रांची: झारखंड में पारिवारिक विवाद में घरेलू हिंसा के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. एनसीआरबी के द्वारा जारी किए गए आंकड़े है बता रहे हैं कि झारखंड में पारिवारिक विवाद की वजह से घरेलू हिंसा के मामले बढ़े हैं जिसमें सबसे ज्यादा हिंसा महिलाओं के साथ हुई है. खासकर तलाक और दहेज हत्या जैसे मामलों में बढ़ोतरी ज्यादा हुई है.
महिलाएं घर में भी सुरक्षित नहीं: एनसीआरबी के द्वारा जारी आंकड़े या बता रहे हैं कि झारखंड में महिलाएं अपने घर में भी सुरक्षित नहीं है. झारखंड में दहेज को लेकर प्रताड़ना और हत्या, घरेलू विवाद में पति के द्वारा प्रताड़ित करने के मामलों में बढ़ोतरी हुई है. एनसीआरबी के आंकड़े बताते हैं कि साल 2022 में महिला प्रताड़ना से जुड़े कुल 1550 मामले झारखंड में रिपोर्ट किए गए. साल 2021 में इसकी संख्या 1350 थी.
दहेज हत्या और प्रताड़ना के मामले में बढ़ोतरी: दहेज को कानूनी रूप से भले ही मान्यता प्राप्त नहीं है लेकिन दहेज के लिए झारखंड में सबसे ज्यादा महिलाओं को प्रताड़ना का शिकार होना पड़ा है. आंकड़े बताते हैं कि साल 2022 में पति के द्वारा प्रताड़ित किए जाने के 870 मामले सामने आए हैं जबकि 2021 में इसकी संख्या 850 थी. दहेज हत्या के मामलों में भी आश्चर्यजनक रूप से वृद्धि हुई है. साल 2022 में 215 महिलाएं दहेज के लिए मार डाली गईं. दहेज प्रताड़ना को लेकर भी अलग-अलग स्थान में कुल 1844 मामले रिपोर्ट किए गए.
पति के खिलाफ सबसे ज्यादा मामले: साल 2022 में झारखंड की महिलाओं ने सबसे ज्यादा अपने पति के खिलाफ थानों में कंप्लेंट दर्ज करवाई है. आंकड़े बताते हैं कि साल 2022 में 230 महिलाओं ने सिर्फ अपने पति पर इसलिए थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई क्योकि वे उनके साथ घर में मारपीट किया करते थे.
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