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Raj Bhavan Jharkhand: राजभवन के रॉयल गार्डन का चार लाख से अधिक लोगों ने किया दीदार, फूलों की ताजगी ने लोगों को तरोताजा किया

11 दिनों के बाद झारखंड का राजभवन आम लोगों के लिए शुक्रवार शाम को बंद कर दिया. अंतिम दिन रॉयल गार्डन का भ्रमण करने लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. पूरे उद्यान में घूम-घूम कर लोगों ने फूलों और फलों के पौधों और पेड़ों को निहारा. साथ ही म्यूजिकल फाउंटेन का भी आनंद उठाया.

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People Visited Royal Garden Of Raj Bhavan Ranchi
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Published : Feb 10, 2023, 10:41 PM IST

रांची: झारखंड राजभवन स्थित रॉयल गार्डन आम लोगों के लिए 11 दिन खुलने के बाद शुक्रवार को बंद हो गया. शुक्रवार को उद्यान खुलने के अंतिम दिन 78818 लोगों ने उद्यान का भ्रमण किया. पहले राजभवन के उद्यान को 31 जनवरी से सात फरवरी तक खोला गया था. राजभवन के रॉयल गार्डन के प्रति लोगों का आकर्षण और बड़ी संख्या में भीड़ को देखते हुए इसे 10 फरवरी तक बढ़ा दिया गया था. जिसका लोगों ने भरपूर आनंद उठाया.

ये भी पढे़ं-Raj Bhavan garden: 10 फरवरी तक खुला रहेगा राजभवन उद्यान, पर्यटकों की भीड़ को देखते हुए बढ़ाया गया समय

चार लाख से अधिक लोगों ने रॉयल गार्डन का किया विजिटः राजभवन से दी गई जानकारी के अनुसार 31 जनवरी से 10 फरवरी तक कुल चार लाख, 24 हजार, 37 लोगों ने राजभवन का भ्रमण किया. राजभवन मुख्य भवन के सामने निर्मित भव्य अशोक स्तंभ, दो कृत्रिम ऑक्टोपस, चिल्ड्रेन पार्क, कृत्रिम पहाड़, झरने, लोटस ब्रिज के साथ राजभवन की दीवारों पर उकेरी गई सोहराय पेंटिंग आकर्षण के विशेष केंद्र रही.

उद्यान में 400 किस्म से अधिक हैं गुलाब के पौधेः बताते चलें कि राजभवन उद्यान में लगभग 400 किस्म के 17 हजार से अधिक गुलाब के पौधे हैं. जिसे देख लोग तरोताजा हो गए. वहीं राजभवन के रॉयल गार्डन में इस बार 45 प्रकार के देसी-विदेशी मौसमी फूल ( सीजनल फ्लावर्स) लगाए गए थे जो लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र रहे. वहीं राज्यपाल रमेश बैस के निर्देश पर ऑर्किड गार्डेन का निर्माण किया गया है. जिसमें 37 किस्म के 127 ऑर्किड के पौधे भी लगाए गए हैं. वहीं उद्यान में विभिन्न प्रकार के फलों के पौधे यथा- संतरा, मौसमी, थाई अमरूद, एप्पल बेर, एप्प्ल, पपीता, नाशपाती, चीकू, स्ट्रॉबेरी, जामुन, अनन्नास, बादाम, काजू आदि लगाए गए हैं. जिसे आम जनता ने नजदीक से देखा.

म्यूजिकल फाउंटेन का भी लोगों ने उठाया लुत्फः राज्यपाल द्वारा फूलो-झानो उद्यान उद्यान में अवस्थित म्यूजिकल फाउंटेन सहित अन्य फाउंटेन को नया स्वरूप प्रदान किया गया है. उद्यान में रुद्राक्ष, कल्पतरु जैसे दुर्लभ पेड़ के साथ विभिन्न प्रकार के मसाले के पौधे और महात्मा गांधी औषधि उद्यान में विभिन्न औषधीय पौधे भी लगाए गए हैं. राजभवन के गुरू गोविंद सिंह वाटिका स्थित तालाब में विभिन्न प्रकार की मछलियां भी आकर्षण का केंद्र रहीं. राजभवन के रॉयल गार्डन को देखने आए सवा चार लाख से अधिक लोगों के लिए ये 11 दिन बेहद खास रहे. यहां के अविस्मरणीय पल और इसकी खूबसूरती की यादें अगले एक साल तक उन्हें तरोताजा बनाए रखेगा.

पूर्व राज्यपाल सिब्ते रजी के समय में शुरू हुई थी परंपरा:झारखंड के पूर्व राज्यपाल सिब्ते रजी के समय में उनके पहल पर राजभवन के रॉयल गार्डन को आम अवाम के लिए खोलने की परंपरा शुरू हुई थी. तब से इस वर्ष तक ( सिर्फ कोरोनाकाल को छोड़कर) लगातार हर वर्ष आम जनता के लिए राजभवन का गेट खुलता है और हजारों की संख्या में लोग राजभवन की खूबसूरती का नजदीक से दीदार करते हैं.

रांची: झारखंड राजभवन स्थित रॉयल गार्डन आम लोगों के लिए 11 दिन खुलने के बाद शुक्रवार को बंद हो गया. शुक्रवार को उद्यान खुलने के अंतिम दिन 78818 लोगों ने उद्यान का भ्रमण किया. पहले राजभवन के उद्यान को 31 जनवरी से सात फरवरी तक खोला गया था. राजभवन के रॉयल गार्डन के प्रति लोगों का आकर्षण और बड़ी संख्या में भीड़ को देखते हुए इसे 10 फरवरी तक बढ़ा दिया गया था. जिसका लोगों ने भरपूर आनंद उठाया.

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चार लाख से अधिक लोगों ने रॉयल गार्डन का किया विजिटः राजभवन से दी गई जानकारी के अनुसार 31 जनवरी से 10 फरवरी तक कुल चार लाख, 24 हजार, 37 लोगों ने राजभवन का भ्रमण किया. राजभवन मुख्य भवन के सामने निर्मित भव्य अशोक स्तंभ, दो कृत्रिम ऑक्टोपस, चिल्ड्रेन पार्क, कृत्रिम पहाड़, झरने, लोटस ब्रिज के साथ राजभवन की दीवारों पर उकेरी गई सोहराय पेंटिंग आकर्षण के विशेष केंद्र रही.

उद्यान में 400 किस्म से अधिक हैं गुलाब के पौधेः बताते चलें कि राजभवन उद्यान में लगभग 400 किस्म के 17 हजार से अधिक गुलाब के पौधे हैं. जिसे देख लोग तरोताजा हो गए. वहीं राजभवन के रॉयल गार्डन में इस बार 45 प्रकार के देसी-विदेशी मौसमी फूल ( सीजनल फ्लावर्स) लगाए गए थे जो लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र रहे. वहीं राज्यपाल रमेश बैस के निर्देश पर ऑर्किड गार्डेन का निर्माण किया गया है. जिसमें 37 किस्म के 127 ऑर्किड के पौधे भी लगाए गए हैं. वहीं उद्यान में विभिन्न प्रकार के फलों के पौधे यथा- संतरा, मौसमी, थाई अमरूद, एप्पल बेर, एप्प्ल, पपीता, नाशपाती, चीकू, स्ट्रॉबेरी, जामुन, अनन्नास, बादाम, काजू आदि लगाए गए हैं. जिसे आम जनता ने नजदीक से देखा.

म्यूजिकल फाउंटेन का भी लोगों ने उठाया लुत्फः राज्यपाल द्वारा फूलो-झानो उद्यान उद्यान में अवस्थित म्यूजिकल फाउंटेन सहित अन्य फाउंटेन को नया स्वरूप प्रदान किया गया है. उद्यान में रुद्राक्ष, कल्पतरु जैसे दुर्लभ पेड़ के साथ विभिन्न प्रकार के मसाले के पौधे और महात्मा गांधी औषधि उद्यान में विभिन्न औषधीय पौधे भी लगाए गए हैं. राजभवन के गुरू गोविंद सिंह वाटिका स्थित तालाब में विभिन्न प्रकार की मछलियां भी आकर्षण का केंद्र रहीं. राजभवन के रॉयल गार्डन को देखने आए सवा चार लाख से अधिक लोगों के लिए ये 11 दिन बेहद खास रहे. यहां के अविस्मरणीय पल और इसकी खूबसूरती की यादें अगले एक साल तक उन्हें तरोताजा बनाए रखेगा.

पूर्व राज्यपाल सिब्ते रजी के समय में शुरू हुई थी परंपरा:झारखंड के पूर्व राज्यपाल सिब्ते रजी के समय में उनके पहल पर राजभवन के रॉयल गार्डन को आम अवाम के लिए खोलने की परंपरा शुरू हुई थी. तब से इस वर्ष तक ( सिर्फ कोरोनाकाल को छोड़कर) लगातार हर वर्ष आम जनता के लिए राजभवन का गेट खुलता है और हजारों की संख्या में लोग राजभवन की खूबसूरती का नजदीक से दीदार करते हैं.

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