रांचीः राजधानी रांची के थानों में करोड़ों की अफीम, डोडा और दूसरे मादक पदार्थ परेशानी का सबब बने हुए हैं. पुलिस अगर ड्रग्स ना पकड़े तो परेशानी है और ड्रग्स को जब्त कर उसे मालखाने में रखना उससे भी बड़ी मुसीबत है. एक लंबे इंतजार के बाद अब मादक पदार्थों के विनष्टीकरण का काम (seized drugs destruction started) शुरू किया गया है. विनष्टीकरण की शुरुआत झारखंड के खूंटी जिला से शुरू किया गया है.
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पुलिस के लिए बड़ी मुसीबत है जब्त मादक पदार्थः राजधानी रांची सहित झारखंड के कई जिलों के पुलिस थानों के मालखाने मादक पदार्थों से भरे पड़े (Drugs kept in different police stations) हैं. वर्षों से इन्हें नष्ट नहीं किया गया है. अब हालात ऐसे हैं कि, इनमें ब्राउन शुगर, गांजा और स्मैक जैसे सामान रखने की जगह तक नहीं बची है. रांची डीआईजी अनीश गुप्ता (Ranchi DIG Anish Gupta) के अनुसार थानों में जब्त मादक पदार्थों का समय के साथ अगर डिस्पोजल नहीं किया जाता है तो वह एक बड़ी मुसीबत बन जाते हैं. एक तो उनके चोरी होने का भय बना रहता है और दूसरा सबसे बड़ी मुसीबत यह है कि थानों के मालखाने में इतनी जगह नहीं है कितने बड़े पैमाने पर मादक पदार्थों को सुरक्षित रखा जा सके. रांची डीआईजी के अनुसार रांची रेंज के सभी जिलों में थानों के मालखाने में जब मादक पदार्थों के डिस्पोजल का काम (narcotic substances destruction) शुरू कर दिया गया है. खूंटी से इसकी शुरूआत की गयी है.
डिस्पोजल में लगेगा लंबा समयः झारखंड में ड्रग्स का डिस्पोजल का काम शुरू कर दिया गया है. इसमें लंबा वक्त लगने की बात कही जा रही है क्योंकि झारखंड के नक्सल प्रभावित जिलों से बड़े पैमाने पर अफीम और डोडा बरामद किया गया है. इसके अलावा दूसरे तरह के मादक पदार्थ भी जब्त किए गए हैं जो मालखानों में पड़े हुए हैं. राज्यभर में थानों में दर्ज केस के आधार पर जो आंकड़े जुटाए गए हैं. इन आंकड़ों के मुताबिक, राज्य पुलिस ने साल 2021 से लेकर अबतक 1252 किलोग्राम गांजा बरामद किया है. पुलिस ने विभिन्न जिलों में अभियान के दौरान 21687.320 किलोग्राम डोडा, 456 किलो अफीम, 50 ग्राम ब्राउन शुगर, 40 ग्राम हेरोइन भी जब्त किया है. पुलिस ने अभियान के दौरान 21 अलग अलग ब्रांड की दवाइयां भी जब्त की थीं, जिनका इस्तेमाल नशे के लिए किया जा रहा था. आंकड़े देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि इन मादक पदार्थों के डिस्पोजल में पुलिस को कितना समय लगेगा. लेकिन राहत की बात यह है कि आखिरकार लंबे समय के बाद मादक पदार्थों के डिस्पोजल का काम शुरू हो चुका है, जो थानों के मालखानों को बड़ी राहत देगा.