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लांजी हमला मामले में NIA की रांची और चाईबासा में छापेमारी, डायरी सहित कई अहम साक्ष्य मिले

लांजी हमला मालमें में गुरुवार को एनआईए की टीम ने रांची और चाईबासा में एक साथ छापेमारी की. इस छापेमारी में एनआईए ने डायरी और आपत्तिजनक नक्सली चीजें बरामद की हैं. एनआईए के अधिकारी सूत्रों ने बताया कि सुखराम की निशानदेही पर दोनों जगहों पर छापेमारी की गई, जिसमें कई अहम सुराम मिले हैं.

रांची
लांजी हमला मामले में NIA की रांची और चाईबासा में छापेमारी
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Published : Aug 12, 2021, 9:29 PM IST

रांचीः लांजी हमला मामले की जांच कर रही एनआईए ने गुरुवार को रांची और चाईबासा में तीन भाकपा माओवादियों के घरों पर छापेमारी की. छापेमारी के दौरान एनआईए को कई महत्वपूर्ण साक्ष्य हाथ लगे हैं, जिनमें डायरी और कुछ कागजात शामिल है.

यह भी पढ़ेंःकुख्यात माओवादी सुखराम 6 दिनों की NIA रिमांड पर, चाईबासा ब्लास्ट के बारे में होगी पूछताछ


रांची के तमाड़ में की गई छापेमारी

एनआईए के अधिकारी सूत्रों ने बताया कि गुरुवार की सुबह रांची के तमाड़ और चाईबासा में एक साथ छापेमारी की गई. एनआईए की टीम ने तमाड़ में मंगल मुंडा और महादेव मुंडा के घर और चाईबासा के लांजी में रहने वाले सुखराम रामताई के घर पर छापेमारी की गई. इसमें एनआईए की टीम को डायरी और आपत्तिजनक नक्सल चीजें बरामद किया गया है. उन्होंने बताया कि डायरी से माओवादियों के हिसाब-किताब, लेवी, कई संपर्क नंबर और अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां लिखी मिली हैं. लांजी माओवादी हमले में एनआईए ने टोकलो थाना में दर्ज मामले को रांची एनआईए ने टेकओवर करते हुए कांड संख्या आरसी 02/2021 दर्ज किया था.


हमले में तीन जवान हुए थे शहीद

चाईबासा जिले के टोकलो थाना क्षेत्र के लांजी गांव स्थित पहाड़ी में चार मार्च को आईईडी विस्फोट हुआ, जिसमें झारखंड जगुआर के तीन जवान शहीद हो गए थे. इसमें कांस्टेबल हरिद्वार साह, कांस्टेबल किरण सुरीन और हेड कांस्टेबल देवेंद्र कुमार पंडित शामिल थे. इस मामले में एनआईए अभी सुखराम रामताई को रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है.


माओवादियों ने ली थी स्थानीय युवकों की मदद
एनआईए की जांच में इस बात का खुलासा हुआ है कि चार मार्च को लांजी पहाड़ी में सुरक्षाबलों पर हमला करने की योजना सुनियोजित थी. 7 फरवरी से लांजी पहाड़ी के ऊपर चल रहे एंटी नक्सल ऑपरेशन से माओवादी नेता बौखला गए थे. इसके बाद ही बदला लेने की नियत से पुलिस बलों पर हमले की योजना स्थानीय युवाओं को अपने प्रभाव में लेकर बनाई थी. इसको लेकर महाराज प्रमाणिक ने स्थानीय युवकों के साथ बैठक की. इस मामले में एनआईए ने एक करोड़ के ईनामी अनल दा उर्फ पतिराम मांझी के साथ साथ महाराजा प्रमाणिक, आप्तन मांझी, चंपा, भुनेश्वर, मेरिना सिरका, निर्मल, विमला लोहरा, रेला माला, सूरज सरदार, सुनिया मुंडा, सुनीता, सरिता, गीता, मनोज मुंडा, जयंती, रोशन बोडरा, सोर्तो, सुखराम रमताई, बुधराम मुंडा, संजू , सूरज, मांगकर मुंडा, सुली कंडिर, हनुक हेंब्रम, केंड्रा, नोबेल, संतोष उरांव, एतवा मुंडू, गुरुदयाल, बेंगाली, दरियाल और सावन टूटी की भूमिका जांच में मिल चुकी हैं.

रांचीः लांजी हमला मामले की जांच कर रही एनआईए ने गुरुवार को रांची और चाईबासा में तीन भाकपा माओवादियों के घरों पर छापेमारी की. छापेमारी के दौरान एनआईए को कई महत्वपूर्ण साक्ष्य हाथ लगे हैं, जिनमें डायरी और कुछ कागजात शामिल है.

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रांची के तमाड़ में की गई छापेमारी

एनआईए के अधिकारी सूत्रों ने बताया कि गुरुवार की सुबह रांची के तमाड़ और चाईबासा में एक साथ छापेमारी की गई. एनआईए की टीम ने तमाड़ में मंगल मुंडा और महादेव मुंडा के घर और चाईबासा के लांजी में रहने वाले सुखराम रामताई के घर पर छापेमारी की गई. इसमें एनआईए की टीम को डायरी और आपत्तिजनक नक्सल चीजें बरामद किया गया है. उन्होंने बताया कि डायरी से माओवादियों के हिसाब-किताब, लेवी, कई संपर्क नंबर और अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां लिखी मिली हैं. लांजी माओवादी हमले में एनआईए ने टोकलो थाना में दर्ज मामले को रांची एनआईए ने टेकओवर करते हुए कांड संख्या आरसी 02/2021 दर्ज किया था.


हमले में तीन जवान हुए थे शहीद

चाईबासा जिले के टोकलो थाना क्षेत्र के लांजी गांव स्थित पहाड़ी में चार मार्च को आईईडी विस्फोट हुआ, जिसमें झारखंड जगुआर के तीन जवान शहीद हो गए थे. इसमें कांस्टेबल हरिद्वार साह, कांस्टेबल किरण सुरीन और हेड कांस्टेबल देवेंद्र कुमार पंडित शामिल थे. इस मामले में एनआईए अभी सुखराम रामताई को रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है.


माओवादियों ने ली थी स्थानीय युवकों की मदद
एनआईए की जांच में इस बात का खुलासा हुआ है कि चार मार्च को लांजी पहाड़ी में सुरक्षाबलों पर हमला करने की योजना सुनियोजित थी. 7 फरवरी से लांजी पहाड़ी के ऊपर चल रहे एंटी नक्सल ऑपरेशन से माओवादी नेता बौखला गए थे. इसके बाद ही बदला लेने की नियत से पुलिस बलों पर हमले की योजना स्थानीय युवाओं को अपने प्रभाव में लेकर बनाई थी. इसको लेकर महाराज प्रमाणिक ने स्थानीय युवकों के साथ बैठक की. इस मामले में एनआईए ने एक करोड़ के ईनामी अनल दा उर्फ पतिराम मांझी के साथ साथ महाराजा प्रमाणिक, आप्तन मांझी, चंपा, भुनेश्वर, मेरिना सिरका, निर्मल, विमला लोहरा, रेला माला, सूरज सरदार, सुनिया मुंडा, सुनीता, सरिता, गीता, मनोज मुंडा, जयंती, रोशन बोडरा, सोर्तो, सुखराम रमताई, बुधराम मुंडा, संजू , सूरज, मांगकर मुंडा, सुली कंडिर, हनुक हेंब्रम, केंड्रा, नोबेल, संतोष उरांव, एतवा मुंडू, गुरुदयाल, बेंगाली, दरियाल और सावन टूटी की भूमिका जांच में मिल चुकी हैं.

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