रांचीः प्रदेश में नगरपालिका चुनाव में पदों के आरक्षण को लेकर प्रक्रिया शुरू हो गई है. रांची सहित राज्य के विभिन्न जिलों में वार्ड पार्षदों का आरक्षण निर्धारित कर दी गई है. वहीं मेयर और नगर परिषद अध्यक्ष के सीटों का आरक्षण राज्य निर्वाचन आयोग जल्द निर्धारित करेगा.
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झारखंड में नगर निकाय चुनाव (municipal elections in Jharkhand) की डुगडुगी जल्द बजने वाली है. चुनावी सुगबुगाहट के बीच राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित तिथि के अनुरूप जिला पंचायती राज कार्यालय द्वारा वार्डों के आरक्षण का कार्य 2 नवंबर को पूरा कर लिया गया है. हालांकि जिला स्तर पर गजट नोटिफिकेशन नहीं होने की वजह से बुधवार देर शाम तक रांची सहित विभिन्न जिलों से रिपोर्ट आयोग कार्यालय नहीं पहुंच पाया था. राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव राधेश्याम प्रसाद ने कहा कि सभी जिलों से रिपोर्ट एक दो दिनों में प्राप्त हो जाएगा. इसके बाद मेयर और नगर परिषद अध्यक्ष पद के आरक्षण को अंतिम रुप आयोग स्तर से की जाएगी.
रांची मेयर सीट का बदलेगा आरक्षणः इस बार नगर निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण नहीं होने की वजह से मेयर, नगर परिषद अध्यक्ष और वार्डों के आरक्षण का स्वरूप बदल जाएगा. 2018 और 2019 के नगर निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण का प्रावधान (Reservation in municipal elections in Jharkhand) था, मगर इस बार सरकार के फैसले के बाद ओबीसी सीटें सामान्य कोटि में मानी जाएंगी. स्वाभाविक रुप से रांची नगर निगम क्षेत्र में मेयर से लेकर सभी 53 वार्ड का आरक्षण कोटि इस बार बदला हुआ दिखेगा. वार्ड स्तर पर आबादी के अनुसार सीटों को आरक्षित किया जाएगा. आबादी के अनुरूप जिस वर्ग की आबादी सबसे अधिक होगी, उस वर्ग को यह सीट आरक्षित किया जाएगा. अगर सीट पूर्व से आरक्षित है और उस वर्ग की आबादी भी अधिक है तो इस स्थिति में दूसरे सबसे बड़े वर्ग को वो सीट को आरक्षित किया जाएगा अर्थात हर हाल में आरक्षित सीट में बदलाव किया जाना है.
नगरपालिका चुनाव में आरक्षण का यह है फार्मूलाः नगरपालिका चुनाव में आरक्षण की प्रक्रिया चक्रीय होता है. इसका निर्धारण दो तरीके से किया जाता है. अजा. के लिए सबसे पहले नगरपालिका स्तर पर यह तय किया जाएगा कि उनकी आबादी कितनी है. उसकी आबादी को कुल आबादी से भाग करने व कुल पदों की संख्या से गुणा करने पर जो शेष प्राप्त होगा वह आरक्षित सीटों की संख्या होगी. झारखंड में नगरपालिका चुनाव में आरक्षण की सीमा पचास फीसदी निर्धारित की गई है. आरक्षण के लिए जो नियम बनाये गये हैं, उसी के आधार पर आरक्षण देने का प्रावधान है. अजा. को सबसे पहले तय फार्मूले पर आरक्षण दिया जाएगा. उसके बाद शेष बचे आरक्षण का बीस प्रतिशत आरक्षण पिछड़ा वर्ग को दिया जाता रहा है चूंकि इस बार ओबीसी आरक्षण का प्रावधान नहीं है इसलिए सामान्य सीटें राज्य में बढ़ जाएंगी. इसके अलावा जिस श्रेणी का आरक्षण तय होगा उसमें पचास फीसदी महिलाओं की भागीदारी होगी.
2019 की नगरपालिका चुनाव में आरक्षण की स्थितिः झारखंड में नगर निगम की स्थिति को देखें तो पलामू में महिला, अनारक्षित, हजारीबाग में महिला एससी, गिरिडीह में अन्य एससी, देवघर में महिला एससी, बोकारो में अन्य अनारक्षित, रांची में महिला एसटी, धनबाद में अन्य पिछड़ा वर्ग, आदित्यपुर में अन्य अनारक्षित शामिल हैं.
वहीं नगर परिषद की बात करें तो गढ़वा में महिला अनारक्षित, विश्रामपुर में महिला अनारक्षित, चतरा में महिला एससी, कोडरमा में अन्य अनारक्षित, देवघर में अन्य एससी, गोड्डा में अन्य अनारक्षित, साहिबगंज में अन्य पिछड़ा वर्ग, पाकुड़ में महिला अनारक्षित, दुमका में महिला अनारक्षित, मिहिजाम में अन्य अनारक्षित, चिरकुंडा में अन्य एससी, फुसरो में अन्य अनारक्षित, रामगढ़ में अन्य एसटी, लोहरदगा में महिला एसटी, गुमला में अन्य एसटी, सिमडेगा में महिला एसटी, चक्रधरपुर में अन्य अनारक्षित और कपाली में महिला पिछड़ा वर्ग शामिल है.