रांची: तुपुदाना इलाके में एक बार फिर नक्सलियों ने पोस्टरबाजी की गई है. ओपी क्षेत्र के हरदाग चौक स्थित वीरेंद्र प्रधान के प्लांट के गेट पर पीएलएफआई के नाम से पोस्टरबाजी कर दहशत फैलाने का प्रयास किया गया है. पोस्टर में लिखा हुआ था कि वीरेंद्र प्रधान एक जान दो नहीं तो दो करोड़ रुपए दो.
दहशत में हैं हरदाग क्षेत्र के लोग
प्लांट में रहने वाले गार्ड सुनील कुमार ने पोस्टर देखा तो तुपुदाना पुलिस को सूचना दी. सूचना पर तुपुदाना पुलिस मौके पर पहुंचकर पानी से भीगा हुआ पोस्टर को उखाड़कर जब्त कर लिया है. वहीं पोस्टरबाजी किए जाने से क्षेत्र के लोगों में दहशत फैल गया है. पोस्टरबाजी की खबर आग की तरह पूरे क्षेत्र में फैल गई. लोग हरदाग चौक में जमा होकर तरह-तरह की बात करने लगे.
पूर्व में भी यह क्षेत्र पीएलएफआई के उग्रवादियों के चंगुल में था. शाम में ही पूरी दुकानें बंद हो जाती थीं. हाल के दिनों में स्थिति में कुछ सुधार हुआ था, लेकिन एक बार फिर हजाम के क्रशर और खदानों में पोस्टरबाजी के बाद रांची-खूंटी सीमा पर स्थित हरदाग में पोस्टरबाजी की घटना से दहशत में है. पास के ही वास्तु विहार में रहने वाले हजारों लोग भी दहशत में आ गए हैं. स्थानीय नागरिकों का कहना है कि इस क्षेत्र में पुलिस की गश्ती अब नहीं के बराबर है, जिससे खूंटी क्षेत्र के नक्सली इधर अपना ठिकाना बना लिए हैं.
5 साल पहले भी लगाए गए थे
जानकारी के अनुसार प्लांट में वर्ष 2015 में भी पोस्टरबाजी की घटना हुई थी. प्लांट संचालक वीरेंद्र प्रधान से 1 करोड़ रुपए की मांग की गई थी. 2015 में पोस्टरबाजी की घटना बीतने के दो दिन बाद फोन कर रुपए की मांग की गई थी. हालांकि मामले की सूचना मिलने के बाद तुपुदाना पुलिस ने कार्रवाई करते हुए एक आरोपी को गिरफ्तार किया था.
पुलिस लोकेशन के आधार पर खूंटी में पीएलएफआई के नक्सली लाका पाहन को गिरफ्तार कर जेल भेजा था. इस बार भी पोस्टर में लिखा हुआ था कि "विरेंद्र प्रधान एक जान दो नहीं तो दो करोड़ रुपए दो. इससे पहले भी एक करोड़ रुपए मांगे गए थे. तुमने रुपया नहीं दिया था और पुलिस को खबर कर दी था. इस मामले में तुम्हें बख्श दिया गया था, लेकिन बार-बार तुमको बख्शा नहीं जाएगा. अब तुम पर कार्रवाई किया जाएगा. पुलिस को खबर किया तो अंजाम बुरा होगा. विशाल जी जोनल कमांडर पीएलएफआई"
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तुपुदाना बनता जा रहा है उग्रवादियों का ठिकाना
रांची का तुपुदाना इलाका पीएलएफआई उग्रवादियों का ठिकाना बनता जा रहा है. पिछले कुछ वर्षों से इस इलाके में उग्रवादी सक्रिए हो गए हैं. पोस्टरबाजी, आगजनी से लेकर जमीन कारोबारियों की हत्या की वारदात को अंजाम दे चुके हैं. पीएलएफआई के उग्रवादियों ने तुपुदाना इलाके के क्रशर व्यापारियों, कारोबारियों, जमीन कारोबारियों और बालू व्यवसाय से जुड़े लोगों से लेवी वसूली करते हैं.
बताया जा रहा है कि उग्रवादी की ओर से क्रशर व्यवसायियों से पांच से 10 हजार रुपये प्रतिमाह, बड़े व्यवसायियों और जमीन कारोबारियों से 20 से 50 हजार रुपये तक की लेवी की वसूली की जाती है. हालांकि कुछ उग्रवादियों को पुलिस ने इस इलाके से पकड़ा भी है. मगर ज्यादातर मामलों में अब तक पुलिस को सफलता नहीं मिल पायी है.