रांचीः झारखंड के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर अफीम की खेती की गई है. नक्सलियों के सहयोग से किए गए इस खेती को नष्ट करने में पुलिस लगातार लगी हुई है. लेकिन अफीम की खेती को नष्ट होता हुआ देख नक्सली खासे परेशान हैं. पुलिस पार्टी अफीम की खेती को नष्ट न कर पाए इसके लिए नक्सलियों ने खतरनाक साजिश रची है.
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नक्सलियों ने अफीम के खेतों की तरफ जाने वाले रास्तों में छोटे-छोटे आईईडी बम बिछा दिए हैं. ताकि जवान अगर उधर से गुजरे तो वे निशाना बन जाए. नक्सलियों की साजिश है कि वह किसी तरह अफीम की फसल तैयार होने तक सुरक्षाबलों को रोक सके.
अफीम की खेती से करोड़ों कमाते हैं
झारखंड में नक्सलियों के लिए अफीम सबसे बड़ा आय का साधन है. झारखंड का सबसे बड़ा नक्सली संगठन भाकपा माओवादी हो या दूसरे संगठन, सभी भोले-भाले ग्रामीणों को बहला-फुसलाकर या डरा धमकाकर बड़े पैमाने पर अफीम की खेती करवाते हैं, फसल तैयार होने पर उसे बेचकर करोड़ों रुपए कमाते हैं और फिर इन्हीं पैसों के बल पर वे सरकार के खिलाफ जंग छेड़े हुए हैं.
तकनीक के बल पर जबरदस्त कार्रवाई जारी
दूसरी तरफ झारखंड पुलिस वैसे नक्सल प्रभावित जिले जहां अफीम की खेती की जा रही है उन्हें नष्ट करने में लगी हुई है. जनवरी महीने में झारखंड के चतरा, रांची, गढ़वा, खूंटी जैसे जिलों में लगभग हर दिन ही अफीम की फसल को नष्ट किया जा रहा है. यह सब संभव हुआ है नई तकनीक के बल पर. दरअसल अब झारखंड पुलिस सैटेलाइट की मदद से नक्सलियों के द्वारा अफीम की फसल के खेतों का पता लगा उन्हें लगातार नष्ट कर रही है. पुलिस की इस कार्रवाई से नक्सली बौखला गए हैं क्योंकि वे जानते हैं अगर अफीम की फसल बाजार तक नहीं पहुंची तो उन्हें करोड़ों का नुकसान होगा.
रची खतरनाक साजिश
इसी बीच नक्सलियों ने अपने अफीम की फसल को बचाने के लिए पुलिस पार्टी के खिलाफ खतरनाक साजिश रच डाली. नक्सलियों ने रातों-रात अफीम की फसल के खेत में पहुंचने के रास्तों में छोटे-छोटे आईईडी बम लगा दिए, ताकि जब जवान उस और से गुजरे तो उन्हें निशाना बनाया जा सके. नक्सली अगर अपने इस मंसूबे में कहीं भी कामयाब होते तो जाहिर तौर पर अफीम के खिलाफ चला अभियान थोड़ा धीमा हो जाता. लेकिन समय रहते नक्सलियों की इस साजिश का पता पुलिस के जवानों को लग गया जिसके बाद रास्तों में बिछाए गए आईईडी बमों को निष्क्रिय कर दिया गया.
अलर्ट जारी
जैसे ही नक्सलियों की साजिश की सूचना पुलिस मुख्यालय को मिली, डीजीपी के तरफ से आनन-फानन में वैसे जिले जहां नक्सली अफीम की खेती करवा रहे हैं. उनके पुलिस अधीक्षकों को तुरंत अपने जवानों को अलर्ट रहने का आदेश जारी कर दिया. पुलिस मुख्यालय के तरफ से यह स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि कहीं भी अफीम की फसल को नष्ट करने टीम निकले तो वहां सबसे पहले बम निरोधक दस्ते से रूट क्लीयरेंस करवा लिया जाए.
राजधानी में पुलिस हुई सतर्क
झारखंड की राजधानी रांची के ग्रामीण इलाकों में घने जंगलों के बीच नक्सलियों में बड़े पैमाने पर अफीम की खेती की है, जिसे लगातार नष्ट किया जा रहा है. रांची के सीनियर एसपी अनीश गुप्ता ने भी अफीम नष्ट करने जाने वाले अपने अधिकारियों और जवानों को निर्देश दिया है कि वह पूरी तरह से अलर्ट रहे खासकर जहां कहीं भी विस्फोटक होने का अंदेशा है. उसे पहले बम निरोधक दस्ते से चेक करवाया जाए ताकि किसी तरह की हानि पुलिस पार्टी को ना उठाना पड़े.
अर्थतंत्र पर चोट से बौखलाए नक्सली
दरअसल नक्सली अपने अर्थतंत्र पर पुलिस की ओर से दिए जा रहे लगातार चोट की वजह से बौखला गए हैं. अफीम को नशे के सौदागरों के बीच पहुंचा कर नक्सली करोड़ों रुपए कमाते हैं, लेकिन पुलिस उनके मंसूबों पर पानी फेरने में लगी हुई है. यही वजह है कि अब नक्सली संगठन अफीम के खेतों के चारों तरफ लैंडमाइंस का सुरक्षा घेरा बना रहे हैं, ताकि अफीम नष्ट करने के लिए आने वाले जवानों को निशाना बनाया जा सके और उनका ध्यान अफीम की फसल से हटाया जा सके.