रांची: नक्सली संगठन भाकपा माओवादियों ने 28 जुलाई से लेकर 3 अगस्त तक शहीद सप्ताह मनाने का एलान किया है. शहीद सप्ताह को सफल बनाने के लिए बड़े पैमाने पर भाकपा माओवादियों के द्वारा पोस्टर बैनर तैयार कर पुलिस के खिलाफ ग्रामीणों को भड़काने का काम शुरू किया गया है. भाकपा माओवादियों ने एक पत्र जारी कर के भी संगठन की शक्ति को वापस लाने के लिए गुरिल्ला वार तेज करने का आह्वान किया है.
ये भी पढ़ें- आखिर, माओवादियों को क्यों पसंद था बूढ़ा पहाड़, पढ़ें ये रिपोर्ट
सेंट्रल कमिटी ने जारी किया पत्र: माओवादियों के सेंट्रल कमेटी ने शहीद सप्ताह को लेकर 23 पन्नों का एक बुकलेट जारी किया है. जिसमें अपनी खोई हुई ताकत को वापस पाने के लिए माओवादियों के सेंट्रल कमेटी ने कुछ ऐसे फैसले लिए हैं जो भविष्य में झारखंड सहित कई राज्यों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं. साल 2023-24 के लिए भाकपा माओवादियों ने नए लक्ष्य तय किए हैं. 23 पन्नों के बुकलेट में माओवादियों ने अपने भविष्य के इरादे भी जाहिर करने की कोशिश की है. सेंट्रल कमेटी के द्वारा जारी बुकलेट के मुताबिक, बिहार-झारखंड, पूर्वी बिहार और पूर्वोतर झारखंड, दंडकारण्य को एक बार फिर से आधार क्षेत्र बनाने का लक्ष्य रखा गया है.
ग्रामीणों को भड़काने की कोशिश: नक्सली के द्वारा जो पत्र जारी किया गया है उसके जरिए नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के ग्रामीणों को पुलिस के खिलाफ भड़काने की पूरी कोशिश की गई है. ग्रामीणों से अपील की गई है कि जल जंगल जमीन पर सिर्फ और सिर्फ आदिवासियों का अधिकार है. उन इलाकों में कैंप स्थापित कर पुलिस ग्रामीणों के अधिकार क्षेत्र में खलल डाल रही है. ऐसे में ग्रामीण उनका विरोध करें. पत्र में भाकपा माओवादियों के वैसे बड़े नेता जो अब इस दुनिया में नहीं रहे हैं उनके द्वारा किए गए कार्यों का बखान किया गया है.
शहीद सप्ताह के दौरान के कार्यक्रम भी तय: माओवादी कैडरों के साथ-साथ आम लोगों से माओवादियों ने अपील की है कि वे लोग 3 अगस्त तक देशभर में गांव शहरों से लेकर हर जगह क्रांतिकारी आंदोलन के प्रमुख नेता कामरेड आनंद की स्मृति में सभाएं आयोजित करें. वैसे नक्सली जो पुलिस से मुठभेड़ में मारे गए हैं उन्हें नक्सलियों में शहीद का दर्जा देते हुए उनके परिजनों की मदद की भी अपील की है. शहीद सप्ताह के दौरान गोरिल्ला वार के साथ-साथ पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारे गए नक्सलियों की याद में क्रांतिकारी गीत, सभा, नाट्य मंचन तक करने का निर्देश पत्र में दिया गया है.
राज्य में विशेष सतर्कता बरतने की हिदायत: 28 जुलाई से शुरू होने वाले शहीद सप्ताह को लेकर झारखंड पुलिस ने अभी से अपनी तैयारियां पूरी कर ली है. नक्सल प्रभावित इलाकों में पहले से चल रहे अभियान को और तेज कर दिया गया है. खासकर वैसे इलाका जहां से नक्सलियों को खदेड़ दिया गया है वहां विशेष निगरानी बरतने की हिदायत दी गई है.
पुलिस मुठभेड़ में मारे गए साथियों की याद में मनाते है शहीद सप्ताह: गौरतलब है कि भाकपा माओवादी पुलिस मुठभेड़, बीमारी और हादसे में मारे गए अपने साथियों की याद में हर साल शहीद सप्ताह मनाते हैं. जानकारी के मुताबिक, पिछले दो एक साल में देशभर में 290 से ज्यादा माओवादियों की मौत पुलिस मुठभेड़ या अन्य वजहों से हुई है. शहीद सप्ताह के दौरान नक्सली बड़ी वारदातों को अंजाम देने की कोशिश करते हैं, ताकि वह अपनी धमक दिखा सके.