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गलत ट्वीट करने के मामले में सांसद निशिकांत दुबे को झारखंड हाई कोर्ट से मिली राहत,  पीड़क कार्रवाई पर भी लगी रोक - मधुपुर सब डिवीजन

गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे (MP Nishikant Dubey) को झारखंड हाई कोर्ट से राहत मिली है. अदालत ने कहा कि निशिकांत के ऊपर पीड़क कार्रवाई भी नहीं की जाएगी.

MP Nishikant Dubey got relief from Jharkhand High Court
गलत ट्वीट करने के मामले में सांसद निशिकांत दुबे को झारखंड हाई कोर्ट से मिली राहत
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Published : Dec 1, 2022, 8:42 PM IST

रांचीः चुनाव के दौरान गलत ट्वीट करने के मामले में भारतीय जनता पार्टी के गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे (MP Nishikant Dubey) को झारखंड हाई कोर्ट से राहत मिली है. कोर्ट ने उन पर पीड़क कार्रवाई पर रोक लगाई है. हालांकि, निशिकांत के खिलाफ कई मामले दर्ज किए गए हैं, जिसमें उन्हें हाई कोर्ट से समय-समय पर राहत भी मिलती रही है.

यह भी पढ़ेंः विधायक प्रदीप यादव और सांसद निशिकांत दुबे में जुबानी जंग, एक दूसरे पर अवैध संपत्ति अर्जित करने का लगा रहे आरोप

इससे पहले चार अन्य मामलों में भी इनके खिलाफ पीड़क कार्रवाई पर रोक हाई कोर्ट लगा चुकी है. बता दें कि निशिकांत दुबे ट्वीट की वजह से हमेशा चर्चा में रहते हैं. मधुपुर उपचुनाव साल 2021 के दौरान एक ट्वीट किया था, जिसे गलत बताते हुए निशिकांत के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. इसी में से एक देवघर टाउन थाना में दर्ज प्राथमिकी को निरस्त करने का आग्रह निशिकांत दुबे की ओर से अदालत से किया गया था.

झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश संजय कुमार द्विवेदी की अदालत में इस मामले पर सुनवाई हुई. मामले में प्रार्थी की ओर से कहा गया कि घटना के 6 माह के बाद प्राथमिकी दर्ज की गई है. इस मामले में 5 प्राथमिकी मधुपुर सब डिवीजन के अलग-अलग थानों में की गई थी. प्रार्थी का कहना था कि प्राथमिकी में जो सेक्शन लगाए हैं, उसमें सिर्फ कंप्लेंट केस हो सकता है. एफआईआर नहीं हो सकता है. बता दें कि मामले को लेकर देवघर टाउन थाना में कांड संख्या 527/2021 दर्ज किया गया था. उन पर गलत ट्वीट करने का आरोप है. प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता प्रशांत पल्लव और पार्थ जालान ने पैरवी की.

रांचीः चुनाव के दौरान गलत ट्वीट करने के मामले में भारतीय जनता पार्टी के गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे (MP Nishikant Dubey) को झारखंड हाई कोर्ट से राहत मिली है. कोर्ट ने उन पर पीड़क कार्रवाई पर रोक लगाई है. हालांकि, निशिकांत के खिलाफ कई मामले दर्ज किए गए हैं, जिसमें उन्हें हाई कोर्ट से समय-समय पर राहत भी मिलती रही है.

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झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश संजय कुमार द्विवेदी की अदालत में इस मामले पर सुनवाई हुई. मामले में प्रार्थी की ओर से कहा गया कि घटना के 6 माह के बाद प्राथमिकी दर्ज की गई है. इस मामले में 5 प्राथमिकी मधुपुर सब डिवीजन के अलग-अलग थानों में की गई थी. प्रार्थी का कहना था कि प्राथमिकी में जो सेक्शन लगाए हैं, उसमें सिर्फ कंप्लेंट केस हो सकता है. एफआईआर नहीं हो सकता है. बता दें कि मामले को लेकर देवघर टाउन थाना में कांड संख्या 527/2021 दर्ज किया गया था. उन पर गलत ट्वीट करने का आरोप है. प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता प्रशांत पल्लव और पार्थ जालान ने पैरवी की.

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