रांची: हुसैनाबाद को जिला का दर्जा नहीं देने से नाराज राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने हेमंत सरकार से समर्थन वापस ले लिया है. इसकी घोषणा हुसैनाबाद विधायक और एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष कमलेश कुमार सिंह ने औपचारिक रूप से कर दी है. राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को भी जल्द इस बाबत जानकारी दी जाएगी.
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कमलेश कुमार सिंह ने कहा कि हेमंत सोरेन के नेतृत्व में राज्य में यूपीए सरकार बनने के बाद से एनसीपी द्वारा लगातार समर्थन दिया जाता रहा है मगर बीते इन चार सालों में मुख्यमंत्री के द्वारा सिर्फ और सिर्फ आश्वासन ही दिया जाता रहा और अंत में हमें इस सरकार से समर्थन वापस लेने का निर्णय लेना पड़ा. जल्द ही राज्यपाल को समर्थन वापसी के संबंध में पत्र भेजा जाएगा. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार से लगातार हुसैनाबाद को जिला का दर्जा देने, बालू घाटों की बंदोबस्ती करने जैसे मुद्दे पर मांग की जा रही थी मगर अब तक सिर्फ आश्वासन ही मिला एक भी समस्या का समाधान जानबूझकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने नहीं किया.
2024 के चुनाव में यूपीए को चलेगा पता-सूर्या: वर्तमान समय में झारखंड में एनसीपी का एकमात्र विधायक कमलेश कुमार सिंह है. सरकार से समर्थन वापस लेने से हालांकि कोई खास प्रभाव हेमंत सरकार की सेहत पर नहीं पड़ेगी मगर चुनाव से पहले यूपीए से अलग होकर एनसीपी ने यह मैसेज देने का जरूर काम किया है कि जनता के मुद्दों पर वो सरकार से अलग भी हो सकती है.
एनसीपी के प्रदेश प्रवक्ता सूर्या सिंह कहते हैं कि डर इस बात की है कि 2024 के चुनाव में मुख्यमंत्री राज्य की जनता को क्या जवाब देंगे. वर्तमान समय में पलामू में एकमात्र एनसीपी का विधायक हेमंत सरकार के साथ था. बांकी कोई भी विधायक यूपीए में नहीं है. ऐसे में उसे भी अपनी करनी की वजह से मुख्यमंत्री ने गंवा दिया है. बीते वर्षों में कोरोना का समय छोड़कर के जो भी समय बिता है उसमें यह सरकार ने कोई ऐसा काम नहीं किया है जिससे जनता के बीच वो बेहिचक पहुंच सके. ऐसे में डर इस बात की है कि आखिर जनता से जो वादा किया गया था वह पूरा करने में सफल नहीं रही.