रांची: गर्मी में शहर के सभी वार्डों में जलापूर्ति के लिए नगर निगम ने 19.77 करोड़ की प्रस्तावित राशि की मांग सरकार से की थी. हालांकि जलापूर्ति के मद में लगभग 31 लाख रुपए ही आवंटित की गई है, जिसको लेकर मेयर आशा लाकड़ा लगातार सरकार की कार्यशैली पर निशाना साध रही है.
आशा लाकड़ा ने कहा कि जलापूर्ति के मद में प्रस्तावित राशि नहीं मिलने के बावजूद निगम जलापूर्ति का काम पूरा करने का प्रयास कर रहा है और रणनीति तैयार की जा रही है, ताकि लोगों को समुचित जलापूर्ति हो सके. बता दें कि रांची में कुल 1300 मिनी डीप बोरिंग,170 डीप बोरिंग और 2600 चापानल है. इनमें से जितने भी खराब है, उन्हें ठीक करने का प्रयास किया जा रहा है. अगर सरकार जलापूर्ति के प्रस्तावित राशि को उपलब्ध कराती है तो जल्द ही सभी वार्डों में बोरिंग का काम किया जाएगा. इसके लिए संवेदक का भी चयन किया गया है. वहीं, वर्तमान में सभी वार्डों में 467 जगहों पर 57 में से 49 टैंकर से जलापूर्ति का काम किया जा रहा है. जबकि 8 टैंकर सेनेटाइजेशन के काम में लगे हुए हैं और 10 टैंकरों के लिए टेंडर निकाला गया है.
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इसके साथ ही धुर्वा डैम का जलस्तर कम होने की वजह से शहर के बड़े इलाके में सप्ताह में 2 दिनों की राशनिंग भी की जा रही है. जहां निगम को जलापूर्ति का अतिरिक्त भार भी उठाना पड़ रहा है. ऐसे में अब रांची नगर निगम जलापूर्ति के लिए सरकार के जरिए राशि आवंटित करने का इंतजार कर रही है, ताकि सभी वार्डों में बोरिंग कराई जा सके और जलापूर्ति के लिए अन्य मदो में राशि खर्च की जा सके. हालांकि निगम को नागरिक सुविधा मदद के लिए 11.37 करोड़ राशि आवंटित की गई है. जिसका इस्तेमाल पार्क, नाली निर्माण, सामुदायिक लाइट,चौक चौराहे भवन के कार्यों के लिए किया जा सकता है. लेकिन उस राशि का उपयोग जलापूर्ति के लिए के बोरिंग में नहीं किया जा सकता.