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नई शिक्षा नीति में B.Ed को लेकर बड़ा बदलाव, राज्य के B.Ed कॉलेजों की बढ़ सकती है परेशानी - नई शिक्षा नीति

देश में नई शिक्षा नीति के तहत कई बदलाव किए गए हैं, जिसका शिक्षा जगत ने स्वागत किया है. इसी क्रम में बीएड और शिक्षक पात्रता परीक्षा में भी विस्तार किया जाएगा, लेकिन झारखंड में 100 से अधिक B.Ed कॉलेज संचालित हो रहे हैं. ऐसे में इन कॉलेजों में नई शिक्षा नीति से परेशानी बढ़ सकती है.

new education policy
नई शिक्षा नीति
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Published : Aug 23, 2020, 2:04 PM IST

रांचीः उच्च शिक्षा में लगातार किए जा रहे नए संशोधनों का शिक्षा जगत ने स्वागत किया है. नई शिक्षा नीति के तहत B.Ed को 4 ईयर इंटीग्रेटेड कोर्स में शामिल करने की बात कही गई है. इस निर्णय को भी शिक्षाविद और विशेषज्ञों ने सही ठहराया है. अभी-भी कई चीजें स्पष्ट करना बाकी है, लेकिन आने वाले समय में B.Ed को लेकर नई शिक्षा नीति में जो प्रावधान किए गए हैं, इससे विद्यार्थियों को काफी फायदा मिलेगा.

देखें पूरी खबर
ग्रेजुएशन के बाद अलग से बीएड करने की आवश्यकता नहींदेश में नई शिक्षा नीति के तहत कई बदलाव किए गए है. बेहतर शिक्षा प्रदान करने के लिए शिक्षकों को भी व्यापक ट्रेनिंग और पढ़ाने के लिए विकल्प उपलब्ध कराए जाएंगे. इसी कड़ी में बीएड और शिक्षक पात्रता परीक्षा में भी विस्तार किया जाएगा. बीएड में यह बदलाव शिक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए है. हालांकि नई शिक्षा नीति के तहत बीएड को लेकर बदलाव से राज्य के बीएड कॉलेज संचालकों की चिंता जरूर बढ़ी है. जबकि बीएड के छात्रों को नई शिक्षा नीति में राहत दी गई है. ऐसे छात्र जो ग्रेजुएशन के बाद बीएड करते थे, उनको राहत मिली है. अब छात्र इंटर के बाद सीधे 4 साल का इंटीग्रेटेड बीएड में एडमिशन ले सकते हैं. वह भी अपने ही कॉलेज और यूनिवर्सिटी में. उन्हें ग्रेजुएशन के बाद अलग से बीएड करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी. शिक्षाविद और शिक्षा जगत ने भी इसका स्वागत किया है. केंद्र सरकार के उन प्रयासों को भी सराहा है, जिसके तहत बीएड को 4 ईयर इंटीग्रेटेड कोर्स में शामिल करने की बात कही गई है.

इसे भी पढ़ें- रामगढ़ः सरकारी उपेक्षा का दंश झेल रहा उकरीद गांव का मुख्य मार्ग, आक्रोशित ग्रामीणों ने सड़क पर शुरू की खेती

अभी-भी कई चीजें स्पष्ट नहीं
सरकार की नई शिक्षा नीति में फिलहाल बीएड को लेकर बदलाव की घोषणा तो है, लेकिन अभी-भी कुछ चीजें क्लियर नहीं है. केवल इतना कहा गया है कि B.Ed कॉलेज बंद होंगे और सामान्य शिक्षा के साथ ही बीएड को इंटीग्रेटेड कोर्स के साथ जोड़ा जाएगा, जो 4 साल का होगा. ऐसे में बीएड कॉलेज को क्या बंद करना है या फिर सामान्य शिक्षा के कॉलेजों में किस तरह से बीएड की पढ़ाई होगी. बीएड की फैकल्टी की अलग डिग्री होती है, यह फैकेल्टी कहां से आएंगी. ये सभी चीजें फिलहाल स्पष्ट नहीं है.

100 से अधिक B.Ed कॉलेज संचालित
निजी, सरकारी मिलाकर झारखंड में 100 से अधिक B.Ed कॉलेज संचालित हो रहे हैं. ऐसे कई बीएड कॉलेज हैं, जहां सिर्फ बीएड की पढ़ाई होती है. ऐसे में इन कॉलेजों में नई शिक्षा नीति से परेशानी बढ़ सकती है. हालांकि शिक्षाविद और विशेषज्ञों का कहना है कि नई शिक्षा नीति के तहत B.Ed को लेकर केंद्र सरकार का लिया गया निर्णय आने वाले समय में बेहतर साबित होगा और विद्यार्थियों के लिए काफी फायदेमंद होगा.

रांचीः उच्च शिक्षा में लगातार किए जा रहे नए संशोधनों का शिक्षा जगत ने स्वागत किया है. नई शिक्षा नीति के तहत B.Ed को 4 ईयर इंटीग्रेटेड कोर्स में शामिल करने की बात कही गई है. इस निर्णय को भी शिक्षाविद और विशेषज्ञों ने सही ठहराया है. अभी-भी कई चीजें स्पष्ट करना बाकी है, लेकिन आने वाले समय में B.Ed को लेकर नई शिक्षा नीति में जो प्रावधान किए गए हैं, इससे विद्यार्थियों को काफी फायदा मिलेगा.

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ग्रेजुएशन के बाद अलग से बीएड करने की आवश्यकता नहींदेश में नई शिक्षा नीति के तहत कई बदलाव किए गए है. बेहतर शिक्षा प्रदान करने के लिए शिक्षकों को भी व्यापक ट्रेनिंग और पढ़ाने के लिए विकल्प उपलब्ध कराए जाएंगे. इसी कड़ी में बीएड और शिक्षक पात्रता परीक्षा में भी विस्तार किया जाएगा. बीएड में यह बदलाव शिक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए है. हालांकि नई शिक्षा नीति के तहत बीएड को लेकर बदलाव से राज्य के बीएड कॉलेज संचालकों की चिंता जरूर बढ़ी है. जबकि बीएड के छात्रों को नई शिक्षा नीति में राहत दी गई है. ऐसे छात्र जो ग्रेजुएशन के बाद बीएड करते थे, उनको राहत मिली है. अब छात्र इंटर के बाद सीधे 4 साल का इंटीग्रेटेड बीएड में एडमिशन ले सकते हैं. वह भी अपने ही कॉलेज और यूनिवर्सिटी में. उन्हें ग्रेजुएशन के बाद अलग से बीएड करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी. शिक्षाविद और शिक्षा जगत ने भी इसका स्वागत किया है. केंद्र सरकार के उन प्रयासों को भी सराहा है, जिसके तहत बीएड को 4 ईयर इंटीग्रेटेड कोर्स में शामिल करने की बात कही गई है.

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अभी-भी कई चीजें स्पष्ट नहीं
सरकार की नई शिक्षा नीति में फिलहाल बीएड को लेकर बदलाव की घोषणा तो है, लेकिन अभी-भी कुछ चीजें क्लियर नहीं है. केवल इतना कहा गया है कि B.Ed कॉलेज बंद होंगे और सामान्य शिक्षा के साथ ही बीएड को इंटीग्रेटेड कोर्स के साथ जोड़ा जाएगा, जो 4 साल का होगा. ऐसे में बीएड कॉलेज को क्या बंद करना है या फिर सामान्य शिक्षा के कॉलेजों में किस तरह से बीएड की पढ़ाई होगी. बीएड की फैकल्टी की अलग डिग्री होती है, यह फैकेल्टी कहां से आएंगी. ये सभी चीजें फिलहाल स्पष्ट नहीं है.

100 से अधिक B.Ed कॉलेज संचालित
निजी, सरकारी मिलाकर झारखंड में 100 से अधिक B.Ed कॉलेज संचालित हो रहे हैं. ऐसे कई बीएड कॉलेज हैं, जहां सिर्फ बीएड की पढ़ाई होती है. ऐसे में इन कॉलेजों में नई शिक्षा नीति से परेशानी बढ़ सकती है. हालांकि शिक्षाविद और विशेषज्ञों का कहना है कि नई शिक्षा नीति के तहत B.Ed को लेकर केंद्र सरकार का लिया गया निर्णय आने वाले समय में बेहतर साबित होगा और विद्यार्थियों के लिए काफी फायदेमंद होगा.

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