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पुलिस को ट्रैप कर नुकसान पहुंचाने की साजिश में हैं नक्सली, खुफिया विभाग ने किया अलर्ट - Naxalite organization CPI Maoists plotting

झारखंड में नक्सली संगठन भाकपा माओवादियों की ओर से पुलिस बलों को ट्रैप कर नुकसान पहुंचाने की साजिश रची जा रही है. अलर्ट रहने की वजह से ही पुलिस कई बार नक्सलियों के टारगेट से बची है.

Naxalite organization CPI Maoists plotting in Jharkhand
नक्सली संगठन भाकपा माओवादी का पुलिस पर निशाना
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Published : Mar 1, 2021, 3:46 AM IST

रांची: झारखंड में क्रियाशील सबसे बड़े नक्सली संगठन भाकपा माओवादियों की ओर से पुलिस बलों को ट्रैप कर नुकसान पहुंचाने की साजिश रची जा रही है. पुलिस के खुफिया विभाग ने इस मामले को लेकर अलर्ट भी जारी किया है. अलर्ट रहने की वजह से ही पुलिस कई बार नक्सलियों के टारगेट होने से भी बची है. पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण करने वाले जोनल कमांडर जीवन कंडुलना ने भी इस संबंध में अहम खुलासे किये हैं.

ये भी पढ़ें-नए साल के एक दिन पहले खूंटी में नक्सलियों की धमक, पोस्टरबाजी कर दहशत फैलाने की कोशिश

कैसे रची गयी थी साजिश
झारखंड-छत्तीसगढ़ सीमा पर भाकपा माओवादियों ने खनन कंपनी के तीन कर्मियों का अपहरण किया था. खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक, अपहरण के बाद कर्मियों को बूढ़ापहाड़ इलाके में ले जाया गया था. माओवादियों की साजिश थी कि अपहरण के बाद बूढ़ापहाड़ इलाके में आने पर पुलिस बलों को टारगेट किया जा सके. इसके लिए माओवादियों ने आईईडी का जाल भी बिछाया था. पहले भी ऐसी ही साजिश कर माओवादी पारसनाथ में सुरक्षा बलों को अपना निशाना बना चुके हैं. हालांकि, पुलिस को नक्सलियों के इस चाल की भनक पहले ही लग गई थी, इस वजह से एक बड़ी वारदात टल गई.

चाईबासा में कई जगहों पर लगाया गया है आईईडी

जोनल कमांडर जीवन कंडुलना के मुताबिक, चाईबासा में कई जगहों पर पुलिस बलों को टारगेट करने के लिए आईईडी बम लगाए गए हैं. जीवन की निशानदेही पर चली अभियान के बाद अलग-अलग जगहों से आईईडी की बरामदगी भी हुई है. राज्य पुलिस मुख्यालय के आईजी अभियान ने नक्सलियों के ट्रैप से पुलिस बलों के फंसने से रोकने के लिए कई निर्देश जारी किए हैं. नक्सल प्रभावित इलाकों में कार्ययत सभी पुलिसकर्मियों को स्पष्ट निर्देश है कि वह इलाके में किसी भी तरह की हत्या या वारदात की सूचना के बाद पहले पूरे मामले की जानकारी लें, इसके बाद पूरी तैयारी के साथ इलाके में मूव करें.

ये भी पढ़ें-माओवादी घटना से उबली झारखंड पुलिस, नक्सलियों का जल्द होगा खात्मा: डीजीपी

कच्चे रास्तों पर मूवमेंट करने की मनाही

पुलिस मुख्यालय ने अपने निर्देश में आशंका जताई थी कि बैनर पोस्टर लगाकर भी माओवादी मौके पर पहुंचने वाली पुलिस टीम पर हमला कर सकते हैं. पुलिसकर्मियों को स्पष्ट निर्देश है कि वह अभियान या मूवमेंट के दौरान कच्चे रास्तों पर मूवमेंट ना करें. अभियान में बम डिस्पोजल स्कवायड की टीम साथ-साथ होगी.

रांची: झारखंड में क्रियाशील सबसे बड़े नक्सली संगठन भाकपा माओवादियों की ओर से पुलिस बलों को ट्रैप कर नुकसान पहुंचाने की साजिश रची जा रही है. पुलिस के खुफिया विभाग ने इस मामले को लेकर अलर्ट भी जारी किया है. अलर्ट रहने की वजह से ही पुलिस कई बार नक्सलियों के टारगेट होने से भी बची है. पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण करने वाले जोनल कमांडर जीवन कंडुलना ने भी इस संबंध में अहम खुलासे किये हैं.

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कैसे रची गयी थी साजिश
झारखंड-छत्तीसगढ़ सीमा पर भाकपा माओवादियों ने खनन कंपनी के तीन कर्मियों का अपहरण किया था. खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक, अपहरण के बाद कर्मियों को बूढ़ापहाड़ इलाके में ले जाया गया था. माओवादियों की साजिश थी कि अपहरण के बाद बूढ़ापहाड़ इलाके में आने पर पुलिस बलों को टारगेट किया जा सके. इसके लिए माओवादियों ने आईईडी का जाल भी बिछाया था. पहले भी ऐसी ही साजिश कर माओवादी पारसनाथ में सुरक्षा बलों को अपना निशाना बना चुके हैं. हालांकि, पुलिस को नक्सलियों के इस चाल की भनक पहले ही लग गई थी, इस वजह से एक बड़ी वारदात टल गई.

चाईबासा में कई जगहों पर लगाया गया है आईईडी

जोनल कमांडर जीवन कंडुलना के मुताबिक, चाईबासा में कई जगहों पर पुलिस बलों को टारगेट करने के लिए आईईडी बम लगाए गए हैं. जीवन की निशानदेही पर चली अभियान के बाद अलग-अलग जगहों से आईईडी की बरामदगी भी हुई है. राज्य पुलिस मुख्यालय के आईजी अभियान ने नक्सलियों के ट्रैप से पुलिस बलों के फंसने से रोकने के लिए कई निर्देश जारी किए हैं. नक्सल प्रभावित इलाकों में कार्ययत सभी पुलिसकर्मियों को स्पष्ट निर्देश है कि वह इलाके में किसी भी तरह की हत्या या वारदात की सूचना के बाद पहले पूरे मामले की जानकारी लें, इसके बाद पूरी तैयारी के साथ इलाके में मूव करें.

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कच्चे रास्तों पर मूवमेंट करने की मनाही

पुलिस मुख्यालय ने अपने निर्देश में आशंका जताई थी कि बैनर पोस्टर लगाकर भी माओवादी मौके पर पहुंचने वाली पुलिस टीम पर हमला कर सकते हैं. पुलिसकर्मियों को स्पष्ट निर्देश है कि वह अभियान या मूवमेंट के दौरान कच्चे रास्तों पर मूवमेंट ना करें. अभियान में बम डिस्पोजल स्कवायड की टीम साथ-साथ होगी.

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