रांची: भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश को रांची सिविल कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. कांके थाना में दर्ज कांड संख्या 141/2021 में रांची एमपी-एमएलए की स्पेशल कोर्ट ने उन्हें सरेंडर के बाद जमानत दे दी है. दरअसल, कांके के सुकुरहुरटू इलाके में किसान आंदोलन के दौरान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश और कांके विधायक समरी लाल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी. दीपक प्रकाश के अधिवक्ता सुधीर श्रीवास्तव के मुताबिक सांसद ने अदालत के समक्ष सरेंडर किया. जिसके बाद कोर्ट ने उन्हें जमानत प्रदान कर दी है. वहीं कांके विधायक समरी लाल को इस मामले में पहले ही बेल मिल चुका है. दीपक प्रकाश के सरेंडर और बेल अर्जी पर ज्यूडीशियल मजिस्ट्रेट अनामिका किस्कू की कोर्ट में सुनवाई हुई.
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किसानों के आंदोलन में सांसद ने लिया था भागः बेल मिले के बाद सांसद दीपक प्रकाश ने बताया कि कांके थाना अंतर्गत किसानों के समर्थन में उन्होंने आंदोलन में हिस्सा लिया था. जिसको लेकर वर्तमान सरकार ने भारतीय जनता पार्टी के कई कार्यकर्ताओं पर फर्जी मुकदमा दायर करवाया था. उनमें से एक मुकदमा मेरे ऊपर भी दायर किया गया था. जिसको लेकर वो शुक्रवार को कोर्ट में हाजिर हुए. जहां सुनवाई के बाद न्यायालय ने उन्हें बेल दे दिया है. दीपक प्रकाश बताते हैं कि भारतीय जनता पार्टी का एक-एक कार्यकर्ता किसानों के समर्थन में है, लेकिन वर्तमान राज्य सरकार किसान विरोधी नीति लाकर राज्य के किसानों को परेशान करना चाहती है जो भारतीय जनता पार्टी कभी भी नहीं होने देगी.
सरकार पर लगाया फर्जी मुकदमा कराने का आरोपः दीपक प्रकाश के साथ-साथ कांके के विधायक समरी लाल पर भी केस दर्ज थे.समरी लाल को इस मामले पर पहले ही कोर्ट से राहत मिल चुकी है. बेल मिलने के बाद सांसद दीपक प्रकाश ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी का एक-एक कार्यकर्ता जनता के सेवा के लिए कटिबद्ध है. वर्तमान सरकार चाहे जितने भी फर्जी मुकदमा करके भारतीय जनता पार्टी को डराना चाहे, हमारे कार्यकर्ता राज्य के विकास के लिए आवाज उठाते रहेंगे चाहे उसके लिए उन्हें जेल ही क्यों ना जाना पड़े.
भाजपा कार्यकर्ताओं ने सरकार की नीतियों पर जताया रोषः वहीं उनके वकील से मिली जानकारी के अनुसार बताया गया कि फिलहाल राजसभा सांसद दीपक प्रकाश को बेल मिल गया है. अब अगली सुनवाई की तारीख दी जाएगी. उस दिन सुनवाई के बाद स्पष्ट हो पाएगा.बता दें कि दीपक प्रकाश भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं. शुक्रवार को सिविल कोर्ट में सरेंडर होने की सूचना मिलते ही भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ आक्रोश जाहिर किया. कार्यकर्ताओं ने कहा कि वर्तमान सरकार भाजपा के नेताओं को केस में फंसा कर डराना चाहती है, लेकिन सरकार में शामिल लोगों को यह पता नहीं कि भाजपा के कार्यकर्ता योद्धा हैं.