रांचीः झारखंड के सरकारी कागजों पर अब नया प्रतीक चिन्ह नजर आएगा. रांची के आर्यभट्ट सभागार में दीप प्रज्वलित कर राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने इसका अनावरण किया, तब लगा कि पर्दा हटते ही प्रतीक चिन्ह नजर आएगा लेकिन हुआ कुछ और पर्दा हटा तो आर्यभट्ट सभागार में अंधेरा छा गया और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन 3D इफेक्ट के साथ अवतरित हुए और पहले से तैयार वीडियो डॉक्युमेंट्री के जरिए प्रतीक चिन्ह की खूबियां गिनाते दिखे.
वृत्ताकार प्रतीक चिन्ह के सेंटर में सत्यमेव जयते लिखा राष्ट्रीय चिन्ह अशोक स्तंभ को दिखाया गया है जो संघ और राज्य के तालमेल को दर्शाता है.इसके बाद सोहराय चित्रकारी के जरिए यहां की संस्कृति को उकेरा गया है. फ्लेम ऑफ द फॉरेस्ट के नाम से चर्चित पलाश के फूल झारखंड के सौंदर्य को प्रतिबिंबित करते नजर आते हैं.
पलाश के फूल के निचले काले रंग को झारखंड की धरती में प्रचुरता से पाए जाने वाले कोयले को प्रतिबंधित किया गया है. इसके बाद हरे रंग की पट्टी में 24 की संख्या में हाथियों को दर्शाया गया है जो राज्य का राजकीय पशु भी हैं जो एकता में विश्वास रखते हैं और शक्ति के भी प्रतीक हैं.
कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री ने बताया कि पूर्व में झारखंड का प्रतीक चिन्ह चौकोर था और उसमें कुछ कमियां थी. इसे ध्यान में रखकर नए प्रतीक चिन्ह को अपनाया गया. राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने भी नए प्रतीक चिन्ह की खूबियों पर प्रकाश डाला.
कोरोना संक्रमण पर जताई चिंता
हालांकि कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कोरोना वायरस से बढ़ते संक्रमण पर भी चिंता भी जाहिर की. उन्होंने कहा कि जांच की रफ्तार तेज करनी होगी. सब्जी बेचने वाले हों या फल बेचने वाले सभी की जांच होनी चाहिए. रिपोर्ट आने में विलंब नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में ईश्वर अभी मंदिरों में नहीं बल्कि अस्पतालों में हैं. डॉक्टर के सम्मान में राज्यपाल ने इन शब्दों का इस्तेमाल किया.
आकर्षण के केंद्र में रहे गुरुजी
झारखंड के नए प्रतीक चिन्ह के अनावरण के मौके पर नवनिर्वाचित राज्यसभा सांसद और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन को राज्य निर्माता के रूप में प्रस्तुत किया गया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू थी तो अति विशिष्ट अतिथियों की सूची में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और विधानसभा अध्यक्ष रविंद्र नाथ महतो के बाद शिबू सोरेन का नाम था.
शिबू सोरेन के नाम के आगे राज्य निर्माता, दिशोम गुरु शिबू सोरेन लिखा हुआ था. कार्यक्रम में मंत्री रामेश्वर उरांव, बन्ना गुप्ता, चंपई सोरेन और सत्यानंद भोक्ता के नाम विशिष्ट अतिथि के रूप में दर्ज था.