रांचीः झारखंड के सबसे बड़े नक्सली संगठन भाकपा माओवादी को एक और बड़ा झटका लगा है. संगठन का एक प्रमुख चेहरा और 15 लाख का इनामी दुर्योधन महतो उर्फ मिथिलेश सिंह ने आत्मसमर्पण कर दिया है. शुक्रवार को झारखंड पुलिस के समक्ष मिथिलेश का विधिवत आत्मसमर्पण किया.
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20 वर्षों से था सक्रियः 15 लाख का इनामी दुर्योधन महतो झारखंड पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ था. लेकिन हाल के दिनों में संगठन में दुर्योधन के साथ भेदभाव किया जा रहा था. इससे परेशान था. बता दें कि बोकारो, गिरिडीह और उत्तरी छोटानागपुर कमेटी के सैक कमांडर रहते दुर्योधन ने कई नक्सली घटनाओं को अंजाम दिया है. मिली जानकारी के अनुसार दुर्योधन महतो कुछ दिन पहले ही संगठन से निकलकर पुलिस के पास पहुंच गया था. अब उसने आईजी अभियान के सामने विधिवत आत्मसमर्पण कर दिया है.
साल का 11वां आत्मसमर्पणः झारखंड में नक्सलियों के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जा रहा है. इससे नक्सली संगठनों में दहशत का माहौल है. यही वजह है कि छोटे से लेकर बड़े नक्सली आत्मसमर्पण करने का मन बना रहे हैं. जनवरी 2023 से लेकर अब तक झारखंड पुलिस के सामने 11 नक्सली हथियार डाल चुके हैं. झारखंड पुलिस मुख्यालय से मिली जानकारी के अनुसार वर्तमान समय में एक दर्जन से ज्यादा माओवादी हथियार डालने के लिए पुलिस के संपर्क में हैं.
दुर्योधन ने संगठन से की गद्दारीः भाकपा माओवादी संगठन ने आत्मसमर्पण करने वाले दुर्योधन महतो के साथ साथ उसकी पत्नी सुजाता को गद्दार बताया है. दुर्योधन महतो के संगठन से अलग होने के बाद उत्तरी छोटानागपुर जोनल कमेटी ने एक पर्चा जारी किया है, जिसमें बताया गया है कि दुर्योधन ने भाकपा माओवादी से गद्दारी की और सुजाता को लेकर 15 जनवरी की रात आठ बजे भाग गया. संगठन ने 52.7 लाख नकद, एक टेबलेट, 83 हजार का एक मोबाइल फोन सहित कई डिजिटल उपकरण लेकर भागने का आरोप लगाया है. इसके साथ ही दुर्योधन की जगह रघुनाथ हेंब्रम उर्फ बीरसेन को जिम्मेदारी दी गई है, जिसपर झारखंड पुलिस ने 25 लाख का इनाम रखा है.