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रांचीः 13 लाख आबादी महज 53 टैंकर पर निर्भर, जल संकट से निपटने के कोई ठोस नीति नहीं

राजधानी रांची में पानी की समस्या को दूर करने के लिए अभी तक नगर निगम की तैयारी शुरू नहीं हुई है. साथ ही नगर निगम के पास जल संकट से निपटने के लिए संसाधन की भी बेहद कमी है. बावजूद इसके टैंकर से जलापूर्ति की तैयारी अब तक शुरू नहीं हुई है.

1.3 million population of municipal council region relies on only 53 tankers for wate
13 लाख आबादी पानी के लिए महज 53 टैंकर पर निर्भर
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Published : Mar 15, 2021, 4:42 PM IST

रांचीः राजधानी में पानी की समस्या को दूर करने के लिए अभी तक रांची नगर निगम की तैयारी शुरू नहीं हुई है. साथ ही नगर निगम के पास जल संकट से निपटने के लिए संसाधन की भी बेहद कमी है. शहर के 53 वार्ड में रहने वाले लगभग 12.50 लाख आबादी के लिए मात्र 53 टैंकर ही नगर निगम के पास हैं, जिससे गर्मी के दिनों में पानी पहुंचाया जाता है. पूरी तरह गर्मी आने में समय है. बावजूद इसके टैंकर से जलापूर्ति की तैयारी अब तक शुरू नहीं हुई है.

देखें पूरी खबर

इसे भी पढ़ें- जामताड़ा में प्राइवेटाइजेशन का विरोध, बैंक बंद रहने से लोगों की बढ़ी परेशानी

जानकारी के अनुसार, बकरी बाजार स्थित नगर निगम के स्टोर में महीनों से मेंटेनेंस के अभाव में टैंकर खड़े हैं. वहीं, कोरोना काल में जिन टैंकरों से सेनेटाइजेशन का काम किया गया था. उन टैंकरों का मेंटेनेंस न होने की वजह से वह खराब भी हो गए हैं. अब उसी से गर्मी में जलापूर्ति भी की जाएगी, लेकिन टैंकरों की मरम्मत नहीं होने पर पानी का बड़ा हिस्सा बर्बाद भी होगा.

इसके साथ ही टैंकर में पानी भरने के लिए हाइड्रेंट प्वाइंट की संख्या भी काफी कम है. ऐसे में सिर्फ पानी के टैंकर बढ़ाने से जल संकट से निपटना आसान नहीं होगा. बल्कि, टैंकरों में पानी भरने के लिए डीप बोरिंग की भी जरूरत है. शहर के आधे से अधिक वार्डों में हरमू स्थित हाइड्रेंट प्वाइंट से ही पानी भरा जाता है. फिलहाल, वहां डीप बोरिंग की स्थिति ठीक है, लेकिन बकरी बाजार स्थित स्टोर परिसर को डीप बोरिंग सूख गई है.

सभी वार्डों में लगाए जाएगें हैंडपंप

हालांकि, शहर के डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय ने कहा है कि हर वर्ष की तरह इस साल भी सभी वार्डों में टैंकर से पानी पहुंचाया जाएगा. उन्होंने कहा कि पीएचई और पेयजल विभाग का जो रवैया है इससे नहीं लगता है कि उनके ओर से आम जनता को पानी पिलाया जा सकेगा.

साथ ही उन्होंने कहा कि बोर्ड की बैठक में सभी वार्डों में हैंडपंप लगाने की बात को भी रखा जाएगा, क्योंकि अगर बोरिंग नहीं होगी, तो इस बार आम जनता पानी के लिए त्राहिमाम करेगी. वहीं, उन्होंने जल संकट से निपटने के लिए काम कर रही एजेंसियों के खिलाफ भी नाराजगी जाहिर की. उन्होंने कहा कि जल संकट से निपटने के लिए पाइप लाइन बिछाने वाली एजेंसी अपने किलोमीटर को पूरा करने के लिए दूसरा पाइप-लाइन बिछा रहीं हैं. जबकि पानी का स्रोत कहां है, यह साफ नहीं किया है.

वर्तमान में नगर निगम के पास टैंकरों की संख्या

बता दें कि वर्तमान में नगर निगम के पास 9 हजार लीटर का एक टैंकर, 6 हजार लीटर के तीन टैंकर, 4 हजार लीटर के 30 और 2 हजार लीटर के 19 टैंकर हैं. वही, टैंकर में पानी भरने के लिए हरमू पुल के पास मिनी ट्रांसफर स्टेशन में 2 डीप बोरिंग, बकरी बाजार स्थित नगर निगम के स्टोर में 2 डीप बोरिंग है, जिसमें 1 सूख गई है. वहीं शहीद चौक से कचहरी चौक जाने वाले रास्ते पर गंगौर स्वीट्स के सामने 1 डीप बोरिंग है. इसके अलावा भी कुछ जगह पर डीप बोरिंग है, लेकिन वह फेल हो चुकी है.

रांचीः राजधानी में पानी की समस्या को दूर करने के लिए अभी तक रांची नगर निगम की तैयारी शुरू नहीं हुई है. साथ ही नगर निगम के पास जल संकट से निपटने के लिए संसाधन की भी बेहद कमी है. शहर के 53 वार्ड में रहने वाले लगभग 12.50 लाख आबादी के लिए मात्र 53 टैंकर ही नगर निगम के पास हैं, जिससे गर्मी के दिनों में पानी पहुंचाया जाता है. पूरी तरह गर्मी आने में समय है. बावजूद इसके टैंकर से जलापूर्ति की तैयारी अब तक शुरू नहीं हुई है.

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जानकारी के अनुसार, बकरी बाजार स्थित नगर निगम के स्टोर में महीनों से मेंटेनेंस के अभाव में टैंकर खड़े हैं. वहीं, कोरोना काल में जिन टैंकरों से सेनेटाइजेशन का काम किया गया था. उन टैंकरों का मेंटेनेंस न होने की वजह से वह खराब भी हो गए हैं. अब उसी से गर्मी में जलापूर्ति भी की जाएगी, लेकिन टैंकरों की मरम्मत नहीं होने पर पानी का बड़ा हिस्सा बर्बाद भी होगा.

इसके साथ ही टैंकर में पानी भरने के लिए हाइड्रेंट प्वाइंट की संख्या भी काफी कम है. ऐसे में सिर्फ पानी के टैंकर बढ़ाने से जल संकट से निपटना आसान नहीं होगा. बल्कि, टैंकरों में पानी भरने के लिए डीप बोरिंग की भी जरूरत है. शहर के आधे से अधिक वार्डों में हरमू स्थित हाइड्रेंट प्वाइंट से ही पानी भरा जाता है. फिलहाल, वहां डीप बोरिंग की स्थिति ठीक है, लेकिन बकरी बाजार स्थित स्टोर परिसर को डीप बोरिंग सूख गई है.

सभी वार्डों में लगाए जाएगें हैंडपंप

हालांकि, शहर के डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय ने कहा है कि हर वर्ष की तरह इस साल भी सभी वार्डों में टैंकर से पानी पहुंचाया जाएगा. उन्होंने कहा कि पीएचई और पेयजल विभाग का जो रवैया है इससे नहीं लगता है कि उनके ओर से आम जनता को पानी पिलाया जा सकेगा.

साथ ही उन्होंने कहा कि बोर्ड की बैठक में सभी वार्डों में हैंडपंप लगाने की बात को भी रखा जाएगा, क्योंकि अगर बोरिंग नहीं होगी, तो इस बार आम जनता पानी के लिए त्राहिमाम करेगी. वहीं, उन्होंने जल संकट से निपटने के लिए काम कर रही एजेंसियों के खिलाफ भी नाराजगी जाहिर की. उन्होंने कहा कि जल संकट से निपटने के लिए पाइप लाइन बिछाने वाली एजेंसी अपने किलोमीटर को पूरा करने के लिए दूसरा पाइप-लाइन बिछा रहीं हैं. जबकि पानी का स्रोत कहां है, यह साफ नहीं किया है.

वर्तमान में नगर निगम के पास टैंकरों की संख्या

बता दें कि वर्तमान में नगर निगम के पास 9 हजार लीटर का एक टैंकर, 6 हजार लीटर के तीन टैंकर, 4 हजार लीटर के 30 और 2 हजार लीटर के 19 टैंकर हैं. वही, टैंकर में पानी भरने के लिए हरमू पुल के पास मिनी ट्रांसफर स्टेशन में 2 डीप बोरिंग, बकरी बाजार स्थित नगर निगम के स्टोर में 2 डीप बोरिंग है, जिसमें 1 सूख गई है. वहीं शहीद चौक से कचहरी चौक जाने वाले रास्ते पर गंगौर स्वीट्स के सामने 1 डीप बोरिंग है. इसके अलावा भी कुछ जगह पर डीप बोरिंग है, लेकिन वह फेल हो चुकी है.

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