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रांचीः निजी ट्रैक्टर चालकों की हड़ताल से सफाई व्यवस्था चरमराई , लग रहा कचरे का अंबार

राजधानी रांची में उप नगर आयुक्त ने कुछ निजी ट्रैक्टर को काम से हटा दिया था, जिसके विरोध में निगम के निजी ट्रैक्टर चालकों की हड़ताल जारी है. इस वजह से सही तरीके से कचरा का उठाव नहीं हो पा रहा है और शहर में कचरे का ढेर लगता जा रहा है.

private tractor drivers strike.
रांची नगर निगम.
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Published : Jul 8, 2020, 3:40 PM IST

रांचीः राजधानी में नगर निगम का कचरा उठाने वाले लगभग 150 निजी ट्रैक्टर चालक अचानक मंगलवार को हड़ताल पर चले गए हैं, जिसकी वजह से शहर के गली मोहल्लों में कचरे का उठाव नहीं हो सका. ट्रैक्टर चालकों की हड़ताल बुधवार को भी जारी है. सिर्फ छोटे वाहन और निगम के 30 ट्रैक्टर से ही 53 वार्डों में कचरा उठाने का काम किया जा रहा है, जिससे सही तरीके से कचरा का उठाव नहीं हो पा रहा है.

लग रहा कचरे का अंबार
निजी ट्रैक्टर चालकों के हड़ताल पर जाने की वजह से शहर से लगभग 200 टन से अधिक कचरा नहीं उठ पाया है और न ही डोर टू डोर कचरे का उठाव हो पा रहा है. वर्तमान में निगम के पास करीब 190 ट्रैक्टर हैं, इनमें से मात्र 30 निगम के अपने ट्रैक्टर हैं. दरअसल कूड़ा उठाने में गड़बड़ी पकड़े जाने के बाद उप नगर आयुक्त ने कुछ निजी ट्रैक्टर को काम से हटा दिया है. इसके बाद ट्रैक्टर मालिकों ने विरोध स्वरूप हड़ताल कर दी है, जिससे शहर में कचरे का अंबार लगता जा रहा है.

इसे भी पढ़ें- रामगढ़: संडे ड्यूटी कटौती के विरोध में सीसीएल कर्मियों ने किया हड़ताल, करोड़ों का नुकसान

ट्रैक्टर मालिकों और ड्राइवरों को चेतावनी
हालांकि उप नगर आयुक्त शंकर यादव ने ट्रैक्टर मालिकों और ट्रैक्टर ड्राइवरों को चेतावनी दी है कि कोरोना काल मे सफाई कार्य इमरजेंसी सेवा के तहत आता है. इमरजेंसी सेवा में अचानक से सफाई कार्य या कूड़े के उठाव को बंद नहीं किया जा सकता है, जो कार्य बंद करते हैं या सफाई कार्य में दूसरे ट्रैक्टर ड्राइवरों को बलपूर्वक ट्रैक्टरों को नहीं ले जाने देते हैं तो ऐसी परिस्थिति में इमरजेंसी सेवा बाधित करने के आरोप में और अन्य धाराओं के अंतर्गत उन पर कार्रवाई की जा सकती है. साथ ही जो काम पर नहीं आते है तो माना जाएगा कि वह आगे निगम में अपना ट्रैक्टर चलाना नहीं चाहते हैं.

रांचीः राजधानी में नगर निगम का कचरा उठाने वाले लगभग 150 निजी ट्रैक्टर चालक अचानक मंगलवार को हड़ताल पर चले गए हैं, जिसकी वजह से शहर के गली मोहल्लों में कचरे का उठाव नहीं हो सका. ट्रैक्टर चालकों की हड़ताल बुधवार को भी जारी है. सिर्फ छोटे वाहन और निगम के 30 ट्रैक्टर से ही 53 वार्डों में कचरा उठाने का काम किया जा रहा है, जिससे सही तरीके से कचरा का उठाव नहीं हो पा रहा है.

लग रहा कचरे का अंबार
निजी ट्रैक्टर चालकों के हड़ताल पर जाने की वजह से शहर से लगभग 200 टन से अधिक कचरा नहीं उठ पाया है और न ही डोर टू डोर कचरे का उठाव हो पा रहा है. वर्तमान में निगम के पास करीब 190 ट्रैक्टर हैं, इनमें से मात्र 30 निगम के अपने ट्रैक्टर हैं. दरअसल कूड़ा उठाने में गड़बड़ी पकड़े जाने के बाद उप नगर आयुक्त ने कुछ निजी ट्रैक्टर को काम से हटा दिया है. इसके बाद ट्रैक्टर मालिकों ने विरोध स्वरूप हड़ताल कर दी है, जिससे शहर में कचरे का अंबार लगता जा रहा है.

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ट्रैक्टर मालिकों और ड्राइवरों को चेतावनी
हालांकि उप नगर आयुक्त शंकर यादव ने ट्रैक्टर मालिकों और ट्रैक्टर ड्राइवरों को चेतावनी दी है कि कोरोना काल मे सफाई कार्य इमरजेंसी सेवा के तहत आता है. इमरजेंसी सेवा में अचानक से सफाई कार्य या कूड़े के उठाव को बंद नहीं किया जा सकता है, जो कार्य बंद करते हैं या सफाई कार्य में दूसरे ट्रैक्टर ड्राइवरों को बलपूर्वक ट्रैक्टरों को नहीं ले जाने देते हैं तो ऐसी परिस्थिति में इमरजेंसी सेवा बाधित करने के आरोप में और अन्य धाराओं के अंतर्गत उन पर कार्रवाई की जा सकती है. साथ ही जो काम पर नहीं आते है तो माना जाएगा कि वह आगे निगम में अपना ट्रैक्टर चलाना नहीं चाहते हैं.

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