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1 वर्ष का कोर्स में लग गया 4 साल का समय, फिर भी नहीं हुआ पूरा, कोरोना ने फिर लगाया ब्रेक - Ranchi University Vice Chancellor Dr Kamini Kumar

एक बार फिर कोरोना का शिक्षा पर असर पड़ रहा है. सेशन के शुरुआती दौर में ही कोरोना के बढ़ते प्रकोप की वजह से शिक्षण संस्थानों को सरकार ने बंद करने का निर्देश दिया है. नए सेशन की शुरुआत और विश्वविद्यालयों में उच्च शिक्षा से जुड़े विभिन्न परीक्षाओं का दौर भी शुरू होने वाला था. लेकिन फिलहाल सभी परीक्षाओं पर ब्रेक लग गया है. आरयू में एमफिल कोर्स एक साल के बजाय 4 साल में भी पूरा नहीं हो रहा है.

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Published : Jan 8, 2022, 4:15 PM IST

रांची: नई शिक्षा नीति के तहत एमफिल की पढ़ाई को विश्वविद्यालयों से समाप्त कर दिया गया है. जो विद्यार्थी पुराने सेशन से एमफिल की पढ़ाई कर रहे हैं. सेशन को समाप्त करने के बाद एमफिल की पढ़ाई रांची विश्वविद्यालय में भी नहीं होगी. पीजी कोर्स के साथ ही एमफिल को ऐडऑन किया गया है. इस वजह से वर्तमान सत्र में पढ़ने वाले विद्यार्थियों का सेशन लगातार लेट हो रहा है. कोरोना के कारण विद्यार्थियों को और भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. विश्वविद्यालय के 22 पीजी डिपार्टमेंट में लगभग 100 से अधिक संख्या में विद्यार्थी एमफिल की पढ़ाई कर रहे हैं. पिछले 4 वर्षों से आरयू में एमफिल का सेशन अब तक समाप्त हुआ ही नहीं है. जबकि यह कोर्स सिर्फ 1 वर्ष का होता है. आश्चर्य की बात है कि 1 वर्ष के कोर्स को 4 वर्षों में रांची विश्वविद्यालय की ओर से अब तक समाप्त नहीं किया गया है. जबकि पिछले साल लिखित परीक्षा भी ली गई थी.

ये भी पढ़ें- आरयू के इंजीनियरिंग छात्रों को प्रमोट करने की मांग, एनएसयूआई ने किया यूनिवर्सिटी का घेराव

सबसे ज्यादा प्रभावित हैं एमफील से जुड़े छात्र

आरयू में एमफिल करने वाले विद्यार्थी हेमंत कुमार का कहना है कि इस विश्वविद्यालय में नामांकन को लेकर वह काफी मायूस हैं. विश्वविद्यालय ने पूरा समय बर्बाद कर रखा है. देश के अन्य विश्वविद्यालयों में 1 वर्ष में इस कोर्स की पढ़ाई पूरी हो रही है. लेकिन रांची यूनिवर्सिटी में कुछ भी सही नहीं है. दूसरी ओर अब यूनिवर्सिटी कोरोना का बहाना करते हुए एक बार फिर सेशन लटकाने के विचार में है. एमफिल के ही स्टूडेंट पंकज महतो कहते हैं कि 4 वर्षों में यदि हम लोग दूसरे विश्वविद्यालय से एमफिल करते तो अब तक पीएचडी के लिए रजिस्ट्रेशन भी हो जाता और पीएचडी समाप्ति के कगार पर होता. लेकिन रांची विश्वविद्यालय के परीक्षा विभाग की अव्यवस्था के कारण 1 साल की पढ़ाई को 4 साल तक खींचा गया जो विद्यार्थियों के लिए परेशानी भरा रहा. वैसे तो रांची विश्वविद्यालय में साल भर परीक्षाओं का दौर जारी रहता है. इसके बावजूद एमफिल की परीक्षा लेना विश्वविद्यालय भूल जाती है. परीक्षा विभाग और पीजी विभागों के हेड की उदासीनता के कारण इस विश्वविद्यालय में एमफिल की स्थिति यह हुई है.

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रांची यूनिवर्सिटी
वीसी ने विभागाध्यक्ष को दिए निर्देश

मामले को लेकर रांची विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ कामिनी कुमार से हमने बातचीत की है. उन्होंने कहा है कि विभागाध्यक्ष विश्वविद्यालय को इस पूरे मामले को लेकर लिखकर जानकारी देंगे तो यह परीक्षा समय पर आयोजित होगी. विभाग की गलती के कारण छात्रों को खामियाजा भुगतना पड़ रहा है. मामले को लेकर विभागाध्यक्ष को निर्देश दिया गया है.


आरयू में ऑनलाइन क्लास

कोरोना के मद्देनजर रांची विश्वविद्यालय में और भी कई परीक्षाएं प्रभावित हो सकती हैं. जिसमें यूजी और पीजी के विभिन्न संकाय के सेमेस्टर की परीक्षाएं भी शामिल हैं. वहीं बैकलॉग इंजीनियरिंग बीटेक, समेत नर्सिंग और अन्य परीक्षाएं भी कोरोना के बढ़ते रफ्तार को देखते हुए फिलहाल स्थगित हो सकती है. हालांकि रांची विश्वविद्यालय की ओर से इसे लेकर कोई ऑफिशियल गाइडलाइन जारी नहीं हुआ है. फिलहाल विश्वविद्यालय के अधिकतर कामकाज ऑनलाइन हो रहे हैं. पठन-पाठन भी ऑनलाइन तरीके से ही आयोजित किए जा रहे हैं.

रांची: नई शिक्षा नीति के तहत एमफिल की पढ़ाई को विश्वविद्यालयों से समाप्त कर दिया गया है. जो विद्यार्थी पुराने सेशन से एमफिल की पढ़ाई कर रहे हैं. सेशन को समाप्त करने के बाद एमफिल की पढ़ाई रांची विश्वविद्यालय में भी नहीं होगी. पीजी कोर्स के साथ ही एमफिल को ऐडऑन किया गया है. इस वजह से वर्तमान सत्र में पढ़ने वाले विद्यार्थियों का सेशन लगातार लेट हो रहा है. कोरोना के कारण विद्यार्थियों को और भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. विश्वविद्यालय के 22 पीजी डिपार्टमेंट में लगभग 100 से अधिक संख्या में विद्यार्थी एमफिल की पढ़ाई कर रहे हैं. पिछले 4 वर्षों से आरयू में एमफिल का सेशन अब तक समाप्त हुआ ही नहीं है. जबकि यह कोर्स सिर्फ 1 वर्ष का होता है. आश्चर्य की बात है कि 1 वर्ष के कोर्स को 4 वर्षों में रांची विश्वविद्यालय की ओर से अब तक समाप्त नहीं किया गया है. जबकि पिछले साल लिखित परीक्षा भी ली गई थी.

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सबसे ज्यादा प्रभावित हैं एमफील से जुड़े छात्र

आरयू में एमफिल करने वाले विद्यार्थी हेमंत कुमार का कहना है कि इस विश्वविद्यालय में नामांकन को लेकर वह काफी मायूस हैं. विश्वविद्यालय ने पूरा समय बर्बाद कर रखा है. देश के अन्य विश्वविद्यालयों में 1 वर्ष में इस कोर्स की पढ़ाई पूरी हो रही है. लेकिन रांची यूनिवर्सिटी में कुछ भी सही नहीं है. दूसरी ओर अब यूनिवर्सिटी कोरोना का बहाना करते हुए एक बार फिर सेशन लटकाने के विचार में है. एमफिल के ही स्टूडेंट पंकज महतो कहते हैं कि 4 वर्षों में यदि हम लोग दूसरे विश्वविद्यालय से एमफिल करते तो अब तक पीएचडी के लिए रजिस्ट्रेशन भी हो जाता और पीएचडी समाप्ति के कगार पर होता. लेकिन रांची विश्वविद्यालय के परीक्षा विभाग की अव्यवस्था के कारण 1 साल की पढ़ाई को 4 साल तक खींचा गया जो विद्यार्थियों के लिए परेशानी भरा रहा. वैसे तो रांची विश्वविद्यालय में साल भर परीक्षाओं का दौर जारी रहता है. इसके बावजूद एमफिल की परीक्षा लेना विश्वविद्यालय भूल जाती है. परीक्षा विभाग और पीजी विभागों के हेड की उदासीनता के कारण इस विश्वविद्यालय में एमफिल की स्थिति यह हुई है.

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रांची यूनिवर्सिटी
वीसी ने विभागाध्यक्ष को दिए निर्देश

मामले को लेकर रांची विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ कामिनी कुमार से हमने बातचीत की है. उन्होंने कहा है कि विभागाध्यक्ष विश्वविद्यालय को इस पूरे मामले को लेकर लिखकर जानकारी देंगे तो यह परीक्षा समय पर आयोजित होगी. विभाग की गलती के कारण छात्रों को खामियाजा भुगतना पड़ रहा है. मामले को लेकर विभागाध्यक्ष को निर्देश दिया गया है.


आरयू में ऑनलाइन क्लास

कोरोना के मद्देनजर रांची विश्वविद्यालय में और भी कई परीक्षाएं प्रभावित हो सकती हैं. जिसमें यूजी और पीजी के विभिन्न संकाय के सेमेस्टर की परीक्षाएं भी शामिल हैं. वहीं बैकलॉग इंजीनियरिंग बीटेक, समेत नर्सिंग और अन्य परीक्षाएं भी कोरोना के बढ़ते रफ्तार को देखते हुए फिलहाल स्थगित हो सकती है. हालांकि रांची विश्वविद्यालय की ओर से इसे लेकर कोई ऑफिशियल गाइडलाइन जारी नहीं हुआ है. फिलहाल विश्वविद्यालय के अधिकतर कामकाज ऑनलाइन हो रहे हैं. पठन-पाठन भी ऑनलाइन तरीके से ही आयोजित किए जा रहे हैं.

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