रांचीः राजधानी में एक गरीब दंपति ने अपनी नवजात बच्ची को बिना किसी प्रक्रिया के गोद दे दिया है. करीब एक महीने की बच्ची को गोद दिया गया है. बच्ची के माता-पिता ने गरीबी से तंग आकर एक निसंतान दंपति को सौंपने की बात कही है. इसकी जानकारी बाल कल्याण समिति और पुलिस को मिली है.
मामले को लेकर सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष रूपा वर्मा ने कहा कि बच्ची को रेस्क्यू कर अपने कब्जे में लेगी. खरीद-बिक्री की पुष्टि होने पर एफआईआर भी दर्ज की जा सकती है. खरीद बिक्री न होने पर एडॉप्शन प्रक्रिया की जांच की जाएगी. जानकारी के अनुसार नामकुम प्रखंड के पुराना हुलहुंडू में रहने वाले प्रेमसुख बोदरा की तीन बेटियां पहले से थी.
28 दिन पहले उसको चौथी बेटी हुई. गरीबी की वजह से बेटियों का लालन-पालन में परेशानी का हवाला देकर उसने नामकुम के सामलौंग गिरजा कोचा निवासी एलेक्जेंडर खलखो को बच्ची सौंप दी है. सीडब्ल्यूसी ने इसकी छानबीन शुरू कर दी है.
बच्ची के माता-पिता तुपुदाना ओपी इलाके में रहते हैं. इसकी जानकारी मिलने पर गुरुवार को सीडब्ल्यूसी ने तुपुदाना ओपी पुलिस को बच्ची के माता-पिता के पास भेजा.
पुलिस के पहुंचने पर पता चला कि बुधवार को ही बच्ची को नामकुम की एक दंपति को सौंपा जा चुका है. इस पर बच्ची के पिता ने पुलिस को एक लिखित आवेदन दिया है, जिसमें बताया है कि वह पेशे से मजदूर है. उसने गरीबी से तंग आकर दंपति को सौंपा है. बताया जाता है कि जिसे सौंपा गया है, वह दंपति भी उसका रिश्तेदार है.
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इस मामले की सूचना पुलिस ने सीडब्ल्यूसी को भी दे दी है. सीडब्ल्यूसी बच्ची के मां-बाप और गोद लेने वाले दंपति को बुलाकर पूरे मामले की जांच करेगी. बच्ची को सौंपने वाले पिता प्रेमसुख मूल रूप से पश्चिमी सिंहभूम जिले के गोइलकेरा थाना क्षेत्र के ओसांगी गांव का रहने वाला है.
वहीं इस मामले को लेकर सीडब्ल्यूसी की अध्यक्ष रूपा वर्मा ने बताया कि बिना एडॉप्शन प्रक्रिया किए बच्ची को गोद नहीं दिया जा सकता है. अगर खरीद बिक्री की बात सामने आती है, तो एफआईआर दर्ज की जाएगी.