रांची: झारखंड के उग्रवादी संगठन टीपीसी को नागालैंड के उग्रवादी संगठन एनएससीएन आइएम के कमांडर नीनखान सांगतम उर्फ आखान की तरफ से हथियार की सप्लाई की जाती थी. इस बात का खुलासा एनआईए दिल्ली के द्वारा हथियार सप्लाई केस के चार्जशीट से हुआ है. चार्जशीट के मुताबिक, नागालैंड का गैंग बिहार के हथियार सप्लायरों की मदद से भीखन गंझू और झारखंड के अन्य उग्रवादी संगठनों को हथियार पहुंचाता था. एनआईए की चार्जशीट में इस बात का जिक्र है की बिहार के आरा का रहने वाला संतोष कुमार उर्फ संतोष सिंह नक्सलियों तक आर्म्स की सप्लाई करने वाले गिरोह का एक प्रमुख सदस्य रहा है.
कौन है भीखन गंझू ?
एनआईए ने जांच में यह पाया है कि हथियारों की खरीद के बाद हवाला के जरिए 2.20 करोड़ रुपए नागालैंड के हथियार सप्लायरों को पहुंचाए गए. उग्रवादियों के बैंक खाते रांची में होने की पुष्टि हुई है. गिरोह का ही एक सदस्य मुकेश कुमार पूर्व में अरगोड़ा इलाके से गिरफ्तार किया गया था. भीखन गंझू उग्रवादी संगठन टीपीसी का जोनल कमांडर है. भीखन सीसीएल का कर्मी भी रहा है, मगध आम्रपाली कोल परियोजना में टेरर फंडिंग के केस में आरोपी बनाए जाने के बाद से वह अंडर ग्राउंड है. झारखंड पुलिस और एनआईए को टेरर फंडिंग समेत कई अन्य मामलों में भीखन की तलाश है.
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रांची के दो बैंकों में जमा होता था पैसा
हथियार सप्लाई के बाद पैसा रांची के बैंक में जमा होता रहा, एक बैंक रांची के चर्च रोड में है जबकि, दूसरा बैंक सर्कुलर रोड में है. यह राशि (एनएससीएन आईएम) आतंकवादी संगठन के कैप्टन नीनखान सांगतम उर्फ अखान सांगतम के खाते में जमा करता होता था. नीनखान सांगतम का रांची के दोनों बैंकों में खाता खोल रखा था, नीनखान नागा और दीमापुर, नागालैंड का रहनेवाला है. नागा आतंकी के मददगार सप्लायर सूरज ने बताया था कि रांची के दोनों बैंकों में कैप्टन नीनखान के खाते में कई बार पैसा डाला गया है. यह राशि मुकेश सिंह और संतोष सिंह के द्वारा दिया गया था, यह राशि सिर्फ नागालैंड से एके-47 समेत बड़े पैमाने पर गोली सप्लाई करने के एवज में उपलब्ध कराया जाता था.
ट्रक, फोर व्हीलर से सप्लाई करता था एके-47 और गोली
नागालैंड में एनएससीएन आईएम आतंकवादी संगठन के कैप्टन नीनखान सांगतम उर्फ अखान सांगतम एके-47 और गोली उपलब्ध कराता था. वहीं झारखंड-बिहार में सप्लाई से पूर्व ट्रक और फोर व्हीलर स्वंय उपलब्ध कराता था. ताकि, रास्ते में किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो, हथियार और गोली को अच्छे से पैक भी किया जाता था. ताकि किसी प्रकार की कोई परेशानी न आये, गिरोह की तरफ से यूजीबीएल, एके सीरीज के हथियार और कारतूसों की सप्लाई की जाती थी.