रांचीः महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के विवाद की तपिश झारखंड में भी पड़ रही है. प्रदेश में एनसीपी के एकमात्र विधायक कमलेश कुमार सिंह भी दलबदल के दायरे में हैं. अजित पवार गुट में शामिल झारखंड के एकमात्र एनसीपी विधायक कमलेश कुमार सिंह पर झारखंड स्पीकर ट्रिब्यूनल कोर्ट में पहली बार 12 अक्टूबर को सुनवाई होगी. एनसीपी शरद पवार गुट के महाराष्ट्र के विधायक जितेंद्र अव्हाड की शिकायत पर झारखंड स्पीकर ट्रिब्यूनल के द्वारा संज्ञान लिया गया है.
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इसको लेकर एनसीपी विधायक कमलेश कुमार सिंह ने कहा है कि वे घड़ी छाप के साथ हैं और ये किसका होगा यह चुनाव आयोग तय करने वाला है. विधानसभा में जो शिकायत दी गई है वह 10वीं अनुसूची का मामला नहीं है. एनसीपी अजित पवार गुट के राष्ट्रीय प्रवक्ता सूर्या सिंह ने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि आज भी चुनाव आयोग में इस मुद्दे पर सुनवाई चल रही है. 12 अक्टूबर की विधानसभा में होने वाली सुनवाई में पक्ष रखा जाएगा.
1 नवंबर को हेमंत सरकार से वापस ले लेंगे समर्थन- कमलेश सिंहः रांची में कमलेश सिंह की प्रेस वार्ता हुई, जिसमें उन्होंने हेमंत सरकार पर निशाना साधा और कहा कि यह सरकार जनता की उम्मीदों और आकांक्षाओं के विपरीत काम कर रही है. हुसैनाबाद को जिला बनाने की मांग 2021 से हो रही है मगर सरकार ने मांगें नहीं मानी. ऐसे में अगर 31 अक्टूबर तक मांग पूरी नहीं होंगी तो हम हेमंत सरकार से समर्थन वापस ले लेंगे.
विधायक कमलेश सिंह ने कहा कि राज्य में सरकार, अपराधी और पुलिस के गठजोड़ से बालू का अवैध कारोबार फल-फूल रहा है. उन्होंने कहा कि इस मामले को उनके द्वारा विधानसभा में सात बार उठाया गया, इसके बाबजूद सरकार सिर्फ आश्वासन देकर निश्चिंत हो जाती है. ऐसे में पीएम आवास के लाभुकों को बालू नहीं मिल रहा है, वे लाचार हैं. वहीं दूसरी ओर कालाबाजारी में ऊंचे दाम पर बालू बेची जा रही है. हेमंत सरकार के मुखिया बालू की कालाबाजारी कर अपनी जेब भरने में लगे हैं. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सूर्या सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर एनसीपी अजित पवार गुट एनडीए के साथ हैं और इंडिया गठबंधन के साथ उनका कोई नाता नहीं है. हमने विगत साढ़े तीन साल तक यूपीए को समर्थन देते रहे मगर जिस तरह से जनता की अपेक्षा और आकांक्षाओं को धुमिल किया गया कि उनके साथ यहां रहना बेहद ही मुश्किल है.