रांची: हेहल के बाल आश्रय में बच्चे के साथ हुई यौन शोषण मामले को लेकर राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग की टीम गुरुवार को रांची पहुंची. टीम की अगुवाई आयोग की सदस्य रॉजी तांबा कर रही थी. बच्चों से उनकी आपबीती सुनने पहुंची राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग की टीम ने हेहल के बाल आश्रय से निवारणपुर स्थित निराश्रित बाल गृह लाये गए बच्चों से करीब एक घंटे तक बातचीत की. इस दौरान जिला समाज कल्याण पदाधिकारी, सीडब्ल्यूसी सदस्य आदि मौजूद थे.
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बच्चों ने सुनाई आपबीती
बातचीत के दौरान बच्चों ने आपबीती बताई और समस्या से राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग को अवगत कराया. इस दौरान आयोग के द्वारा बच्चों की काउंसिलिंग कराने के निर्देश दिये गये, साथ ही बड़े बच्चे और छोटे बच्चों को अलग-अलग रखने को कहा गया. राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के सदस्य रॉजी तांबा ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि 13 बच्चे ऐसे हैं जिन्हें स्पेशल केयर की जरूरत है जिसके लिए आदेश दिया गया है.
वर्तमान में निवारणपुर स्थित निराश्रित बाल गृह में 27 बच्चे हैं, जिसमें से 23 बच्चे हेहल के बाल आश्रय से लाये गए हैं. मगर दुखद पहलू यह है कि झारखंड में स्पेशल नीड का कोई सेल्टर होम नहीं है. ऐसे में इन बच्चों को अलग रुम में रखा जायेगा. रॉजी तांबा ने कहा कि कोरोना के कारण अपने परिजन को खोने वाले ऐसे निसहाय बच्चों की सूची देशभर में तैयार की जा रही है जिसके लिए एक ऐप भी है. जहां हर राज्य का डेटा रहेगा. आयोग जल्द ही डेटा सुप्रीम कोर्ट को भी सौंपेगा.
यौन शोषण की आ रही शिकायत के बाद बाल आश्रय को किया गया था सील
रांची के आईटीआई स्थित बाला आश्रय को मंगलवार को रांची डीसी के आदेश के बाद सील कर दिया गया था. यहां रह रहे सभी बच्चों को सुरक्षित आदिम जाति सेवा मंडल, निवारणपुर पहुंचाया गया. यहां पिछले एक महीने से 11 साल के बच्चे का यौन उत्पीड़न किया जा रहा था. 9 अक्टूबर को बालाश्रय की अधीक्षक ने जिला बाल कल्याण समिति (CWC) को पत्र लिखकर मामले की पूरी जानकारी दी थी. इसमें बताया गया था कि यहां कार्यरत सुरक्षा प्रहरी शंभू प्रसाद लोहरा 11 साल के एक बच्चे के साथ अप्राकृतिक यौनाचार कर रहा है. पिछले एक महीने से उसका यौन शोषण किया जा रहा है.