रांचीः झारखंड कांग्रेस ने नये जिलाध्यक्षों की घोषणा के बाद विवाद शुरू हो गया. इस विवाद को खत्म करने को लेकर पार्टी आलाकमान ने चार जिलों के जिलाध्यक्षों को 48 घंटे में बदल दिया. वहीं, कई जिलों में जिलाध्यक्ष के साथ साथ कार्यकारी जिलाध्यक्ष बनाकर पार्टी कार्यकर्ताओं में उभरे आक्रोश को समाप्त करने की कोशिश की. बुधवार को झारखंड कांग्रेस मुख्यायल में शपथ ग्रहण समारोह आयोजित की गई. इस समारोह में रांची महानगर अध्यक्ष कुमार राजा और रांची ग्रामीण के जिलाध्यक्ष डॉ राकेश किरण ने पदभार ग्रहण (New district presidents of Ranchi Congress) किया. इस दौरान पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर, पूर्व प्रदेश सचिव जगदीश साहू आदि उपस्थित थे.
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कांग्रेस प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने कहा कि दो युवा नेताओं को रांची जिले का नेतृत्व मिला है. अब उनकी दोहरी जिम्मेवारी है. उन्होंने कहा कि देश के संविधान पर हो रहे हमले के खिलाफ कांग्रेस की बुलंद आवाज बनना है. इसके साथ ही महानगर और ग्रामीण क्षेत्र में संगठन को मजबूत बनाना है.
पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने कहा कि इन युवाओं पर राहुल गांधी की उम्मीदों को पूरा करने की जिम्मेवारी है. राहुल गांधी ने आम आदमी से जुड़ाव का रास्ता दिखाया है, उसी राह पर चलकर संगठन को मजबूत करना है. उन्होंने कहा कि झारखंड कांग्रेस की पूरी टीम अनुभवी है. इससे प्रदेश में संगठन मजबूत होगा. झारखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि परिवर्तन प्रकृति का नियम है. उन्होंने कहा कि पूर्व अध्यक्षों ने पार्टी संगठन को जिस तरह मजबूती से आगे बढ़ाया, उसी तरह नये जिलाध्य आगे लेकर जाएंगे. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय नाथ शाहदेव ने कहा कि कांग्रेस लोकतांत्रिक प्रक्रिया में विश्वास करती है. उन्होंने कहा कि जिलाध्यक्षों की सूची घोषित होते ही थोड़ी बहुत गलतियां सामने आई, जिसे पार्टी प्रदेश नेतृत्व ने अपनी गलतियां सुधार ली.