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झारखंड में बनी नागपुरी फिल्म फुलमनिया का किया गया स्क्रीनिंग, 6 सितंबर से दिखेगा सिनेमाघरों में

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Published : Sep 3, 2019, 11:43 PM IST

झारखंड में बनी फिल्म फुलमनिया की स्क्रीनिंग कान फिल्म फेस्टिवल में सफलतापूर्वक की गई. इसके बाद फिल्म की स्क्रीनिंग रांची में की गई. बता दें कि फिल्म को 6 सिंतबर से सिनेमा घरों में रिलिज किया जाएगा.

फिल्म फुलमनिया का एक सीन

रांचीः झारखंड में फुलमनिया की स्क्रीनिंग कान फिल्म फेस्टिवल 2019 में सफलतापूर्वक करने के बाद रांची में भी इसकी स्क्रीनिंग की गई. 6 सितंबर से तमाम सिनेमाघरों में फिल्म को रिलिज किया जा रहा है. फिल्म समाज में फैली कुरीतियों पर आधारित है. इस फिल्म में लीड रोल निभाने वाली कलाकार रांची की रहने वाली कोमल सिंह है.

देखें पूरी खबर

वहीं, फिल्म की कलाकार कोमल सिंह ने बताया की झारखंड में डायन और बांझपन को लेकर लोगों में अंधविश्वास की जड़ें काफी गहरी हैं. इस फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे एक लड़की की शादी के बाद उसके पति का देहांत हो जाता है. जिसके बाद समाज इसे अंधविश्वास के नजरिए से देखते हुए, क्रूर व्यवहार करने लगता है. लड़की को शादी के तुरंत बाद डायन बताकर सरेआम गांव में नंगा करके पत्थर मारकर भगा दिया जाता है. फिल्म में महिलाओं को बांझ होने के दर्द को भी संजीदा तरीके से पेश किया गया है.

ये भी पढ़ें-25 सितंबर को रांची में जेवीएम का जनादेश समागम, कार्यक्रम को ऐतिहासिक बनाने में जुटे कार्यकर्ता

फिल्म के निर्माता निर्देशक लाल विजय शाहदेव ने बताया कि सेंसर बोर्ड ने इस फिल्म को बिना काटे, पास किया है, यह फिल्म बच्चे भी अपनी फैमिली के साथ देख सकते हैं. फिल्म की कहानी उच्च स्तरीय है, जिसने भी इस फिल्म को देखा है. उन्होंने विश्वास के साथ बताया कि फिल्म में सहज नागपुरी भाषा का इस्तेमाल किया गया है. जो सभी हिंदी भाषी लोगों को भी आसानी से समझ में आ जाएगा. बड़े शहरों के अलावा है, इसे दूर-दूर के गांवों तक पहुंचाने की तैयारी की जा रही है.

ये भी पढ़ें-कांग्रेस से घबराकर बीजेपी कर रही अनर्गल बयानबाजी, चुनाव में हार का सता रहा डर: राजेश ठाकुर

6 सितंबर को लोग अपने नजदीकी सिनेमाघर में इस फिल्म को देख सकें. झारखंड के साथ-साथ कई दूसरे राज्यों में भी इस फिल्म को दिखाया जाएगा. इस फिल्म में स्थानीय कलाकारों को ज्यादा से ज्यादा मौका दिया गया है.

रांचीः झारखंड में फुलमनिया की स्क्रीनिंग कान फिल्म फेस्टिवल 2019 में सफलतापूर्वक करने के बाद रांची में भी इसकी स्क्रीनिंग की गई. 6 सितंबर से तमाम सिनेमाघरों में फिल्म को रिलिज किया जा रहा है. फिल्म समाज में फैली कुरीतियों पर आधारित है. इस फिल्म में लीड रोल निभाने वाली कलाकार रांची की रहने वाली कोमल सिंह है.

देखें पूरी खबर

वहीं, फिल्म की कलाकार कोमल सिंह ने बताया की झारखंड में डायन और बांझपन को लेकर लोगों में अंधविश्वास की जड़ें काफी गहरी हैं. इस फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे एक लड़की की शादी के बाद उसके पति का देहांत हो जाता है. जिसके बाद समाज इसे अंधविश्वास के नजरिए से देखते हुए, क्रूर व्यवहार करने लगता है. लड़की को शादी के तुरंत बाद डायन बताकर सरेआम गांव में नंगा करके पत्थर मारकर भगा दिया जाता है. फिल्म में महिलाओं को बांझ होने के दर्द को भी संजीदा तरीके से पेश किया गया है.

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फिल्म के निर्माता निर्देशक लाल विजय शाहदेव ने बताया कि सेंसर बोर्ड ने इस फिल्म को बिना काटे, पास किया है, यह फिल्म बच्चे भी अपनी फैमिली के साथ देख सकते हैं. फिल्म की कहानी उच्च स्तरीय है, जिसने भी इस फिल्म को देखा है. उन्होंने विश्वास के साथ बताया कि फिल्म में सहज नागपुरी भाषा का इस्तेमाल किया गया है. जो सभी हिंदी भाषी लोगों को भी आसानी से समझ में आ जाएगा. बड़े शहरों के अलावा है, इसे दूर-दूर के गांवों तक पहुंचाने की तैयारी की जा रही है.

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6 सितंबर को लोग अपने नजदीकी सिनेमाघर में इस फिल्म को देख सकें. झारखंड के साथ-साथ कई दूसरे राज्यों में भी इस फिल्म को दिखाया जाएगा. इस फिल्म में स्थानीय कलाकारों को ज्यादा से ज्यादा मौका दिया गया है.

Intro:रांची
बाइट---कोमल सिंह,,फ़िल्म की मुख्य कलाकार
बाइट-- लाल विजय नाथ शाहदेव फिल्म निर्माता निर्देशक(अलग से है)


झारखंड मनिया की स्क्रीनिंग कान फिल्म फेस्टिवल 2019 में सफलतापूर्वक करने के बाद रांची में भी इसकी स्क्रीनिंग की गई 6 सितंबर को रिलीज किया जा रहा है 6 सितंबर से तमाम सिनेमाघरों में इसे देख सकेंगे। समाज में फैली कुरीतियों पर आधारित है। इस फिल्म में लीड रोल निभाने वाली कलाकार रांची की रहने वाली कोमल सिंह है।




Body:फिल्म के कलाकार कमल सिंह ने बताया की झारखंड में डायन और बांझपन को लेकर लोगों में अंधविश्वास की जड़ें काफी गहरी है इस फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे एक लड़की की शादी के बाद उसके पति का देहांत हो जाता है और समाज इसे अंधविश्वास के नजरिए से देखते हुए क्रूर व्यवहार करने लगता है लड़की को शादी के तुरंत बाद डायन बताकर सरेआम गांव में नंगा करके पत्थर मारकर भगा दिया जाता है फिल्म में महिलाओं को बांझ होने के दर्द को भी संजीदा तरीके से पेश किया गया है


Conclusion:फिल्म के निर्माता निदेशक लाल विजय सहदेव ने बताया कि सेंसर बोर्ड ने इस फिल्म को बिना कांटे आज क्या है या फिल्म बच्चे भी अपनी फैमिली के साथ देख सकते हैं फिल्म की कहानी और मैं की उच्च स्तरीय है जिसने भी इस फिल्म को देखा है सर आया है उन्होंने विश्वास के साथ बताया कि फिल्म में सहज नागपुरी भाषा का इस्तेमाल किया गया है जो सभी हिंदी भाषी लोगों को भी आसानी से समझ में आ जाएगा बड़े शहरों के अलावा है इसे दूर-दूर के गांवों तक पहुंचाने की तैयारी की जा रही है ताकि 6 सितंबर को लोग अपने नजदीकी सिनेमाघर में इस फिल्म को देख सकें। झारखंड के साथ-साथ कई अन्य राज्यों में भी इस फिल्म को दिखाया जाएगा इस फिल्म में स्थानीय कलाकारों को ज्यादा से ज्यादा मौका दिया गया है फिल्म की मुख्य नायिका रांची किसी कॉमरसी ने अपने बेहतरीन एक्टिव से फिल्म को जीवंत बना दिया है
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