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सुरक्षा की नई कवायदः 3 जोन, 2 सुपर जोन में बांटी गई राजधानी, 24x7 चप्पे-चप्पे पर मौजूद रहेगी पुलिस

राजधानी रांची में सुरक्षा के मद्देनजर बड़ी कवायद की गई है. राजधानी क्षेत्र के थानों को तीन जोन, जबकि डीएसपी स्तर के अधिकारियों के कार्यक्षेत्र को दो सुपर जोन में बंटा गया है.

new security initiative has been taken to protect ranchi
राजधानी की सुरक्षा
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Published : Nov 10, 2020, 12:07 AM IST

रांचीः राजधानी में सुरक्षा के मद्देनजर बड़ी कवायद की गई है. इसके तहत राजधानी क्षेत्र के थानों को तीन जोन में बांटा गया है. जबकि डीएसपी स्तर के अधिकारियों के कार्यक्षेत्र को दो सुपर जोन में बंटा गया है. इस पहल से सुरक्षा को लेकर व्यापक कदम उठाए गए हैं.

क्या की गई है पहल
रांची शहर में वर्तमान में 30 पीसीआर, 19 माइक की तैनाती है. जोन 1 में सदर, बरियातू, लालपुर, खेलगांव, बीआईटी मेसरा, गोंदा, जोन 2 में लोअर बाजार, चुटिया, डेली मार्केट, कोतवाली, सुखदेवनगर और पंडरा ओपी, जबकि जोन 3 में अरगोड़ा, जगन्नाथपुर, धुर्वा, तुपुदाना, डोरंडा और हिंदपीढ़ी थाने के इलाके के रखा गया है.

थानेदार करेंगे गश्ती
हर जोन के लिए रात 11 बजे से सुबह तक एक थानेदार पर रात में पुलिस गश्ती की जांच का जिम्मा होगा. सुपर जोन के डीएसपी की भी जिम्मेदारी कम से कम 50 प्रतिशत पीसीआर, माइक की जांच की होगी. रांची एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा ने पुलिस की गश्ती के लिए तैनात पीसीआर का एसओपी बनाया है, वहीं राजधानी में सुरक्षा व्यवस्था की मॉनिटरिंग आईजी मानवाधिकार नवीन कुमार सिंह कर रहे हैं.

व्यवस्था की खामियों से कराना होगा अवगत
रात में पुलिसिया गश्ती और सुरक्षा की जांच रात 11 बजे से 4 बजे तक निगरानी के बाद डीएसपी और थानेदार स्तर के अधिकारी गश्ती व्यवस्था की खामियों से एसएसपी को अवगत कराएंगे. इसके अलावा सिटी कंट्रोल के पुलिसकर्मी भी रोजाना 7 पीसीआर की जांच करेंगे.

इसे भी पढ़ें- 2043 दारोगा के थानेदार बनने का रास्ता साफ, आईजी प्रशिक्षण ने जारी किया आदेश


क्या-क्या होगी जांच
- पीसीआर के चालक और गार्ड की सतर्कता के साथ लोकेशन की जांच

- थाना गश्ती की सतर्कता एवं उसके लोकेशन की जांच
- थाना प्रभारी के पेट्रोलिंग की स्थिति
- प्रत्येक थाना प्रभारी से रात में कम से कम 02 पेट्रोलिंग सुनिश्चित कराना होगा.
- विभिन्न चौक-चौराहों पर प्रतिनियुक्त बलों की समीक्षा एवं उनके कार्यों का पर्यवेक्षण
- क्राइम हॉटस्पॉट एवं शहर से बाहर निकलने वाले सड़क में बैरिकेडिंग/ड्रॉप गेट लगाकर चेकिंग
- वाहन चेकिंग किस तरह से किया जाता है ये ब्रीफ करेंगे. खासकर जब वाहन में महिला/बच्चे/बुजुर्ग हों, तब शालीनता से पेश आने की हिदायत देंगे.

पीसीआर के लिए क्या है एसओपी

रांची शहरी क्षेत्र में कार्यरत सभी पीसीआर वैन/थाना गश्ती के लिए एसओपी बनाया गया है. जिसके मुताबिक प्रतिनियुक्त पुलिस पदाधिकारी/कर्मी विशेषकर बैंक, भीड़ वाले स्थान, एटीएम, मल्टीपलेक्स, जेवर दुकान, पेट्रोल पंप पर विशेष निगरानी रखेंगे. वीवीआईपी एरिया जैसे- राजभवन, मुख्यमंत्री आवास, सचिवालय, विधानसभा, उच्च न्यायालय जैसे महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों में समुचित एवं दुरूस्त पेट्रोलिंग सुनिश्चित करेंगे तथा सुरक्षा गार्ड को सतर्क करेंगे. पीसीआर वाहन को एक ही स्थान पर खड़ा नहीं करके मुख्य सडक या चौक-चौराहों के आस-पास चलायमान रखेंगे. पीसीआर को निर्देश दिया गया है कि पैसे की वसूली नहीं करें. वाहन के रुके होने की स्थिति में वाहन में प्रतिनियुक्त पुलिस पदाधिकारी/कर्मी वाहन में ना बैठें रहे बल्कि वाहन से उतरकर मुख्य सड़क पर कुछ निश्चित दूरी तक घुमते-फिरते आसपास की गतिविधि पर निगरानी रखें.

रांचीः राजधानी में सुरक्षा के मद्देनजर बड़ी कवायद की गई है. इसके तहत राजधानी क्षेत्र के थानों को तीन जोन में बांटा गया है. जबकि डीएसपी स्तर के अधिकारियों के कार्यक्षेत्र को दो सुपर जोन में बंटा गया है. इस पहल से सुरक्षा को लेकर व्यापक कदम उठाए गए हैं.

क्या की गई है पहल
रांची शहर में वर्तमान में 30 पीसीआर, 19 माइक की तैनाती है. जोन 1 में सदर, बरियातू, लालपुर, खेलगांव, बीआईटी मेसरा, गोंदा, जोन 2 में लोअर बाजार, चुटिया, डेली मार्केट, कोतवाली, सुखदेवनगर और पंडरा ओपी, जबकि जोन 3 में अरगोड़ा, जगन्नाथपुर, धुर्वा, तुपुदाना, डोरंडा और हिंदपीढ़ी थाने के इलाके के रखा गया है.

थानेदार करेंगे गश्ती
हर जोन के लिए रात 11 बजे से सुबह तक एक थानेदार पर रात में पुलिस गश्ती की जांच का जिम्मा होगा. सुपर जोन के डीएसपी की भी जिम्मेदारी कम से कम 50 प्रतिशत पीसीआर, माइक की जांच की होगी. रांची एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा ने पुलिस की गश्ती के लिए तैनात पीसीआर का एसओपी बनाया है, वहीं राजधानी में सुरक्षा व्यवस्था की मॉनिटरिंग आईजी मानवाधिकार नवीन कुमार सिंह कर रहे हैं.

व्यवस्था की खामियों से कराना होगा अवगत
रात में पुलिसिया गश्ती और सुरक्षा की जांच रात 11 बजे से 4 बजे तक निगरानी के बाद डीएसपी और थानेदार स्तर के अधिकारी गश्ती व्यवस्था की खामियों से एसएसपी को अवगत कराएंगे. इसके अलावा सिटी कंट्रोल के पुलिसकर्मी भी रोजाना 7 पीसीआर की जांच करेंगे.

इसे भी पढ़ें- 2043 दारोगा के थानेदार बनने का रास्ता साफ, आईजी प्रशिक्षण ने जारी किया आदेश


क्या-क्या होगी जांच
- पीसीआर के चालक और गार्ड की सतर्कता के साथ लोकेशन की जांच

- थाना गश्ती की सतर्कता एवं उसके लोकेशन की जांच
- थाना प्रभारी के पेट्रोलिंग की स्थिति
- प्रत्येक थाना प्रभारी से रात में कम से कम 02 पेट्रोलिंग सुनिश्चित कराना होगा.
- विभिन्न चौक-चौराहों पर प्रतिनियुक्त बलों की समीक्षा एवं उनके कार्यों का पर्यवेक्षण
- क्राइम हॉटस्पॉट एवं शहर से बाहर निकलने वाले सड़क में बैरिकेडिंग/ड्रॉप गेट लगाकर चेकिंग
- वाहन चेकिंग किस तरह से किया जाता है ये ब्रीफ करेंगे. खासकर जब वाहन में महिला/बच्चे/बुजुर्ग हों, तब शालीनता से पेश आने की हिदायत देंगे.

पीसीआर के लिए क्या है एसओपी

रांची शहरी क्षेत्र में कार्यरत सभी पीसीआर वैन/थाना गश्ती के लिए एसओपी बनाया गया है. जिसके मुताबिक प्रतिनियुक्त पुलिस पदाधिकारी/कर्मी विशेषकर बैंक, भीड़ वाले स्थान, एटीएम, मल्टीपलेक्स, जेवर दुकान, पेट्रोल पंप पर विशेष निगरानी रखेंगे. वीवीआईपी एरिया जैसे- राजभवन, मुख्यमंत्री आवास, सचिवालय, विधानसभा, उच्च न्यायालय जैसे महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों में समुचित एवं दुरूस्त पेट्रोलिंग सुनिश्चित करेंगे तथा सुरक्षा गार्ड को सतर्क करेंगे. पीसीआर वाहन को एक ही स्थान पर खड़ा नहीं करके मुख्य सडक या चौक-चौराहों के आस-पास चलायमान रखेंगे. पीसीआर को निर्देश दिया गया है कि पैसे की वसूली नहीं करें. वाहन के रुके होने की स्थिति में वाहन में प्रतिनियुक्त पुलिस पदाधिकारी/कर्मी वाहन में ना बैठें रहे बल्कि वाहन से उतरकर मुख्य सड़क पर कुछ निश्चित दूरी तक घुमते-फिरते आसपास की गतिविधि पर निगरानी रखें.

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