रांचीः झारखंड में अब तक 32 लाख 53 हजार 40 लोगों को कोरोना वैक्सीन का पहला डोज दिया जा चुका है. वहीं, 6 लाख 82 हजार 155 लोगों को वैक्सीन का दूसरा डोज दिया गया है. स्वास्थ्य विभाग के वरीय आईईसी प्रभारी सिद्धार्थ त्रिपाठी ने बताया कि राज्य में 22 हजार 566 कोरोना संक्रमण के एक्टिव मरीज हैं, जिसमें 78 प्रतिशत यानी 17,620 मरीज बिना लक्षण के हैं और 22 प्रतिशत यानी 4,946 मरीजों में कोई न कोई लक्षण हैं. उन्होंने कहा कि राज्य में ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या 27 हो गई है, लेकिन ब्लैक फंगस से किसी की मौत नहीं हुई है.
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एनएचएम के आईईसी नोडल अधिकारी सिद्धार्थ त्रिपाठी ने कहा कि राज्य में ब्लैक फंगस के इलाज में कालाजार की दवा का उपयोग किया जा रहा है. इन दवाओं का स्टॉक राज्य में है. उन्होंने बताया कि ब्लैक फंगस के मरीज पहले भी मिलते रहे हैं. इस बीमारी में मौत का खतरा बहुत ज्यादा है, इसलिए सरकार हर स्थिति से निपटने की तैयारी कर रही है. उन्होंने कहा कि ब्लैक फंगस में उपयोग होने वाली दवा लाइपोजोमल एम्फोटेरिसिन बी का उपयोग कालाजार के मरीजों में पहले से किया जाता रहा है. यह दवा राज्य में पहले से ही पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है. किसी मरीज को दवा मिलने में कोई परेशानी नहीं होगी.
18 से 44 वर्ष आयु वाले लोगों के लिए 1.49 लाख टीका उपलब्ध
उन्होंने कहा कि राज्य में 18 से 44 वर्ष के लोगों के लिए करीब 1 लाख 49 हजार 50 वैक्सीन उपलब्ध है. इसमें कोविशील्ड के 1,39,130 और और कोवैक्सीन के 9,920 डोज शामिल हैं. उन्होंने कहा कि सबसे अधिक 23,990 डोज पलामू और 20,000 डोज रांची में उपलब्ध हैं. राज्य में रविवार तक 18-44 आयु वर्ग के 3 लाख 70 हजार 955 लोगों को पहला डोज दिया जा चुका है. साथ ही कोवैक्सीन की दूसरी डोज 4 से 6 सप्ताह तथा कोविशील्ड की दूसरी डोज 12 से 16 सप्ताह बाद दी जाती है.
हजारों लोगों ने ली वैक्सीन
राज्य के अलग-अलग वैक्सीनेशन सेंटर पर हजारों की संख्या में युवाओं ने वैक्सीन ली. नामकुम के वैक्सीनेशन सेंटर पर कपल सोनी और राजेश भी वैक्सीन लेने पहुंचे और वैक्सीन लेने के बाद लोगों से अपील करते हुए कहा कि वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित है.