रांची: नूपुर शर्मा के बयान के विरोध में रांची में बीते वर्ष 10 जून को मुस्लिम समुदाय के प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा को लेकर पुलिस ने अब कार्रवाई शुरू की है. एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है. जबकि, पुलिस जांच में हिंसा के लिए 39 अन्य लोगों को जिम्मेदार बताते हुए उनके खिलाफ कोर्ट से वारंट मांगा गया है.
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दरअसल, पिछले साल 10 जून को प्रदर्शन के दौरान धार्मिक स्थल पर हमला हुआ था और पुलिस फायरिंग में तीन लोगों की मौत हो गई थी. पुलिसकर्मियों समेत 50 से ज्यादा लोग घायल भी हुए थे और कई संपत्तियों को नुकसान पहुंचा था. उस वक्त दो दर्जन से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया था.
अब एक साल बाद पुलिस ने 40 अभियुक्तों की गिरफ्तारी की तैयारी की है तो मुस्लिम समुदाय के लोग भड़क उठे हैं. मुस्लिम समुदाय के लोग पुलिस कार्रवाई को एकतरफा बता रहे हैं. इस मुद्दे पर विभिन्न मुस्लिम संगठनों की बैठक में तय किया गया है कि पुलिस कार्रवाई के विरोध में 12 अगस्त को समाज के लोग दुकानें और व्यापार बंद रखेंगे.
रांची अंजुमन इस्लामिया हॉल में विभिन्न मुस्लिम संगठनों की बैठक हुई. समाज के लोगों ने कहा कि हेमंत सरकार और महागठबंधन से ऐसी उम्मीद समाज के लोगों ने नहीं की थी. उनका कहना था कि झारखंड में त्योहारों के नाम पर दंगे में जानमाल का जो नुकसान हुआ उसकी भरपाई नहीं की गयी. यही नहीं मॉब लिंचिंग के पीड़ितों को भी इंसाफ नहीं मिला है.
इसके अलावा अल्पसंख्यकों के संवैधानिक अधिकारों का हनन सहित संवैधानिक संस्थाओं का गठन नहीं होने पर हेमंत सरकार तथा सेक्यूलर गठबंधन सरकार के खिलाफ नाराजगी जाहिर की गई. बैठक में हेमंत सरकार से अपील की गयी कि एकपक्षीय पुलिसिया कार्रवाई पर रोक लगाई जाए, जब तक कि उचित उच्चस्तरीय जांच न हो जाए. इसके अलावा झारखंड में सांप्रदायिकता विरोधी कानून अविलंब बनाया जाए. मॉब लिंचिंग विरोधी कानून बने और राज्य में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए.
इसी तरह अल्पसंख्यकों के संवैधानिक अधिकारों से संबंधित मामलों का निष्पादन किया जाए. बैठक में यह भी कहा गया कि झारखंड का सत्ताधारी सेक्यूलर महागठबंधन चुनावी घोषणा पत्र को अविलंब लागू करे. बैठक की अध्यक्षता अंजुमन इस्लामिया रांची के अध्यक्ष मोख्तार अहमद ने की. जबकि, संचालन मुस्लिम युवा मंच के अध्यक्ष शाहिद अय्यूबी ने किया.
इनपुट- आईएएनएस