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पुलिस ने काटी 'उड़ता झारखंड' की डोर, लाल आतंक के अर्थतंत्र को पहुंचाई चोट - opium in jharkhand

पंजाब के युवाओं की तर्ज पर झारखंड के युवाओं को भी नशे के दलदल में धकेलने की नक्सलियों की साजिश को नाकाम करने के लिए पुलिस अलर्ट हो गई है. झारखंड में लाल आतंक पर लगाम लगाने के लिए पुलिस और सुरक्षा बल कई मोर्चों पर काम कर रहे हैं. एक तो उनकी धर-पकड़, उनको मुख्यधारा में लाने के प्रयास किए जा रहे हैं तो दूसरी ओर नशे के अवैध कारोबार के सहारे तैयार किए गए आर्थिक साम्राज्य पर चोट पहुंचाई जा रही है.

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पुलिस ने काटी 'उड़ता झारखंड' की डोर, लाल आतंक के अर्थतंत्र को पहुंचाई चोट
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Published : Jul 21, 2021, 9:13 AM IST

Updated : Jul 21, 2021, 11:17 AM IST

रांचीः नशे के कारोबारी पंजाब में युवाओं की नसों में बड़े पैमाने पर नशा घोल रहे हैं. इसको लेकर बीते सालों उड़ता पंजाब नाम की फिल्म भी बनी थी. इसी तर्ज पर पंजाब के नशे के सौदागरों की मिलीभगत से नक्सली यहां भी युवाओं को निशाना बना रहे हैं. यानी यहां उड़ता झारखंड की पटकथा तैयार कर रहे हैं. झारखंड में अफीम की खेती कराकर नक्सली आर्थिक संसाधन जुटा रहे हैं. यह कारोबार उनके अर्थ तंत्र को मजबूत करने में सबसे ज्यादा सहायक सिद्ध हुआ है.

पंजाब और उत्तर प्रदेश के तस्करों के साथ साठगांठ कर ही उग्रवादी यहां अफीम की खेती कराते हैं. ताकि उग्रवादी संगठन अवैध गतिविधियों के लिए धन जुटा सकें. इस पर प्रहार के लिए अब पुलिस ने इसको टारगेट पर ले लिया है. सीआईडी से मिले आंकड़ों के अनुसार, इसको लेकर साल 2021 के मई महीने तक झारखंड के अलग-अलग जिलों में पुलिस ने 2000 एकड़ में अफीम की फसल नष्ट की है.

ये भी पढ़ें-लाल आतंक की आर्थिक मोर्चेबंदी: नक्सलियों का अर्थ तंत्र तोड़ेगी पुलिस, नई रणनीति पर चल रहा काम


क्या है आंकड़ा

सीआईडी से मिली जानकारी के मुताबिक, अफीम के धंधे के साथ-साथ नशे के दूसरे कारोबार पर भी बीते सालों की तुलना में इस वर्ष पुलिस ने शिकंजा कसा है. झारखंड सीआईडी के आंकड़ों के अनुसार इस साल मई महीने तक पुलिस ने राज्यभर में 2006.60 एकड़ जमीन से अफीम की फसल नष्ट की है, जबकि साल 2020 में पुलिस ने पूरे साल में 1838.72 एकड़ से अफीम की फसल नष्ट की थी.

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पुलिस ने काटी 'उड़ता झारखंड' की डोर, लाल आतंक के अर्थतंत्र को पहुंचाई चोट



नौ जिलों में अफीम की खेती, सबसे ज्यादा खूंटी में

सीआईडी से मिले आंकड़ों के अनुसार इस वर्ष झारखंड के खूंटी जिले में सर्वाधिक 951.89 एकड़ से अफीम की खेती नष्ट की गई, जबकि खूंटी पुलिस ने वहां कुल 21 केस दर्ज कर 25 लोगों को जेल भेजा गया है. वहीं चतरा में अफीम की खेती से जुड़े सर्वाधिक 41 केस दर्ज हुए, वहां पुलिस ने 24 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा. वहीं 829.50 एकड़ से अफीम की खेती नष्ट की गई. लातेहार में 76.90 एकड़ भूमि से खेती नष्ट की गई, यहां कोई गिरफ्तारी नहीं हुई.

रांची में पुलिस ने 83.87 एकड़ भूमि, पलामू से 17 एकड़, चाईबासा से 17.25 एकड़, सरायकेला में 30 एकड़, सिमडेगा में 11 डिसमिल व गिरडीह में 8 डिसमिल क्षेत्र से अफीम की खेती नष्ट की। अफीम के खिलाफ चलाए गए अभियान के दौरान इस साल पुलिस ने 76 केस दर्ज कर राज्य भर से 82 लोगों को जेल भेजा. राजधानी रांची में भी इस वर्ष अफीम के खिलाफ अच्छी कामयाबी हासिल हुई, 10 जुलाई 2021 तक राजधानी से 22 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है इसमें कई अंतर राज्य तस्कर भी शामिल थे.

पुलिस चला रही अभियान


अफीम की खेती को नष्ट करने को लेकर पिछले साल से इस साल बेहतर अभियान पुलिस ने चलाया है. मार्च से लेकर मई महीने तक कोरोना के संपूर्ण लॉकडाउन के बावजूद इस साल अभियान में तेजी रही. बीते साल पुलिस ने अफीम की खेती से जुड़े 42 केस दर्ज किए थे, वहीं साल भर में 1838.72 एकड़ जमीन से अफीम की फसल नष्ट की गई थी. पुलिस ने तब चतरा में सर्वाधिक 808 एकड़, खूंटी में 666.75 एकड़, लातेहार में 137.5 एकड़, रांची में 170.95 एकड़, पलामू में 31.37 एकड़, हजारीबाग में 7 एकड़, गुमला में 1.50 एकड़, चाईबासा में 14.15 एकड़, रामगढ़ में 1.50 एकड़ भूमि से अफीम की खेती नष्ट की थी.

ये भी पढ़ें-झारखंड के गांव बन रहे हैं नशा मुक्त और राजधानी में हड़िया बन गई दवा

इतना नशीला पदार्थ बरामद किया


राज्य में नशे के हर तरह के कारोबार पर पुलिस ने शुरुआती पांच महीनों में शिकंजा कसा है. मई तक राज्य पुलिस ने अभियान चलाकर नशे के कारोबार करने वाले 358 लोगों को गिरफ्तार कर 249 केस दर्ज किए हैं. साल 2020 में 382 मामले दर्ज कर 524, 2019 में 256 मामले दर्ज कर 318, 2018 में 237 मामले दर्ज कर 301, 2017 में 186 मामले दर्ज कर 186 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. इस साल अलग अलग अभियार चलाकर पुलिस ने 833.126 ग्राम गांजा, 237.168 किलोग्राम अफीम, 15383.27 ग्राम डोडा, 1420.892 ग्राम ब्राउन सुगर व 536 पुडिया व 6.215 ग्राम हेरोइन बरामद किया है.

रांचीः नशे के कारोबारी पंजाब में युवाओं की नसों में बड़े पैमाने पर नशा घोल रहे हैं. इसको लेकर बीते सालों उड़ता पंजाब नाम की फिल्म भी बनी थी. इसी तर्ज पर पंजाब के नशे के सौदागरों की मिलीभगत से नक्सली यहां भी युवाओं को निशाना बना रहे हैं. यानी यहां उड़ता झारखंड की पटकथा तैयार कर रहे हैं. झारखंड में अफीम की खेती कराकर नक्सली आर्थिक संसाधन जुटा रहे हैं. यह कारोबार उनके अर्थ तंत्र को मजबूत करने में सबसे ज्यादा सहायक सिद्ध हुआ है.

पंजाब और उत्तर प्रदेश के तस्करों के साथ साठगांठ कर ही उग्रवादी यहां अफीम की खेती कराते हैं. ताकि उग्रवादी संगठन अवैध गतिविधियों के लिए धन जुटा सकें. इस पर प्रहार के लिए अब पुलिस ने इसको टारगेट पर ले लिया है. सीआईडी से मिले आंकड़ों के अनुसार, इसको लेकर साल 2021 के मई महीने तक झारखंड के अलग-अलग जिलों में पुलिस ने 2000 एकड़ में अफीम की फसल नष्ट की है.

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क्या है आंकड़ा

सीआईडी से मिली जानकारी के मुताबिक, अफीम के धंधे के साथ-साथ नशे के दूसरे कारोबार पर भी बीते सालों की तुलना में इस वर्ष पुलिस ने शिकंजा कसा है. झारखंड सीआईडी के आंकड़ों के अनुसार इस साल मई महीने तक पुलिस ने राज्यभर में 2006.60 एकड़ जमीन से अफीम की फसल नष्ट की है, जबकि साल 2020 में पुलिस ने पूरे साल में 1838.72 एकड़ से अफीम की फसल नष्ट की थी.

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पुलिस ने काटी 'उड़ता झारखंड' की डोर, लाल आतंक के अर्थतंत्र को पहुंचाई चोट



नौ जिलों में अफीम की खेती, सबसे ज्यादा खूंटी में

सीआईडी से मिले आंकड़ों के अनुसार इस वर्ष झारखंड के खूंटी जिले में सर्वाधिक 951.89 एकड़ से अफीम की खेती नष्ट की गई, जबकि खूंटी पुलिस ने वहां कुल 21 केस दर्ज कर 25 लोगों को जेल भेजा गया है. वहीं चतरा में अफीम की खेती से जुड़े सर्वाधिक 41 केस दर्ज हुए, वहां पुलिस ने 24 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा. वहीं 829.50 एकड़ से अफीम की खेती नष्ट की गई. लातेहार में 76.90 एकड़ भूमि से खेती नष्ट की गई, यहां कोई गिरफ्तारी नहीं हुई.

रांची में पुलिस ने 83.87 एकड़ भूमि, पलामू से 17 एकड़, चाईबासा से 17.25 एकड़, सरायकेला में 30 एकड़, सिमडेगा में 11 डिसमिल व गिरडीह में 8 डिसमिल क्षेत्र से अफीम की खेती नष्ट की। अफीम के खिलाफ चलाए गए अभियान के दौरान इस साल पुलिस ने 76 केस दर्ज कर राज्य भर से 82 लोगों को जेल भेजा. राजधानी रांची में भी इस वर्ष अफीम के खिलाफ अच्छी कामयाबी हासिल हुई, 10 जुलाई 2021 तक राजधानी से 22 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है इसमें कई अंतर राज्य तस्कर भी शामिल थे.

पुलिस चला रही अभियान


अफीम की खेती को नष्ट करने को लेकर पिछले साल से इस साल बेहतर अभियान पुलिस ने चलाया है. मार्च से लेकर मई महीने तक कोरोना के संपूर्ण लॉकडाउन के बावजूद इस साल अभियान में तेजी रही. बीते साल पुलिस ने अफीम की खेती से जुड़े 42 केस दर्ज किए थे, वहीं साल भर में 1838.72 एकड़ जमीन से अफीम की फसल नष्ट की गई थी. पुलिस ने तब चतरा में सर्वाधिक 808 एकड़, खूंटी में 666.75 एकड़, लातेहार में 137.5 एकड़, रांची में 170.95 एकड़, पलामू में 31.37 एकड़, हजारीबाग में 7 एकड़, गुमला में 1.50 एकड़, चाईबासा में 14.15 एकड़, रामगढ़ में 1.50 एकड़ भूमि से अफीम की खेती नष्ट की थी.

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इतना नशीला पदार्थ बरामद किया


राज्य में नशे के हर तरह के कारोबार पर पुलिस ने शुरुआती पांच महीनों में शिकंजा कसा है. मई तक राज्य पुलिस ने अभियान चलाकर नशे के कारोबार करने वाले 358 लोगों को गिरफ्तार कर 249 केस दर्ज किए हैं. साल 2020 में 382 मामले दर्ज कर 524, 2019 में 256 मामले दर्ज कर 318, 2018 में 237 मामले दर्ज कर 301, 2017 में 186 मामले दर्ज कर 186 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. इस साल अलग अलग अभियार चलाकर पुलिस ने 833.126 ग्राम गांजा, 237.168 किलोग्राम अफीम, 15383.27 ग्राम डोडा, 1420.892 ग्राम ब्राउन सुगर व 536 पुडिया व 6.215 ग्राम हेरोइन बरामद किया है.

Last Updated : Jul 21, 2021, 11:17 AM IST
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