रांची: देशभर में राष्ट्रीय पोषण सप्ताह (National Nutrition Week) मनाया जा रहा है. जिसके तहत कुपोषण को दूर करने और पोषक तत्वों को आहार में शामिल कर स्वस्थ रहने के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है. इसी कड़ी में झारखंड में भी लोगों तक पोषण का महत्व पहुंचाने के लिए कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं (Nutrition Week Celebration in Jharkhand). हालांकि, दूसरी ओर एक सच्चाई यह भी है कि झारखंड में अति गंभीर कुपोषित बच्चों के इलाज के लिए कोई बेहतरीन सरकारी सुविधा उपलब्ध नहीं है.
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नहीं शुरू हो सका है रिम्स में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस: झारखंड में कुपोषण (Malnutrition in Jharkhand) एक बड़ी समस्या है. कुपोषित और एनेमिक मां की कोख से हर साल कुपोषित और कम वजन वाले बच्चे जन्म लेते हैं. ऐसे में राज्य में जहां 98 कुपोषण उपचार केंद्र (Malnutrition Treatment Center in Jharkhand) चलाये जा रहे हैं. वहीं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की ओर से रिम्स में अति गंभीर कुपोषित बच्चों के इलाज के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बना है लेकिन, अभी तक वह शुरू नहीं हो सका है.
क्यों शुरू नहीं हो सका सेंटर ऑफ एक्सीलेंस: रिम्स के पेइंग वार्ड के ग्राउंड फ्लोर पर अति गंभीर कुपोषित बच्चों के इलाज के लिए 10 बेडेड सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनकर तैयार है, लेकिन, यहां किसी भी कुपोषित बच्चे का इलाज नहीं हो रहा है. इसकी वजह यह है कि अभी तक अति कुपोषित बच्चों के इलाज के लिए खुलने वाले इस सेंटर के लिए मानव संसाधन उपलब्ध नहीं कराए गए हैं. सेंटर की प्रभारी और रिम्स के प्रीवेंशन एंड सोशल मेडिसीन विभाग में सहायक प्रोफेसर डॉ आशा किरण ने बताया कि सेंटर में सबकुछ तैयार है लेकिन अभी तक नेशनल हेल्थ मिशन झारखंड द्वारा मानव संसाधन उपलब्ध नहीं कराया गया है. उन्होंने कहा कि जैसे ही उन्हें मानव संसाधन उपलब्ध करा दिए जाएंगे. वैसे ही अति कुपोषित बच्चों का इलाज शुरू कर दिया जाएगा.
पोषण सप्ताह 2022 की थीम: 1980 से विश्व भर में पोषण सप्ताह और पोषण मंथ मनाया जा रहा है, इस साल पोषण सप्ताह का थीम (Nutrition Week 2022 Theme) 'सेलिब्रेट अ वर्ल्ड ऑफ प्लेवर' है. इसके तहत स्वस्थ रहने के लिए पोषक तत्वों को नए स्वाद के तौर पर सेवन करने के लिए लोगों को प्रेरित किया जा रहा है.