रांची: राजधानी रांची की जुमार नदी के तट पर रविवार को 42 अज्ञात शवों का सामूहिक दाह संस्कार किया गया. मुक्ति संस्थान के सदस्यों के द्वारा रिम्स के मोर्चरी हाउस से सभी अज्ञात शवों को एकत्रित किया गया और फिर उसे जुमार नदी के तट पर लाया गया. जहां शवों का अंतिम संस्कार किया गया. बता दें कि मुक्ति संस्थान के सदस्यों के द्वारा आए दिन ऐसे अज्ञात शवों का अंतिम संस्कार किया जाता है, जिनकी मरने के बाद भी कोई पहचान नहीं हो पाती है.
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शास्त्रों में अंतिम संस्कार का है विशेष महत्वः वहीं हिंदू शास्त्रों के अनुसार मृत्यु के बाद जब तक शव का अंतिम संस्कार नहीं होता है, तब तक मृतक की आत्मा को शांति नहीं मिलती है. इसी सोच के साथ राजधानी में कार्यरत मुक्ति संस्था समय-समय पर शहर के मुर्दा घरों में पड़े शवों का पूरे विधि-विधान के साथ अंतिम संस्कार कराती है, ताकि मृतक की आत्मा को शांति मिल सके.
मुक्ति संस्था ने अब तक 1534 शवों का कराया है अंतिम संस्कारः जानकारी के अनुसार मुक्ति संस्था के द्वारा अब तक कुल 1534 शवों का अंतिम संस्कार कराया गया है. संस्था के अध्यक्ष प्रवीण लोहिया ने सभी अज्ञात शवों को मुखाग्नि दी और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की. रविवार की सुबह से संस्था के सदस्य शवों को पैक करने में लगे रहे और फिर जुमार नदी के तट पर सामूहिक चीता सजायी गई. इसके बाद शवों का विधि-विधान से दाह-संस्कार किया गया.
मौके पर ये थे मौजूदः प्रवीण लोहिया, रवि अग्रवाल, आदित्य राजगढ़िया, राजेश विजयवर्गीय, आशीष भाटिया, परमजीत सिंह टिंकू, संदीप कुमार, अमित किशोर, गौरीशंकर शर्मा, संजय गोयल, आरके गांधी, हरीश नागपाल आदि मौजूद थे.