रांची: झारखंड में प्यार के जुनून में लगातार हत्याएं हो रही हैं (Murder in passion of love did not stop In Jharkhand). झारखंड की उपराजधानी दुमका में बीते अगस्त महीने में 12वीं की छात्रा पर पेट्रोल उड़ेलकर शाहरुख और उसके साथी नईम ने आग लगा दी थी. हॉस्पिटल में छह दिनों तक संघर्ष के बाद छात्रा ने दम तोड़ दिया था. एकतरफा मोहब्बत करने वाला शाहरुख कुछ महीनों से उसे परेशान कर रहा था. उसने उसका मोबाइल नंबर कहीं से हासिल कर लिया था और उसे फोन पर बात करने और शादी के लिए दबाव डाल रहा था. लड़की के घरवालों ने एक बार शाहरुख को समझाया भी था, लेकिन उसकी हरकतें बंद नहीं हुईं.
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बीते 22 अगस्त की रात उसने छात्रा को फोन पर उसे जान से मारने की धमकी दी और कुछ ही घंटे बाद अगली सुबह पांच जब घर के सभी लोग सो रहे थे, तभी शाहरुख ने कमरे में अकेले सो रही छात्रा पर खिड़की के जरिए पेट्रोल छिड़का और उसके बाद आग लगा दी थी. वारदात के आरोपी शाहरुख को गिरफ्तार किए जाने के बाद जब जेल ले जाया जा रहा था, तो उसकी बेशर्म हंसी का वीडियो वायरल होने के बाद इस वारदात पर पूरे देश, खास तौर पर सोशल मीडिया पर लाखों लोगों ने गुस्से का इजहार किया था.
इस वारदात के डेढ़ महीने बाद इसी दुमका जिले के जरमुंडी थाना क्षेत्र में ऐसी ही घटना दोहरा दी गई. राजेश राउत नाम के एक शख्स ने 19 साल की छात्रा के घर में घुसकर उसपर पेट्रोल उड़ेलकर आग लगा दी थी. लड़की ने दूसरे ही दिन दम तोड़ दिया था. आरोपी राजेश राउत पहले से शादीशुदा होने के बावजूद लड़की पर शादी के लिए दबाव डाल रहा था. लड़की के इनकार करने पर उसने यह दुस्साहस किया था.
सितंबर महीने में रांची के चान्हो में लिव इन रिलेशन में रह रही 22 वषीर्या युवती खुशबू की उसके प्रेमी राजू उरांव ने गोली मारकर हत्या कर दी. दोनों एक साल से लिवइन रिलेशनशिप में थे. खुशबू अपने प्रेमी के घर में ही रह रही थी, पर किसी बात पर प्रेमी से खटपट होने पर खुशबू अपने अपने पिता के घर आ गयी थी. फिर एक रोज राजू उरांव गांव के ही अपने एक साथी सोनू उरांव के साथ उसके घर पहुंचा. उसने खुशबू को अपने साथ चलने को कहा. खुशबू ने कहा कि वह अभी नहीं जाएगी. इसपर गुस्से में राजू उरांव ने कमर से पिस्तौल निकालकर खुशबू के सीने में गोलियां उतारकर उसकी जान ले ली.
पिछले साल नवंबर महीने में गढ़वा जिला अंतर्गत खरौंधी थाना क्षेत्र के करिवाडीह गांव में एक सनकी युवक ने एक स्कूली छात्रा को नृशंसता पूर्वक चाकू से गोदा, फिर गोली मार कर उसकी हत्या कर दी. पुलिस ने बताया कि युवक इस लड़की से एकतरफा प्यार करता था और उससे शादी करना चाहता था. इनकार करने पर उसने यह वारदात अंजाम दी.
कथित मोहब्बत के जुनून के बाद नफरत की हद पार करते हुए खून कर डालने की ऐसी वारदात झारखंड में तकरीबन हर महीने सामने आ रही हैं. झारखंड की कोल्हान यूनिवर्सिटी में मनोविज्ञान के व्याख्याता और काउंसलर डॉ धर्मेंद्र कुमार बताते हैं कि इस तरह की वारदात का जो ट्रेंड्स चल रहा है, उसकी एक बड़ी वजह आज की कंप्लीकेटेड लाइफस्टाइल से उपजी पर्सनालिटी और मेंटल डिसऑर्डर है.
गुस्सा, भावनाओं का अतिरेक और अव्यावहारिक ख्वाहिशें युवाओं और किशोरों पर जिस तरह हावी हो रही हैं, उसके नतीजे ऐसी घटनाओं के रूप में हमारे सामने आ रहे हैं.
बीते महीनों में झारखंड में कुछ ऐसी वारदात भी हुई हैं, जिसमें किशोरों-युवाओं ने इश्क के जुनून में माता-पिता-भाई-बहन जैसे खून के रिश्ते का भी खून कर दिया है. बीते 29 जून की रात जमशेदपुर में एक चर्चित शख्स कन्हैया सिंह की हत्या उनके घर की सीढ़ियों पर कर दी गई. कुछ देर बाद ही शहर की राजनीति गरमा गई. पूरे शहर में बवाल होने लगा. पुलिस ने एसआईटी बनाकर तफ्तीश के बाद जब इस मामले का खुलासा किया तो पूरा शहर चौंक उठा.
उनकी बेटी अपर्णा ने ही अपने प्रेमी राजवीर सिंह के साथ मिलकर इस हत्या की साजिश रची थी. वह पिता कन्हैया सिंह को अपने इश्क के रास्ते में बाधक मान रही थी. पिता ने अपर्णा को उसके जन्मदिन पर हीरे की अंगूठी भेंट की थी. उसने पिता की हत्या के लिए यही अंगूठी अपने प्रेमी को दे दी, ताकि इसे बेचकर उसके शूटर को सुपारी की रकम दी जा सके. अपर्णा पिता की हत्या के लिए उनकी गतिविधियों के बारे में शूटर को फोन पर गाइड करती रही.
जून महीने में ही रामगढ़ जिले के पतरातू में चंचल कुमारी नाम की एक लड़की ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर अपने छोटे भाई रोहित की हत्या कर शव को उसी क्वार्टर में दफना दिया था, जहां वह अकेली रहती थी. कई हफ्तों के बाद पुलिस ने इस वारदात का खुलासा किया. इसी तरह बीते 18 जून को रांची के पंडरा थाना क्षेत्र के जनक नगर मुहल्ले में श्वेता नाम के एक छात्रा के प्रेमी अर्पित ने उसके घर में घुसकर छात्रा, उसके भाई प्रवीण कुमार सिंह की चाकू से गोदकर और हथौड़े से मारकर हत्या कर दी थी, जबकि इन दोनों की मां चंदा देवी के सिर पर भी हथौड़े से प्रहार कर उन्हें अधमरा कर दिया था.
रांची की मनोवैज्ञानिक और काउंसलर डॉ भाग्यश्री कर कहती हैं कि हम ऐसे मामले में अक्सर पाते हैं कि अपराध को अंजाम देने के तरीके अक्सर वेब सीरीज, फिल्म, क्राइम शो से प्रेरित होते हैं. सोशल मीडिया के अनियंत्रित उपयोग से भी जटिलताएं पैदा हो रही हैं.
झारखंड पुलिस के इन्वेस्टिगेशन एंड ट्रेनिंग स्कूल में पदस्थापित डीएसपी विकास चंद्र श्रीवास्तव कहते हैं कि ऐसी वारदात को पुलिसिंग के जरिए नहीं रोका जा सकता. घर की चहारदीवारी के भीतर बैठकर इस तरह के अपराध की योजना बनाने वाले अपराधी कोई जरायमपेशा तो होते नहीं कि उन्हें पुलिसिंग के सर्विलांस पर रखकर क्राइम करने से रोका जा सके. इसकी वजहें कहीं न कहीं सामाजिक, पारिवारिक और नैतिक मूल्यों में गिरावट में तलाशी जानी चाहिए और इनका समाधान भी वहीं ढूंढ़ा जा सकता है.
पुलिस पर यह जिम्मेदारी जरूर है कि ऐसे मामलों में वैज्ञानिक तरीके से इन्वेस्टिगेशन के साथ साक्ष्य जुटाए और मजबूत चार्जशीट एवं डायरी तैयार कर उन्हें अदालतों से सख्त सजा दिलाने में तत्परता दिखाए. ऐसे अपराधों में स्पीडी ट्रायल और सख्त सजा की परिपाटी विकसित हो तो इससे अपराध करने वालों के भीतर एक डर जरूर पैदा होगा.
--आईएएनएस