रांची: बिहार की तरह झारखंड में भी होमगार्ड जवानों को सुविधा मिलनी चाहिए.सरकार को तुरंत उनकी मांगों पर विचार करना चाहिए. यह कहना है सांसद संजय सेठ का. वे धरने पर बैठे होमगार्ड जवानों से मिलने गए थे.अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन धरना पर बैठे होमगार्ड जवानों ने साफ कर दिया है कि जब तक उनकी मांगें नहीं पूरी होगी, उनका आंदोलन जारी रहेगा.
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इधर धरनास्थल पर पहुंचे रांची सांसद संजय सेठ ने होमगार्ड के जवानों से मुलाकात कर समुचित समाधान के लिए प्रयास करने का आश्वासन दिया. इस दौरान संजय सेठ ने कहा कि राज्य सरकार को आंदोलनरत होमगार्ड जवानों से बात करनी चाहिए और इनके समाधान की दिशा में कार्य करना चाहिए था.
राज्य में इतनी बड़ी संख्या में होमगार्ड के जवान हैं. इन पर परिवार की बड़ी जिम्मेदारी है. बड़ी संख्या में महिलाएं भी होमगार्ड में शामिल हैं. सरकार को इनकी मांगों पर गंभीरतापूर्वक विचार करना चाहिए.
दैनिक मानदेय बढ़ाने की मांग
संजय सेठ ने कहा कि पूर्व की रघुवर दास की सरकार ने होमगार्ड के जवानों का दैनिक मानदेय बढ़ाने का काम किया था और इनका जीवन बेहतर हो, इस दिशा में सरकार काम करने के लिए प्रयासरत थी परंतु वर्तमान सरकार होमगार्ड के जवानों और उनके परिवारवालों पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रही है.
उन्होंने सरकार से बिहार सरकार की तरह होमगार्ड के जवानों को सरकारी विभागों में प्रतिनियुक्ति सुनिश्चित करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार कई संस्थानों में निजी सुरक्षा एजेंसियों से सेवा ले रही है, जबकि हमारे पास प्रशिक्षित जवान हैं.
निजी सुरक्षा एजेंसियों से सेवा लेना उचित नहीं
ऐसे में निजी सुरक्षा एजेंसियों से सेवा लेना उचित नहीं प्रतीत होता. राज्य सरकार को चाहिए रिम्स, प्रोजेक्ट भवन, सदर अस्पताल, जिला मुख्यालयों के विभिन्न कार्यालय सहित अन्य संस्थानों में होमगार्ड के जवानों की सेवा ले और इन्हें निश्चित मानदेय का भुगतान करें ताकि इनका जीवन सुखीपूर्वक बीत सके.
संजय सेठ ने कहा कि होमगार्ड के जवानों के लिए झारखंड सरकार को बिहार सरकार से सीखना चाहिए कि कैसे इनका कल्याण किया जा सकता है. उन्होंने राज्य सरकार से मांग की कि होमगार्ड के जवानों को सेवानिवृत्ति के बाद न्यूनतम पांच लाख रुपए, चिकित्सा संबंधित सुविधाएं, उनके परिजनों के लिए सुलभ शिक्षा व अन्य सुविधा उपलब्ध कराई जाएं.
होमगार्ड को मिले भविष्य निधि का लाभ
वर्तमान में बिहार में होमगार्ड को ₹774 प्रतिदिन भुगतान किया जाता है, इस दिशा में राज्य सरकार को विचार करना चाहिए ताकि होमगार्ड के जवान भी अपने परिजनों के साथ कुशल जीवन यापन कर सकें.
उन्होंने झारखंड सरकार से होमगार्ड के कर्मचारियों को भविष्य निधि का लाभ दिए जाने की भी मांग की है. इसके अलावा किसी अनहोनी या आपात स्थिति में घटना दुर्घटना होने पर उनके परिजनों के लिए मुआवजा व अन्य सुविधाएं भी दिए जाने की मांग की है.
धरनास्थल पर अव्यवस्था देख सांसद संजय सेठ ने नाराजगी जताई. उन्होंने कहा कि कितनी शर्मनाक बात है कि महिला खुले में शौच जाने को मजबूर है. ना पानी की व्यवस्था है, ना बिजली की व्यवस्था है. राज्य सरकार और प्रशासन को यहां मूलभूत सुविधा उपलब्ध करनी चाहिए.