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रांची रेल मंडल में तैनात होगी नारकोटिक्स डॉग स्क्वायड यूनिट, नशा कारोबारियों पर है RPF की नजर - Ranchi Rail Division CP RO Neeraj Kumar

रांची रेल मंडल की ओर से ट्रेनों से नशा का कारोबार करने वाले तस्करों पर रोकथाम के लिए पहली बार नारकोटिक्स डॉग स्क्वायड यूनिट तैनात की जा रही है. इसकी प्रक्रिया शुरू हो चुकी है.

Narcotics Dog Squad Unit to be deployed in Ranchi Rail Division
रांची रेल मंडल में तैनात होगी नारकोटिक्स डॉग स्क्वायड
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Published : Feb 8, 2021, 4:17 PM IST

रांची: ट्रेनों से नशे का कारोबार करने वाले तस्करों पर कड़ाई से लगाम लगाने की तैयारी रांची रेल मंडल की ओर से की जा रही है. रांची रेल मंडल में पहली बार नारकोटिक्स डॉग स्क्वायड यूनिट तैनात की जा रही है. इसकी प्रक्रिया शुरू हो चुकी है.

पूरी खबर देंखें

इसे भी पढ़ें- अवैध मिनी विदेशी शराब फैक्ट्री का भंडाफोड़, 144 पेटी अवैध शराब समते दो तस्कर गिरफ्तार

रांची रेल मंडल के आरपीएफ के पास अभी चार डॉग स्क्वायड हैं, जिन्हें बम और चोरी के सामानों को खोजने की ट्रेनिंग मिली है. ये मैनुअल रूप से आरपीएफ गुप्त सूचना के आधार पर नशे के कारोबारियों पर नजर रखते हैं, लेकिन नारकोटिक्स डॉग स्क्वायड आने पर बाहर से नशे की सामग्री लाने और ले जाने वाले पर अंकुश लगेगा. इसे लेकर मंडल में पहली बार नारकोटिक्स डॉग स्क्वायड यूनिट तैनात किए जाने को लेकर पूरी योजना बना ली गई है.

बीएसएफ देगा प्रशिक्षण

आरपीएफ की ओर से इस संबंध में एक या दो डॉग लेने की योजना बनाई गई है. इस दस्ते को तैयार करने की योजना में 6 माह का समय लग सकता है. इसकी प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. स्वान दास्ता के डॉग लेने के बाद 9 माह का प्रशिक्षण दिया जाएगा. वर्तमान में प्रचलित नशा की चीजों की गंध से परिचित या पहचानने की क्षमता बढ़ाई जाएगी.

इन डॉग्स को मध्य प्रदेश के ग्वालियर स्थित टेकनपुर बीएसएफ यूनिट में प्रशिक्षण दिया जा रहा है. रांची रेल मंडल के सीपीआरओ नीरज कुमार के अनुसार सुरक्षा के दृष्टिकोण से लगातार रांची रेल मंडल बेहतर काम कर रही है. आने वाले समय में यात्री सुविधा और सुरक्षा के मद्देनजर और काम किए जाएंगे.

बम विस्फोट निरोधक दस्ते के रूप में मंडल में 3 डॉग स्क्वायड हैं. इसके अलावा चोरी के सामानों को खोजने के लिए एक ट्रैक्टर डॉग स्क्वायड है, जिन्हें रांची और मुरी के डॉग कैनल में रखा जाता है. हटिया डॉग कैनल में नारकोटिक्स डॉग स्क्वायड को रखा जाएगा. समय-समय पर हटिया से नारकोटिक्स दस्ता अन्य स्टेशनों में अपनी सेवा देगा. इस दस्ते के रखरखाव और मेडिकल के लिए अलग से बजट रेलवे की ओर से दिया जाता है.

तस्करों पर रखी जा रही नजर

फिलहाल, आरपीएफ की ओर से नशीली चीजों की तस्करी की रोकथाम के लिए गोपनीय सूचना के आधार पर यात्रियों की चेकिंग की जाती है. विशेषकर पटना जाने वाली ट्रेनों में अल्कोहल की जांच होती है, जिसमें पांच सीआरपीएफ की ड्यूटी होती है. 2009 में रांची रेल मंडल में भारी मात्रा में गांजा विदेशी सीक्रेट सहित अवैध शराब के तस्कर को भी पकड़ा जा चुका है और लगातार सूचना मिल रही है कि ट्रेनों के जरिए नशीली पदार्थों की तस्करी धड़ल्ले से हो रही है. इसी पर रोकथाम के लिए रांची रेल मंडल की यह योजना है.

रांची: ट्रेनों से नशे का कारोबार करने वाले तस्करों पर कड़ाई से लगाम लगाने की तैयारी रांची रेल मंडल की ओर से की जा रही है. रांची रेल मंडल में पहली बार नारकोटिक्स डॉग स्क्वायड यूनिट तैनात की जा रही है. इसकी प्रक्रिया शुरू हो चुकी है.

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रांची रेल मंडल के आरपीएफ के पास अभी चार डॉग स्क्वायड हैं, जिन्हें बम और चोरी के सामानों को खोजने की ट्रेनिंग मिली है. ये मैनुअल रूप से आरपीएफ गुप्त सूचना के आधार पर नशे के कारोबारियों पर नजर रखते हैं, लेकिन नारकोटिक्स डॉग स्क्वायड आने पर बाहर से नशे की सामग्री लाने और ले जाने वाले पर अंकुश लगेगा. इसे लेकर मंडल में पहली बार नारकोटिक्स डॉग स्क्वायड यूनिट तैनात किए जाने को लेकर पूरी योजना बना ली गई है.

बीएसएफ देगा प्रशिक्षण

आरपीएफ की ओर से इस संबंध में एक या दो डॉग लेने की योजना बनाई गई है. इस दस्ते को तैयार करने की योजना में 6 माह का समय लग सकता है. इसकी प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. स्वान दास्ता के डॉग लेने के बाद 9 माह का प्रशिक्षण दिया जाएगा. वर्तमान में प्रचलित नशा की चीजों की गंध से परिचित या पहचानने की क्षमता बढ़ाई जाएगी.

इन डॉग्स को मध्य प्रदेश के ग्वालियर स्थित टेकनपुर बीएसएफ यूनिट में प्रशिक्षण दिया जा रहा है. रांची रेल मंडल के सीपीआरओ नीरज कुमार के अनुसार सुरक्षा के दृष्टिकोण से लगातार रांची रेल मंडल बेहतर काम कर रही है. आने वाले समय में यात्री सुविधा और सुरक्षा के मद्देनजर और काम किए जाएंगे.

बम विस्फोट निरोधक दस्ते के रूप में मंडल में 3 डॉग स्क्वायड हैं. इसके अलावा चोरी के सामानों को खोजने के लिए एक ट्रैक्टर डॉग स्क्वायड है, जिन्हें रांची और मुरी के डॉग कैनल में रखा जाता है. हटिया डॉग कैनल में नारकोटिक्स डॉग स्क्वायड को रखा जाएगा. समय-समय पर हटिया से नारकोटिक्स दस्ता अन्य स्टेशनों में अपनी सेवा देगा. इस दस्ते के रखरखाव और मेडिकल के लिए अलग से बजट रेलवे की ओर से दिया जाता है.

तस्करों पर रखी जा रही नजर

फिलहाल, आरपीएफ की ओर से नशीली चीजों की तस्करी की रोकथाम के लिए गोपनीय सूचना के आधार पर यात्रियों की चेकिंग की जाती है. विशेषकर पटना जाने वाली ट्रेनों में अल्कोहल की जांच होती है, जिसमें पांच सीआरपीएफ की ड्यूटी होती है. 2009 में रांची रेल मंडल में भारी मात्रा में गांजा विदेशी सीक्रेट सहित अवैध शराब के तस्कर को भी पकड़ा जा चुका है और लगातार सूचना मिल रही है कि ट्रेनों के जरिए नशीली पदार्थों की तस्करी धड़ल्ले से हो रही है. इसी पर रोकथाम के लिए रांची रेल मंडल की यह योजना है.

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