिया. इससे पहले गुरुवार को जगन्नाथपुर थानेदार और केस के अनुसंधानक अभय कुमार सिंह ने रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार जाकर पूर्व मंत्री योगेंद्र साव का भी बयान दर्ज कराया था. गौरतलब है कि सीआईडी एडीजी अनिल पल्टा के द्वारा केस की समीक्षा के बाद रांची डीआईजी अखिलेश कुमार झा ने 40 बिंदुओं पर जांच का आदेश दिया था. इसके बाद जगन्नाथपुर पुलिस ने नए सिरे से केस में अनुसंधान शुरू किया है.

निर्मला देवी का बयान

बड़कागांव की पूर्व विधायक निर्मला देवी ने पुलिस को दिए बयान में बताया है कि 9 जून 2016 को उनके सलाहकार मंटू को तत्कालीन सीएम के सलाहकार अजय कुमार का फोन आया था. फोन पर निर्मला देवी से बातचीत के बाद उन्होंने तत्कालीन एडीजी स्पेशल ब्रांच अनुराग गुप्ता के यहां बुलाया गया था. निर्मला देवी के मुताबिक जब वह एडीजी के घर गई थी तब वहां पहले से उनके पति योगेंद्र साव, मुख्यमंत्री के सलाहकार अजय कुमार और एडीजी अनुराग गुप्ता मौजूद थे. वहां पर अजय कुमार ने कहा कि अगर वह वोट देने नहीं जाएंगी तो आपके ऊपर के सारे केस को खत्म कर दिया जाएगा. इसके साथ ही उनके सभी काम होंगे और उनको एक करोड़ रुपए भी मिलेंगे. निर्मला देवी ने बताया कि जवाब में उन्होंने कुछ भी नहीं कहा और आगे की सारी बात उनके पति योगेंद्र साव से की गई.

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सीएम आए थे घर
निर्मला देवी के बयान के अनुसार 10 जून को तत्कालीन सीएम रघुवर दास उनके घर पर आए तब निर्मला देवी ने अपने पति योगेंद्र साव को उनसे बातचीत के लिए भेजा. बातचीत के बाद जाते समय तत्कालीन सीएम ने वोट नहीं देने की बात कही और उनकी पार्टी ज्वाइन करने को कहा, साथ ही पांच करोड़ रुपए देने की भी बात कही गई. कहा गया कि उनका सारा काम भी हो जाएगा. जाते-जाते तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास ने यह भी कहा कि बाकी सारी बातें उनके पति से हो गई हैं.

वर्तमान सीएम की सहायता से दिया वोट
निर्मला देवी ने अपने बयान में बताया है कि 11 जून 2016 को वोटिंग के दिन उनके सलाहकार और पति के फोन पर सीएम के सलाहकार और एडीजी ने कई बार कॉल किया, लेकिन उन्होंने किसी से भी उस दौरान बात नहीं की. उसी दिन वह हेमंत सोरेन के घर गई और प्रार्थना की कि किसी तरह उन्हें वोट देने की व्यवस्था की जाए. इसके बाद हेमंत सोरेन खुद अपनी गाड़ी से लेकर उन्हें विधानसभा गए. निर्मला देवी ने बताया कि वह दोपहर के बाद वोट करने गई थी. उन्हें कई राज्य सभा चुनाव में कई अन्य लोगों की संलिप्तता को लेकर भी जांच करने की मांग अपने बयान में की है.

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