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जानिए बंधु तिर्की से पहले किन विधायकों ने कोर्ट ऑर्डर पर खोई है विधायकी, झारखंड में एक और उपचुनाव तय - एनोस एक्का

बंधु तिर्की झारखंड के पहले विधायक नहीं हैं जिनकी विधायकी सजा सुनाने के बाद खत्म हो रही है. इससे पहले भी 5 विधायक ऐसे रहे हैं, जिनकी विधायकी कोर्ट के फैसले के बाद खत्म हुई है.

MLAs punished by court before Bandhu Tirkey in Jharkhand
MLAs punished by court before Bandhu Tirkey in Jharkhand
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Published : Mar 28, 2022, 7:34 PM IST

Updated : Mar 29, 2022, 7:52 AM IST

रांची: आय से अधिक संपत्ति मामले में सीबीआई कोर्ट के फैसले के बाद यह साफ हो गया है मांडर से कांग्रेस विधायक बंधु तिर्की की विधायकी खत्म हो जायेगी. प्रावधान के तहत किसी भी विधायक को 2 वर्ष से अधिक की सजा होने पर उनकी विधानसभा सदस्यता समाप्त हो जाती है. इस तरह से बंधु तिर्की मामले में भी कोर्ट के फैसले की कॉपी विधानसभा को भेजी जायेगी. विधानसभा सजा की तारीख को इंगित करते हुए सदस्यता समाप्त करने का अधिसूचना जारी करेगा.

ये भी पढ़ें- 6 लाख की संपत्ति, तीन साल जेल और 3 लाख का जुर्माना, रांची सीबीआई कोर्ट ने पूर्व मंत्री बंधु तिर्की को दी सजा

झारखंड में उपचुनाव तय: विधानसभा से अधिसूचना जारी होने के बाद इसे मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय भेजा जायेगा. उसके बाद भारत निर्वाचन आयोग को मांडर विधानसभा सीट खाली होने से अवगत कराते हुए उप चुनाव कराने का आग्रह किया जायेगा. वैधानिक प्रावधानों के अनुसार छह महीने के अंदर उप चुनाव कराया जाता है. बंधु तिर्की मामले में भी संभावना यह है कि बुधवार तक विधानसभा सीबीआई कोर्ट के फैसले के अनुसार अधिसूचना जारी करेगा.

झारखंड के पहले विधायक नहीं हैं बंधु: बंधु तिर्की झारखंड के पहले विधायक नहीं हैं, जिनकी विधायकी सजा सुनाने के बाद खत्म हो रही है. इससे पहले भी 5 विधायकों की विधायकी कोर्ट की तरफ से सजा सुनाने के बाद खत्म हो चुकी है. कुल 6 में से चार विधायक चतुर्थ विधानसभा के सदस्य हैं. एनोस एक्का के अलावा कमल किशोर भगत, गोमिया विधायक योगेंद्र साव और सिल्ली विधायक अमित महतो चतुर्थ विधानसभा के सदस्य थे. 6ठे विधायक के रूप में बंधु तिर्की हैं जिनकी विधायकी सोमवार को सीबीआई कोर्ट से आय से अधिक संपत्ति मामले में दोषी ठहराते हुए तीन वर्ष की सजा मुकर्रर करने के बाद चली जाएगी.

ये भी पढ़ें- सीबीआई कोर्ट से दोषी करार बंधु तिर्की को जमानत, खटखटाएंगे झारखंड हाई कोर्ट का दरवाजा

कमल किशोर भगत: जून 2015 में तत्कालीन आजसू विधायक कमल किशोर भगत को कोर्ट ने डॉ. केके सिन्हा के साथ मारपीट मामले में सात साल की कैद और 10 हजार का जुर्माना लगाया था. जिसके बाद उनकी विधायकी चली गई थी.

योगेंद्र प्रसाद: जनवरी 2018 को तत्कालीन गोमिया विधायक योगेंद्र महतो को कोयला चोरी के मामले में कोर्ट ने तीन साल की सजा सुनाई. इस मामले में कोर्ट ने योगेंद्र समेत पांच लोगों को सजा सुनाई थी. कोर्ट के फैसेल के बाद उनकी भी विधायकी चली गई.

अमित महतो: मार्च 2018 को तत्कालीन जेएमएम विधायक अमित महतो को सीओ के साथ मारपीट मामले में कोर्ट ने दो साल की सजा सुनाई. यह मामला 2006 का था, जब अमित महतो ने अपने समर्थकों के साथ सीओ आलोक कुमार पर हमला कर दिया था. इस हमले में उनकी गाड़ी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई थी. कोर्ट से सजा मिलने के बाद अमित महतो की विधायकी चली गई थी.

ये भी पढ़ें- लालू यादव को राजनीतिक गुरु मानने वाले बंधु तिर्की का विवादों से रहा है नाता, पढ़ें पूरी रिपोर्ट

एनोस एक्का: पारा टीचर हत्या मामले में एनोस एक्का को कोर्ट ने जुलाई 2018 में आजीवन कारावस और एक लाख जुर्माना लगाया था, जिसके बाद उनकी विधायकी खत्म हो गई थी. 2014 विधानसभा चुनाव के दौरान सिमडेगा में पारा शिक्षक मनोज कुमार की हत्या कर दी गई थी.

बंधु तिर्की: मांडर विधायक बंधु तिर्की को कोर्ट ने सोमवार को आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में तीन साल की कैद और तीन लाख का जुर्माना लगाया है. कोर्ट से सजा मिलने के बाद अब उनकी भी विधायकी जानी तय है.

निजामुद्दीन अंसारीः 2009 में राजधनवार से विधायक रहे निजामुद्दीन अंसारी की सदस्यता भी रद्द कर दी गई थी. हालांकि उनके मामले में विधानसभा को समय पर सूचित नहीं किया गया था. बाद में विधानसभा के संज्ञान में आने पर सजा के दिन से उनकी विधायकी रद्द मानी गई थी. दिसंबर 2013 में गिरिडीह कोर्ट ने एक मामले में उन्हें 2 साल और 1 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी.

रांची: आय से अधिक संपत्ति मामले में सीबीआई कोर्ट के फैसले के बाद यह साफ हो गया है मांडर से कांग्रेस विधायक बंधु तिर्की की विधायकी खत्म हो जायेगी. प्रावधान के तहत किसी भी विधायक को 2 वर्ष से अधिक की सजा होने पर उनकी विधानसभा सदस्यता समाप्त हो जाती है. इस तरह से बंधु तिर्की मामले में भी कोर्ट के फैसले की कॉपी विधानसभा को भेजी जायेगी. विधानसभा सजा की तारीख को इंगित करते हुए सदस्यता समाप्त करने का अधिसूचना जारी करेगा.

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झारखंड में उपचुनाव तय: विधानसभा से अधिसूचना जारी होने के बाद इसे मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय भेजा जायेगा. उसके बाद भारत निर्वाचन आयोग को मांडर विधानसभा सीट खाली होने से अवगत कराते हुए उप चुनाव कराने का आग्रह किया जायेगा. वैधानिक प्रावधानों के अनुसार छह महीने के अंदर उप चुनाव कराया जाता है. बंधु तिर्की मामले में भी संभावना यह है कि बुधवार तक विधानसभा सीबीआई कोर्ट के फैसले के अनुसार अधिसूचना जारी करेगा.

झारखंड के पहले विधायक नहीं हैं बंधु: बंधु तिर्की झारखंड के पहले विधायक नहीं हैं, जिनकी विधायकी सजा सुनाने के बाद खत्म हो रही है. इससे पहले भी 5 विधायकों की विधायकी कोर्ट की तरफ से सजा सुनाने के बाद खत्म हो चुकी है. कुल 6 में से चार विधायक चतुर्थ विधानसभा के सदस्य हैं. एनोस एक्का के अलावा कमल किशोर भगत, गोमिया विधायक योगेंद्र साव और सिल्ली विधायक अमित महतो चतुर्थ विधानसभा के सदस्य थे. 6ठे विधायक के रूप में बंधु तिर्की हैं जिनकी विधायकी सोमवार को सीबीआई कोर्ट से आय से अधिक संपत्ति मामले में दोषी ठहराते हुए तीन वर्ष की सजा मुकर्रर करने के बाद चली जाएगी.

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कमल किशोर भगत: जून 2015 में तत्कालीन आजसू विधायक कमल किशोर भगत को कोर्ट ने डॉ. केके सिन्हा के साथ मारपीट मामले में सात साल की कैद और 10 हजार का जुर्माना लगाया था. जिसके बाद उनकी विधायकी चली गई थी.

योगेंद्र प्रसाद: जनवरी 2018 को तत्कालीन गोमिया विधायक योगेंद्र महतो को कोयला चोरी के मामले में कोर्ट ने तीन साल की सजा सुनाई. इस मामले में कोर्ट ने योगेंद्र समेत पांच लोगों को सजा सुनाई थी. कोर्ट के फैसेल के बाद उनकी भी विधायकी चली गई.

अमित महतो: मार्च 2018 को तत्कालीन जेएमएम विधायक अमित महतो को सीओ के साथ मारपीट मामले में कोर्ट ने दो साल की सजा सुनाई. यह मामला 2006 का था, जब अमित महतो ने अपने समर्थकों के साथ सीओ आलोक कुमार पर हमला कर दिया था. इस हमले में उनकी गाड़ी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई थी. कोर्ट से सजा मिलने के बाद अमित महतो की विधायकी चली गई थी.

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एनोस एक्का: पारा टीचर हत्या मामले में एनोस एक्का को कोर्ट ने जुलाई 2018 में आजीवन कारावस और एक लाख जुर्माना लगाया था, जिसके बाद उनकी विधायकी खत्म हो गई थी. 2014 विधानसभा चुनाव के दौरान सिमडेगा में पारा शिक्षक मनोज कुमार की हत्या कर दी गई थी.

बंधु तिर्की: मांडर विधायक बंधु तिर्की को कोर्ट ने सोमवार को आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में तीन साल की कैद और तीन लाख का जुर्माना लगाया है. कोर्ट से सजा मिलने के बाद अब उनकी भी विधायकी जानी तय है.

निजामुद्दीन अंसारीः 2009 में राजधनवार से विधायक रहे निजामुद्दीन अंसारी की सदस्यता भी रद्द कर दी गई थी. हालांकि उनके मामले में विधानसभा को समय पर सूचित नहीं किया गया था. बाद में विधानसभा के संज्ञान में आने पर सजा के दिन से उनकी विधायकी रद्द मानी गई थी. दिसंबर 2013 में गिरिडीह कोर्ट ने एक मामले में उन्हें 2 साल और 1 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी.

Last Updated : Mar 29, 2022, 7:52 AM IST
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