रांची: झारखंड के मनरेगा कर्मियों ने सरकार के खिलाफ आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी है. झारखंड राज्य मनरेगा कर्मचारी संघ की मोरहाबादी में रविवार को बैठक हुई. जिसमें सर्वसम्मति से आंदोलन करने का फैसला लिया गया है. इस मौके पर संघ के प्रदेश अध्यक्ष जॉन पीटर बागे सहित मनरेगा संघ कार्यकारिणी ने हेमंत सोरेन सरकार के अब तक के रवैये को मनरेगाकर्मी विरोधी बताते हुए कहा कि चरणबद्ध आंदोलन के अलावा अब कोई रास्ता नहीं बचा है. इस मौके पर सभी जिलों के जिला अध्यक्ष, जिला सचिव और प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य उपस्थित थे.
मनरेगा कर्मचारियों ने हेमंत सरकार पर वादाखिलाफी का लगाया आरोपः बैठक में झारखंड सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए मनरेगा संघ के प्रदेश अध्यक्ष पीटर बागे ने कहा कि सरकार ने चुनाव पूर्व जो वादा किया था, आज तक पूरा नहीं किया है. वर्तमान सरकार के कार्यकाल का अब चार साल पूरा होने को है, लेकिन अभी तक मनरेगाकर्मियों से किए वादे सरकार पूरा नहीं कर सकी है. उन्होंने कहा कि अब ऐसा लगने लगा है कि सरकार की मंशा साफ नहीं है. मनरेगा कर्मियों को सरकार और विभागीय मंत्री लगातार छलने का काम कर रहे हैं.
मनरेगा कर्मियों ने चरणबद्ध आंदोलन की दी चेतावनीः इस मौके पर प्रदेश अध्यक्ष पीटर बागे ने कहा कि अब अपनी मांगों को लेकर संघ चरणबद्ध आंदोलन करेगा और 2024 के विधानसभा चुनाव में वर्तमान सरकार को सबक सिखाया जाएगा. उन्होंने कहा कि अब राज्य के मनरेगाकर्मियों के पास आंदोलन के सिवा कोई अन्य विकल्प नहीं बचा है. उन्होंने कहा कि 16 वर्ष सेवा ग्रामीण विकास विभाग को देने के बावजूद मनरेगाकर्मी लगातार छले गए हैं, लेकिन आज भी हमारा भविष्य सुरक्षित नहीं हैं.
सेवा नियमितीकरण करने की मांगः वहीं मनरेगा संघ के बसंत सिंह ने कहा कि पूरे एक वर्ष तक आंदोलन करने की कार्य योजना तैयार की जाएगी. मांगने से ये सरकार कुछ देने वाली नहीं है. हमें लड़ कर और छीन कर ही हक लेना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि 2007 में हमारी नियुक्ति एक वर्ष के लिए की गई थी. कार्य संपुष्टि को देखते हुए आज तक सेवा में है. हमारी एक ही मांग हैं सेवा नियमितीकरण की जिसे सरकार पूरा नहीं कर रही है.
संविदा कर्मियों की उपेक्षा करने का लगाया आरोपः वहीं इस मौके पर प्रदेश उपाध्यक्ष पंकज सिंह ने कहा कि हमेशा से सरकार ने मनरेगा कर्मियों को छलने का काम किया है. हमलोगों ने कई बार अपनी मांगों को सरकार के पास रखने का प्रयास किया, पर सरकार सोई हुई है.संविदा कर्मियों के दुःख, तकलीफ अब इस सरकार को दिखाई नहीं देती है. आक्रोशित मनरेगाकर्मियों ने कहा कि जिस तरह मनरेगा कर्मियों ने रघुवर दास सरकार को उखाड़ फेंकने का काम किया था, उसी तरह वर्तमान सरकार को सत्ता से बाहर किया जाएगा.
झारखंड राज्य मनरेगा कर्मचारी संघ की ओर से चरणबद्ध आंदोलन की रूप रेखा
- 22 जुलाई तक पूरे प्रदेश में सरकार की बेरुखी और वादाखिलाफी का पर्चा आम जनता तक पहुंचाएंगे मनरेगाकर्मी.
- 23 जुलाई से 31जुलाई तक सभी जिला मुख्यालयों में एक दिवसीय धरना और मुख्यमंत्री के नाम डीसी के माध्यम से मांग पत्र भेजेंगे मनरेगाकर्मी.
- 20 अगस्त से 31अगस्त तक राज्य के सभी कैबिनेट मंत्री का आवास घेराव कार्यक्रम.
- 18 सितंबर को मुख्यमंत्री आवास घेराव होगा.
- 10 अक्टूबर से ग्रामीण विकास मंत्री के आवास पर घेरा डालो-डेरा डालो कार्यक्रम.
- इसके बाद भी मांग पूरी नहीं होने पर अनिश्चितकालीन हड़ताल.