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झारखंड नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी मामले में 9 अप्रैल को अगली सुनवाई, दायर याचिका पर कोर्ट ने लगाई फटकार

झारखंड नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के मामले में दायर याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजित नारायण प्रसाद की अदालत में सुनवाई हुई. नेशनल लॉ विश्वविद्यालय को नियमित रूप से अच्छे से चलाने के लिए फंड की मांग को लेकर याचिका दायर की गई है. अदालत ने कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए कई मौखिक टिप्पणियां करते हुए झारखंड के प्रॉगरेस पर सवाल उठाए. मामले की अगली सुनवाई अब 9 अप्रैल को होगी.

Next hearing in the Jharkhand National Law University case on April 9
झारखंड नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी मामले में 9 अप्रैल को अगली सुनवाई, दायर याचिका पर कोर्ट ने लगाई फटकार
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Published : Mar 25, 2021, 6:26 PM IST

रांची: झारखंड नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के मामले में दायर याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन और न्यायाधीश सुजित नारायण प्रसाद की अदालत में गुरुवार को सुनवाई हुई. सरकार की जवाब पर अदालत ने कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए कई मौखिक टिप्पणियां की. मुख्य न्यायाधीश ने टिप्पणी करते हुए कहा कि बगैर शिक्षा और स्वास्थ्य में सुधार किए झारखंड का प्रोग्ररेस कैसे होगा. अधिकारियों को झारखंड हाईकोर्ट के बार-बार समझाने के बावजूद भी वो फंड देने में आनाकानी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय की ओर से फंड की मांग की जाती है, तो सरकार को लगता है कि उसे भीख दे रहे हैं

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बार एसोसिएशन झारखंड हाई कोर्ट की ओर से दायर मामले की सुनवाई के दौरान पहले झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को फंड के बिंदु पर विस्तृत जवाब पेश करने को कहा था. समय से जवाब नहीं पेश किया जा सका, जिसके कारण जवाब को देखने की जो समय दी जाती है, वो नहीं दी जा सकती, सभी पक्ष के अधिवक्ताओं ने कहा कि मामले की सुनवाई में समय दी जाए. अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 9 अप्रैल की तिथि निर्धारित की है.

रांची: झारखंड नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के मामले में दायर याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन और न्यायाधीश सुजित नारायण प्रसाद की अदालत में गुरुवार को सुनवाई हुई. सरकार की जवाब पर अदालत ने कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए कई मौखिक टिप्पणियां की. मुख्य न्यायाधीश ने टिप्पणी करते हुए कहा कि बगैर शिक्षा और स्वास्थ्य में सुधार किए झारखंड का प्रोग्ररेस कैसे होगा. अधिकारियों को झारखंड हाईकोर्ट के बार-बार समझाने के बावजूद भी वो फंड देने में आनाकानी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय की ओर से फंड की मांग की जाती है, तो सरकार को लगता है कि उसे भीख दे रहे हैं

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