रांची: झारखंड में भाकपा माओवादी और दूसरे नक्सली समूहों के खिलाफ एनआईए जांच में रेस हो गई है. मामले में और तेजी लाने के लिए एनआईए ने झारखंड से जुड़े मामलों के अनुसंधान के लिए झारखंड पुलिस की मदद मांगी है. एनआईए ने राज्य पुलिस से तेजतर्रार जांच अधिकारियों की मांग की है.
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कितने अफसरों की जरूरत
एनआईए एसपी ने पहले चरण में प्राथमिकता के आधार पर पुलिस के पांच इंस्पेक्टर, पांच सब इंस्पेक्टर की मांग की है. एनआईए के पत्र के बाद राज्य पुलिस मुख्यालय ने भी पुलिसकर्मियों की सूची तैयार करनी शुरू कर दी है, जिनकी सेवा एनआईए को तय समय सीमा के लिए दी जाएगी.
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इन महत्वपूर्ण कांडों के लिए चाहिए अनुसंधानक
- मगध-आम्रपाली परियोजना से लेवी वसूली और मनी लाउंड्रिंग के मामले में एनआईए जांच कर रही है. टंडवा थाना में दर्ज कांड 2/16 को गृह मंत्रालय के आदेश पर टेकओवर कर जांच शुरू की गई थी. इस मामले में एनआईए ने टीपीसी, सीसीएल के कई लोगों के खिलाफ चार्जशीट भी की है. कांड में आगे का अनुसंधान अभी जारी है.
- बालूमाथ माओवादियों पर विदेशी हथियार और गोला बारूद की खरीद का मामला दर्ज था. इस मामले में दर्ज कांड संख्या 225/18 को एनआईए ने टेकओवर किया है.
- बेड़ो में पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप के 25 लाख नोटबंदी के दौरान पकड़े गए थे. इस मामले में पीएलएफआई के निवेशकों और कई शेल कंपनियों की जानकारी एनआईए को मिली है. केस में गुजरात के व्यवसायी समेत कई आरोपी अभी जेल में बंद है.
- गिरिडीह के सरिया में माओवादियों का छह लाख, आधार कार्ड समेत कई कागजात बरामद किए गए थे. इस मामले में एनआईए ने 9 जुलाई 2018 को केस टेकओवर किया था. इस केस का अनुसंधान अभी जारी है. माओवादियों के निवेशक इस मामले में आरोपी है.