रांचीः कोरोना वायरस जैसे महामारी को रोकने के लिए केंद्र सरकार की ओर से लगाए गए संपूर्ण लॉकडाउन में भी मुक्ति संस्था ने मानवता की मिसाल पेश की है. रविवार को रिम्स में पड़े शवों को मुक्ति संस्था की ओर से जुमार नदी तट पर अंतिम संस्कार किया गया है. चूंकि लॉकडाउन के नियम का पालन करते हुए संस्था के अध्यक्ष प्रवीण लोहिया ने सभी सदस्यों को घर में रहने के लिए कहा और घर से ही मृत आत्माओं की शांति प्रार्थना करने कहा. जिसके बाद सभी सदस्यों ने लॉकडाउन का पालन करते घर में ही रहकर प्रार्थना की.
अध्यक्ष प्रवीण लोहिया ने जानकारी दी कि रविवार के कार्यक्रम में सामाजिक दूरियों का ख्याल रखते हुए शवों का अंतिम संस्कार किया गया. उन्होंने बताया कि रिम्स में पड़े 10 लावारिश शवों का अंतिम संस्कार किया गया है.
सामूहिक अंतिम संस्कार
मुक्ति संस्था रांची की ओर से रिम्स में पड़े लावारिस शवों का जुमार नदी तट पर पूरे विधि-विधान से अंतिम संस्कार किया गया. प्रवीण ने स्वयं शवों को मुखाग्नि दी. प्रवीण लोहिया ने जानकारी दी कि रविवार को 10 शवों के मिलाकर अभी तक संस्था की ओर से 959 लावारिस शवों का अंतिम संस्कार किया जा चुका है.
नगर निगम ने मुहैया करायी लकड़ी
रिम्स को शीत शव गृह के मरम्मत का कार्य करवाना था. इसलिए संस्था से अनुरोध किया गया था कि शवों का दाह संस्कार अगर सम्भव हो तो किया जाय. इसके बाद मुक्ति संस्था ने अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए रिम्स के 10 लावारिस शवों का दाह संस्कार करवाया. मुक्ति संस्था के अध्यक्ष के अलावा रिम्स के चार कर्मी शामिल थे जिन्होंने शव को पैकिंग कर जुमार नदी तक पहुंचाया. नगर निगम की ओर से लकड़ी और मिट्टी तेल उपलब्ध कराया गया.
अंतिम संस्कार में ऑनलाइन अरदास
अध्यक्ष प्रवीण लोहिया ने जिस समय शवों को मुखाग्नि दे रहे थे, उस समय ऑनलाइन अरदास सम्पन्न कराया गया. उसके बाद अध्यक्ष ने मुखाग्नि दी.