रांची: झारखंड विधानसभा के 22वें स्थापना दिवस को यादगार बनाने की जोर शोर से तैयारी चल रही हैं. 23 नवंबर को नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ स्टडी एंड रिसर्च इन लॉ, रांची और पीआरएस लेजिसलेटिव रिसर्च, नई दिल्ली के साथ केंद्र-राज्य संबंध पर राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित होने जा रहा है (National Conference on Center State Relations ). भारत में पहली बार किसी राज्य की विधानसभा इस तरह का एकेडमिक पहल राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के सहयोग से करने जा रही है. इस सम्मेलन का उद्देश्य केंद्र और राज्यों के संबंधों की वर्तमान स्थिति पर विचार विमर्श करना है. कई दिनों के मंथन के बाद केंद्र और राज्यों के संबंधों से जुड़े 10 महत्वपूर्ण पहलुओं को विचार-विमर्श के लिए चुना गया है.
- केंद्र और राज्यों के बीच विधायी शक्तियों का वितरण
- भारत में राजकोषीय संघवाद
- अखिल भारतीय सेवाएं और केंद्र राज्य संबंध
- संघवाद पर न्यायपालिका
- भारतीय संघवाद के साथ राज्यपाल की भूमिका और कार्य
- संघीय ढांचे में केंद्रीय जांच एजेंसियों की भूमिका
- भारत में राजकोषीय और प्रशासनिक संघवाद के साथ-साथ अंतर-राज्य परिषदों का कामकाज
- स्थानीय स्वशासन और भारतीय संघवाद
- केंद्र-संबंध संबंध और सुशासन पर इसका प्रभाव
- केंद्र राज्य संबंध और कोविड-19 महामारी और भारत में सहकारी संघवाद
इन विषयों पर राष्ट्रीय विश्वविद्यालयों के कुलपति, शिक्षाविद और जानकार हस्तियां अपना भाषण प्रस्तुत करेंगे. सम्मेलन का उद्देश्य केंद्र-राज्य संबंधों के संदर्भ में मामलों की वर्तमान स्थिति पर एकेडमिक प्रश्नों को लाना है. सम्मेलन में सुप्रीम कोर्ट और अलग-अलग राज्यों के हाई कोर्ट की मिसालों पर प्रकाश डाला जाएगा. झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष डॉ रविंद्र नाथ महतो के पहल पर इस सम्मेलन का आयोजन होने जा रहा है.
इस सम्मेलन में शिक्षाविदों के विचार सुनने के लिए झारखंड सरकार के सभी विधायक और मंत्री आमंत्रित किए गए हैं. इसके अलावा नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, रांची के साथ-साथ अन्य लॉ कॉलेजों के छात्र छात्राएं भी भाग लेंगे.