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रिम्स में इलाज की नहीं है उचित व्यवस्था, जमीन पर लिटाकर मरीज का हो रहा है उपचार - Jharkhand's largest government hospital

रांची रिम्स में जंगली भालू के हमले से घायल मरीज नीली तिर्की का उचित तरीके से इलाज नहीं हो पा रहा है. रिम्स प्रबंधन की लापरवाही से मरीज की परेशानी बढ़ रही है और उसकी स्थिति गांभीर हो गई, लेकिन अभी तक उचित स्वास्थ्य सुविधा की मुहैया नहीं हुई है.

रिम्स में जमीन पर लेटाकर मरीज का हो रहा है उपचार
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Published : Aug 19, 2019, 9:17 PM IST

रांची: राजधानी के नामकुम इलाके में भालू के हमले से घायल मरीज नीली तिर्की का रिम्स में उचित इलाज नहीं हो पा रहा है. मरीज के परिजन बेहतर इलाज के लिए रिम्स में इधर-उधर भटक रहे हैं, लेकिन अभी तक उनका सुध लेने कोई नहीं आया है.

देखें पूरी खबर

रिम्स प्रबंधन की लापरवाही
वहीं, मरीज के परिजन ने बताया कि खेत में रोपनी करने गई नीली तिर्की पर जंगली भालू ने हमला कर दिया, जिससे वह बुरी तरह घायल हो गई. गंभीर स्थिति में आनन-फानन में उसे इलाज के लिए रिम्स लाया गया, जहां रिम्स प्रबंधन की लापरवाही देखने को मिल रही है.

ये भी पढ़ें-रिम्सः MBBS के छात्रों ने ओपीडी को किया बाधित, एनएमसी बिल का कर रहे विरोध

बढ़ती जा रही है मरीज की परेशानी
शनिवार से ही मरीज के साथ रिम्स प्रबंधन की ओर से लापरवाही बरती जा रही है, जिसको लेकर मरीज की परेशानी बढ़ती ही जा रही है और उसकी स्थिति गांभीर हो गई. प्रबंधन की ओर से मरीज को अभी तक बेड तक मुहैया नहीं कराया गया है. रिम्स में 2 दिन हो जाने के बावजूद भी मरीज को जमीन पर लिटाकर ही इलाज किया जा रहा है.

रिम्स में मरीज को नहीं मिल रही स्वास्थ्य की अच्छी सुविधा
बता दें कि सरकार की तरफ से झारखंड के आदिवासियों को सुविधा देने के दावे तो किए जाते हैं, लेकिन नामकुम से आई इस आदिवासी को अभी तक झारखंड के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में स्वास्थ्य लाभ सुविधा की मुहैया नहीं हुई है.

रांची: राजधानी के नामकुम इलाके में भालू के हमले से घायल मरीज नीली तिर्की का रिम्स में उचित इलाज नहीं हो पा रहा है. मरीज के परिजन बेहतर इलाज के लिए रिम्स में इधर-उधर भटक रहे हैं, लेकिन अभी तक उनका सुध लेने कोई नहीं आया है.

देखें पूरी खबर

रिम्स प्रबंधन की लापरवाही
वहीं, मरीज के परिजन ने बताया कि खेत में रोपनी करने गई नीली तिर्की पर जंगली भालू ने हमला कर दिया, जिससे वह बुरी तरह घायल हो गई. गंभीर स्थिति में आनन-फानन में उसे इलाज के लिए रिम्स लाया गया, जहां रिम्स प्रबंधन की लापरवाही देखने को मिल रही है.

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बढ़ती जा रही है मरीज की परेशानी
शनिवार से ही मरीज के साथ रिम्स प्रबंधन की ओर से लापरवाही बरती जा रही है, जिसको लेकर मरीज की परेशानी बढ़ती ही जा रही है और उसकी स्थिति गांभीर हो गई. प्रबंधन की ओर से मरीज को अभी तक बेड तक मुहैया नहीं कराया गया है. रिम्स में 2 दिन हो जाने के बावजूद भी मरीज को जमीन पर लिटाकर ही इलाज किया जा रहा है.

रिम्स में मरीज को नहीं मिल रही स्वास्थ्य की अच्छी सुविधा
बता दें कि सरकार की तरफ से झारखंड के आदिवासियों को सुविधा देने के दावे तो किए जाते हैं, लेकिन नामकुम से आई इस आदिवासी को अभी तक झारखंड के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में स्वास्थ्य लाभ सुविधा की मुहैया नहीं हुई है.

Intro:राजधानी के नामकुम इलाके में भालू के हमले की वजह से घायल मरीज नीली तिर्की को रीम्स में नहीं हो पा रहा है उचित इलाज़।

मरीज के परिजन ने बताया कि खेत में रोपनी करने गई नीली तिर्की को जंगल से निकलकर जंगली भालू ने पूरी तरह से घायल कर दिया।जिससे नीली तिर्की का मुह पूरी तरह घायल हो गया।

Body:स्थिति गंभीर होने की वजह से घायल नीली तिर्की को इलाज के लिए आनन-फानन में रिम्स लाया गया।जहां उसका प्राथमिक इलाज़ तो किया गया लेकिन उसके बाद रिम्स प्रबंधन की लापरवाही लगातार देखने को मिली।

दरअसल शनिवार से ही रिम्स में मरीज नीली तिर्की के साथ रिम्स प्रबंधन की ओर से लापरवाही बरती जा रही है। जिसको लेकर मरीज का दर्द बढ़ता ही जा रहा है और उसकी स्थिति गांभीर हो गई।

वहीं मरीज को अब तक प्रबंधन की ओर से बेड तक मुहैया नहीं कराया गया है, रिम्स में 2 दिन हो जाने के बावजूद भी मरीज को जमीन पर ही लेटा कर इलाज किया जा रहा है।

Conclusion:सरकार की तरफ से झारखंड के मूल निवासी आदिवासियों को सुविधा देने की दावे किए जाते हैं, लेकिन नामकुम से आई इस आदिवासी को अब तक राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में स्वास्थ्य लाभ को लेकर कोई सुविधा मुहैया नहीं हुई है।

फिलहाल नीली तिर्की के परिजन बेहतर इलाज के लिए रिम्स में इधर-उधर भटक रहे हैं लेकिन अब तक उनका सुध लेने वाला कोई नहीं आया है, जो निश्चित रूप से रिम्स प्रबंधन और सरकार के स्वास्थ्य विभाग के झूठे दावे की पोल खोलती है।

बाइट- गोमेश तिर्की, परिजन ।
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