रांची: वैश्विक महामारी कोरोना के मद्देनजर लगे लॉकडाउन की वजह से अलग-अलग राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों को आर्थिक सहायता पहुंचाने के लिए मुख्यमंत्री कोरोना सहायता ऐप को अबतक 1.5 लाख से अधिक लोगों ने डाउनलोड किया है.
लॉकडाउन 2.0 की शुरुआत के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के दिशा-निर्देश पर 2 दिनों में तैयार किए गए इस ऐप के मार्फत प्रवासी मजदूरों के खाते में न्यूनतम 1000 रुपये की राशि ट्रांसफर की जाएगी. वहीं, 16 अप्रैल को लॉन्च किया गया था ऐप. इस ऐप की औपचारिक लॉन्चिंग 16 अप्रैल को मुख्यमंत्री सोरेन ने खुद की थी. हालांकि उसके बाद तकनीकी खामियों की वजह से इसके डाउनलोडिंग में समस्या आ रही थी. वहीं, वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव की मानें तो तकनीकी समस्या को सॉर्टआउट कर लिया गया है और लोगों तक जल्द ही आर्थिक मदद पहुंचाई जाएगी.
दूसरे राज्यों में लगभग 7 लाख मजदूर फंसे हैं. वैसे तो राज्य सरकार अपने दो कॉल सेंटर की मदद से बाहर फंसे लोगों की सहायता कर रही है, लेकिन इस ऐप की मदद से वैसे लोगों को आर्थिक सहायता पहुंचाई जाएगी, जो सूचना भवन में बने कॉल सेंटर के अलावा श्रम विभाग के जरिए जारी नंबरों पर प्रवासी मजदूर अपनी समस्या रख रहे हैं. दरअसल उन प्रवासी मजदूरों तक राशन पहुंचाना पूरी तरह से संभव नहीं है, इसलिए उन्हें इस ऐप के जरिये आर्थिक मदद पहुंचाई जाएगी.
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ऐसे काम करेगा ऐप
दरअसल ऐप में नाम, फोन नंबर और आधार कार्ड का विवरण देना होगा. साथ ही एक सेल्फी खींच कर सबमिट करनी होगी जो आधार कार्ड से मैच कराई जाएगी. उसके बाद उन्हें उस राज्य और जिले की डिटेल मांगी जाएगी जहां वह फंसे हैं. वहीं, दिए गए फोन नंबर पर ओटीपी भेजा जाएगा, जिससे वेरिफिकेशन आसान हो सके. उसके बाद संबंधित जिला प्रशासन से जानकारी ली जाएगी. सफलतापूर्वक रजिस्ट्रेशन के बाद लाभुक का अकाउंट डिटेल सबमिट कराया जाएगा साथ ही इसके लिए लाभुक का बैंक खाता झारखंड के किसी जिले में होना चाहिए.