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चाईबासा जेल ब्रेक में फरार नक्सली ने सीआईडी के सामने किया सरेंडर, जेल से फरार होने के बाद ओडिशा में बन गया था ड्राइवर - नक्सल न्यूज

झारखंड के चाईबासा जिले में हुए जेल ब्रेक कांड के आरोपी नक्सली रणबीर पात्रो ने सीआईडी के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है. चाईबासा के चर्चित जेल ब्रेक कांड की जांच सीआईडी की टीम के द्वारा की जा रही थी. साल 2014 में चाईबासा जेल ब्रेक के दौरान रणबीर भी फरार होने वाले नक्सलियों में शामिल था.

Naxalite Ranbir Patro surrendered
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Published : Mar 25, 2021, 7:25 PM IST

रांची: चाईबासा जेल ब्रेक के दौरान जेल से फरार होने वाले नक्सलियों में रणबीर पात्रो भी शामिल था. इस संबंध में चाईबासा के सदर थाना में रणवीर समेत फरार होने वाले दूसरे नक्सलियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी. रणबीर पात्रो ने सीआईडी के सामने आत्मसमर्पण कर दिया.

ये भी पढ़ें- झारखंड : दस लाख के इनामी नक्सली कमांडर जीवन कंडुलना ने किया आत्मसमर्पण

ड्राइवर की नौकरी कर रहा था

सीआईडी के सामने आत्मसमर्पण करने के बाद रणवीर ने बताया है कि वह फरार होने के बाद ओडिशा के सुंदरगढ़ में रह रहा था. जीवन यापन करने के लिए वह ड्राइवर का काम कर रहा था. दरअसल, सीआईडी की टीम ने रणबीर के परिजनों से संपर्क किया था ताकि वह सरेंडर कर दे. परिजनों की पहल पर रणबीर ने ओडिशा में ही सीआईडी के सामने आत्मसमर्पण कर दिया, जिसके बाद उसे चाईबासा कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया.

क्या है पूरा मामला

9 दिसंबर 2014 को चाईबासा में नक्सलियों के द्वारा जेल ब्रेक की घटना को अंजाम दिया गया था. इस दौरान जेल से भाग रहे दो नक्सलियों को पुलिस ने मार गिराया था, जबकि जेलब्रेक में 15 नक्सली भागने में सफल रहे थे. फरार 15 नक्सलियों में से एक नक्सली जॉनसन को ग्रामीणों ने फरारी के 3 महीने के बाद पीट-पीटकर मार डाला था. चाईबासा जेल ब्रेक के दौरान 15 नक्सलियों ने कैदी वाहन के चाईबासा जेल परिसर में पहुंचते ही जेल रक्षकों पर हमला कर दिया था और मौके से फरार हो गए थे.

रांची: चाईबासा जेल ब्रेक के दौरान जेल से फरार होने वाले नक्सलियों में रणबीर पात्रो भी शामिल था. इस संबंध में चाईबासा के सदर थाना में रणवीर समेत फरार होने वाले दूसरे नक्सलियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी. रणबीर पात्रो ने सीआईडी के सामने आत्मसमर्पण कर दिया.

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ड्राइवर की नौकरी कर रहा था

सीआईडी के सामने आत्मसमर्पण करने के बाद रणवीर ने बताया है कि वह फरार होने के बाद ओडिशा के सुंदरगढ़ में रह रहा था. जीवन यापन करने के लिए वह ड्राइवर का काम कर रहा था. दरअसल, सीआईडी की टीम ने रणबीर के परिजनों से संपर्क किया था ताकि वह सरेंडर कर दे. परिजनों की पहल पर रणबीर ने ओडिशा में ही सीआईडी के सामने आत्मसमर्पण कर दिया, जिसके बाद उसे चाईबासा कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया.

क्या है पूरा मामला

9 दिसंबर 2014 को चाईबासा में नक्सलियों के द्वारा जेल ब्रेक की घटना को अंजाम दिया गया था. इस दौरान जेल से भाग रहे दो नक्सलियों को पुलिस ने मार गिराया था, जबकि जेलब्रेक में 15 नक्सली भागने में सफल रहे थे. फरार 15 नक्सलियों में से एक नक्सली जॉनसन को ग्रामीणों ने फरारी के 3 महीने के बाद पीट-पीटकर मार डाला था. चाईबासा जेल ब्रेक के दौरान 15 नक्सलियों ने कैदी वाहन के चाईबासा जेल परिसर में पहुंचते ही जेल रक्षकों पर हमला कर दिया था और मौके से फरार हो गए थे.

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