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कुख्यात नक्सली जेठा कच्छप को हाई कोर्ट से मिली जमानत, हिरासत की अवधि को देखते हुए अदालत ने सुनाया फैसला - झारखंड खबर

कुख्यात नक्सली जेठा कच्छप को झारखंड हाई कोर्ट से जमानत मिल गई है. अदालत ने हिरासत की अवधि को देखते हुए उसे बेल दिया है.

Naxalite Jetha Kachhap gets bail from Jharkhand High Court
Naxalite Jetha Kachhap gets bail from Jharkhand High Court
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Published : Feb 28, 2022, 10:16 PM IST

Updated : Mar 1, 2022, 6:45 AM IST

रांची: प्रतिबंधित संगठन पीएलएफआई नक्सली जेठा कच्छप को झारखंड हाई कोर्ट से जमानत मिल गई है. अदालत ने मामले में दोनों पक्षों को सुनने के उपरांत आरोपी की हिरासत की अवधि को देखते हुए उसे जमानत दी है. अदालत ने उसे ट्रायल के दौरान सहयोग करने की शर्त पर जमानत दी है. लगभग 50 मामले में वह आरोपी है. खूंटी के तोरपा के एक मामले में रांची के तुपुदाना से 2014 में पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था. उसी मामले में बेल मिला है.

ये भी पढ़ें- सातवीं से दसवीं जेपीएससी में नया विवाद शुरू, हाई कोर्ट में याचिका दायर

झारखंड हाई कोर्ट से जमानत: झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस आनंद सेन की अदालत में इस मामले पर सुनवाई हुई. जेठा कच्छप की ओर से अधिवक्ता ने अदालत से जमानत की गुहार लगाई. उन्होंने अदालत को बताया कि वर्ष 2014 से वह जेल में है. हिरासत की अवधि लगभग 8 वर्ष हो गई है. इसलिए जमानत दे दी जाए. वहीं सरकार के अधिवक्ता ने जमानत का विरोध किया और कहा कि कुख्यात उग्रवादी है. लगभग 50 आपराधिक मामलों में आरोपी है. इसलिए उसे जमानत नहीं दिया जाए. अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के उपरांत जमानत दी है.

रांची पुलिस ने वर्ष 2014 में जेठा कच्छप को रांची के तुपुदाना थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया था. जेठा कच्छप ने अपने चाचा पलटू मुंडा की हत्या का बदला लेने के लिए हथियार उठाया था. पुलिस को दिए कंफेशन में 50 से ज्यादा हत्याकांड के आरोपी जेठा ने बताया कि उसके अंकल की हत्या गांव के ही फूलचंद होरो ने कर दी थी. जब बागी फौजी राजकमल गोप को संगठन का जोनल कमांडर बनाया गया था. तब जेठा कच्छप उसके संपर्क में आया और चाचा के हत्यारों से बदला लेने के लिए जेएलटी से जुड़ गया.

बाद में नक्सली संगठन के सुप्रीमो दिनेश गोप ने इसका नाम जेएलटी से बदलकर पीएलएफआई कर दिया. राजकमल गोप के साथ मिलकर जेठा ने अपने चाचा की हत्या का बदला लेते हुए आरोपी फूलचंद की हत्या कर दी थी. रांची की अदालत ने पीएलएफआई के नक्सली जेठा कच्छप को दस साल आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. वह 50 हत्याओं का आरोपी है. हालांकि हत्याकांड में कोई गवाह नहीं होने से वह हर केस से बरी होता रहा है.

रांची: प्रतिबंधित संगठन पीएलएफआई नक्सली जेठा कच्छप को झारखंड हाई कोर्ट से जमानत मिल गई है. अदालत ने मामले में दोनों पक्षों को सुनने के उपरांत आरोपी की हिरासत की अवधि को देखते हुए उसे जमानत दी है. अदालत ने उसे ट्रायल के दौरान सहयोग करने की शर्त पर जमानत दी है. लगभग 50 मामले में वह आरोपी है. खूंटी के तोरपा के एक मामले में रांची के तुपुदाना से 2014 में पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था. उसी मामले में बेल मिला है.

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झारखंड हाई कोर्ट से जमानत: झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस आनंद सेन की अदालत में इस मामले पर सुनवाई हुई. जेठा कच्छप की ओर से अधिवक्ता ने अदालत से जमानत की गुहार लगाई. उन्होंने अदालत को बताया कि वर्ष 2014 से वह जेल में है. हिरासत की अवधि लगभग 8 वर्ष हो गई है. इसलिए जमानत दे दी जाए. वहीं सरकार के अधिवक्ता ने जमानत का विरोध किया और कहा कि कुख्यात उग्रवादी है. लगभग 50 आपराधिक मामलों में आरोपी है. इसलिए उसे जमानत नहीं दिया जाए. अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के उपरांत जमानत दी है.

रांची पुलिस ने वर्ष 2014 में जेठा कच्छप को रांची के तुपुदाना थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया था. जेठा कच्छप ने अपने चाचा पलटू मुंडा की हत्या का बदला लेने के लिए हथियार उठाया था. पुलिस को दिए कंफेशन में 50 से ज्यादा हत्याकांड के आरोपी जेठा ने बताया कि उसके अंकल की हत्या गांव के ही फूलचंद होरो ने कर दी थी. जब बागी फौजी राजकमल गोप को संगठन का जोनल कमांडर बनाया गया था. तब जेठा कच्छप उसके संपर्क में आया और चाचा के हत्यारों से बदला लेने के लिए जेएलटी से जुड़ गया.

बाद में नक्सली संगठन के सुप्रीमो दिनेश गोप ने इसका नाम जेएलटी से बदलकर पीएलएफआई कर दिया. राजकमल गोप के साथ मिलकर जेठा ने अपने चाचा की हत्या का बदला लेते हुए आरोपी फूलचंद की हत्या कर दी थी. रांची की अदालत ने पीएलएफआई के नक्सली जेठा कच्छप को दस साल आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. वह 50 हत्याओं का आरोपी है. हालांकि हत्याकांड में कोई गवाह नहीं होने से वह हर केस से बरी होता रहा है.

Last Updated : Mar 1, 2022, 6:45 AM IST
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