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सूरज ढलते ही लगता है मोराबादी मैदान में ठेले- खोमचे की दुकान, यंगर्स उठाते हैं जमकर खाने का लुत्फ - झारखंड न्यूज

मेट्रो सिटी के तरह ही हर रोज राजधानी के मोराबादी मैदान में ठेले-खोमचे की दुकान लगती है. जहां अपने मनपसंद खानों का लुत्फ उठाने के लिए लोगों की भीड़ लगती है. मैदान में लगभग 150 से ज्यादा ठेले की दुकान हर रोज लगाई जाती है.

यंगर्स उठाते हैं जमकर खाने का लुत्फ
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Published : Feb 11, 2019, 6:38 AM IST

Updated : Feb 11, 2019, 1:42 PM IST

रांची: मेट्रो सिटी के तरह ही हर रोज राजधानी के मोराबादी मैदान में ठेले-खोमचे की दुकान लगती है. जहां अपने मनपसंद खानों का लुत्फ उठाने के लिए लोगों की भीड़ लगती है. मैदान में लगभग 150 से ज्यादा ठेले की दुकान हर रोज लगाई जाती है.

यंगर्स उठाते हैं जमकर खाने का लुत्फ
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रांची के मोराबादी मैदान के आस-पास जितने भी बड़े- बड़े दुकान हैं वो शाम होते ही बंद होने लगते हैं, क्योंकि शाम के 6 बजते ही मैदान में लगभग 150 से ज्यादा ठेले- खोमचा की दुकान लग जाती है. जहां खाने के लिए लोगों की भारी भीड़ लगती है. ठेले-खोमचे की दुकान हर शाम 6 बजे से रात 10 बजे तक लगती है.


मोराबादी मैदान से रांची यूनिवर्सिटी और हॉस्टल के नजदीक होने के कारन ठेले की दुकान में सबसे ज्यादा भीड़ युवाओं की लगती है. जहां उनके खाने के लिए कई तरह के फूड मिलते हैं. ठेले- खोमचे की दुकान में फूड कॉर्नर के अलावे कुल्हड़ वाली चाय की चुस्की लेने भी यहां लोगों की भीड़ लगती है.

ठेले- खोमचे की दुकान के फूड खाने के लोग दूर दराज भी आते हैं. यहां आने वाले लोगों का कहना है की शाम होते ही मोराबादी मैदान मनमोहक और सुहाना लगता है. वहीं दुकानदार का कहना है कि लोगों की भीड़ होने से अच्छी-खासी कमाई होती है.

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रांची: मेट्रो सिटी के तरह ही हर रोज राजधानी के मोराबादी मैदान में ठेले-खोमचे की दुकान लगती है. जहां अपने मनपसंद खानों का लुत्फ उठाने के लिए लोगों की भीड़ लगती है. मैदान में लगभग 150 से ज्यादा ठेले की दुकान हर रोज लगाई जाती है.

यंगर्स उठाते हैं जमकर खाने का लुत्फ
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रांची के मोराबादी मैदान के आस-पास जितने भी बड़े- बड़े दुकान हैं वो शाम होते ही बंद होने लगते हैं, क्योंकि शाम के 6 बजते ही मैदान में लगभग 150 से ज्यादा ठेले- खोमचा की दुकान लग जाती है. जहां खाने के लिए लोगों की भारी भीड़ लगती है. ठेले-खोमचे की दुकान हर शाम 6 बजे से रात 10 बजे तक लगती है.


मोराबादी मैदान से रांची यूनिवर्सिटी और हॉस्टल के नजदीक होने के कारन ठेले की दुकान में सबसे ज्यादा भीड़ युवाओं की लगती है. जहां उनके खाने के लिए कई तरह के फूड मिलते हैं. ठेले- खोमचे की दुकान में फूड कॉर्नर के अलावे कुल्हड़ वाली चाय की चुस्की लेने भी यहां लोगों की भीड़ लगती है.

ठेले- खोमचे की दुकान के फूड खाने के लोग दूर दराज भी आते हैं. यहां आने वाले लोगों का कहना है की शाम होते ही मोराबादी मैदान मनमोहक और सुहाना लगता है. वहीं दुकानदार का कहना है कि लोगों की भीड़ होने से अच्छी-खासी कमाई होती है.

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रांची

दिल्ली मुंबई मेट्रो सिटी के तर्ज पर राजधानी रांची के मोराबादी में शाम होते ही ठेले खोमचे का लगने लगता है भरमार। लोग अपने मनपसंद के चीजों को खाने के लिए अपने घरों से पहुंचते हैं। मेट्रो सिटी की तर्ज पर ही सूरज ढलने के बाद ही यहां की दुकानदारी शुरू होती है यहां पर लगने वाले फुटपाथ दुकान है शहर के अन्य दुकानों से बिल्कुल अलग है क्योंकि शहर के बीच में लगने वाले फुटपाथ दुकाने दिन के उजाले में उजाले में होती है लेकिन सूरज ढलते ही उनकी दुकानदारी बंद हो जाती है लेकिन राजधानी रांची के मोराबादी स्थित लगने वाले या दुकानों की दुकानदारी शाम के 6:00 बजे से शुरू होकर रात के 10:00 बजे तक चलती है


Body:यहां पर सबसे ज्यादा युवक-युवतियों की भीड़ देखने को मिलती है रांची यूनिवर्सिटी रांची कॉलेज और हॉस्टल होने के कारण सबसे ज्यादा यंगस्टर्स की भरमार होती है। लेकिन इसके साथ-साथ लोग अपने फैमिली को भी लेकर इन फुटपाथ दुकानों में अपने मनपसंद की चीजों को खाने के लिए पहुंचते हैं हर तरह की वैरायटी भरा फूड कॉर्नर ग्राहकों के डिमांड के अनुसार भरमार सा है। चाइनीस से लेकर कुल्हड़ चाय तक का काफी डिमांड यहां पर देखने को मिलता है यू कहे तो इस इलाके को देखकर आपको लगेगा कि किसी मेट्रो सिटी में पहुंच गए हैं क्योंकि मेट्रो सिटी में भी सूरज ढलने के बाद ही दुकानदारी शुरू होती है


Conclusion:लोग अपने समय को व्यतीत करने और मनपसंद के चीजों को खाने के लिए मोराबादी स्थित लगने वाले ठेले खोमचे में पहुंचते हैं। लोगों की माने तो या जगह इतना मनमोहक और सुहाना है कि बाहर शहर से आने वाले दोस्तों को भी लेकर इस इलाके में पहुंचते हैं और यहां की ठेले खोमचे का स्वाद चखाते हैं यहां पर लगभग डेढ़ सौ से ज्यादा फुटपाथ दुकानदार अपनी जीविका उपार्जन करने के लिए ठेले खोमचे लगाते हैं। यहां पर सबसे ज्यादा दुकानदारी 6:00 बजे से रात के 10:00 तक होती है
Last Updated : Feb 11, 2019, 1:42 PM IST
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