रांची: राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री और पोड़ैयाहाट विधायक प्रदीप यादव ने मुख्यमंत्री से नर्स निशा की मौत की उच्चस्तरीय जांच करा कर दोषी डॉक्टरों पर कार्रवाई करने की मांग की है. साथ ही अस्पताल का रजिस्ट्रेशन रद्द करने की भी मांग की गई है. इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री से दुमका के हंसडीहा में बनकर तैयार हो चुके 100 बेड के अस्पताल को चालू करने की भी मांग की है.
गौरतलब है कि देवघर जिले के मधुपुर स्थित अनुराग अस्पताल की नर्स निशा कुमारी की उसी अस्पताल में ऑपरेशन के बाद हालत बिगड़ गई. जिसके बाद उन्हें आनन-फानन में कोलकाता भेजा गया. जहां के अपोलो अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गयी.
इस पूरे मामले में मृतक नर्स निशा के पिता ने आरोप लगाया था कि उनकी बेटी की मौत गलत ऑपरेशन के कारण हुई है. इस मामले में पूर्व मंत्री और विधायक प्रदीप यादव ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात कर नर्स निशा की मौत की उच्चस्तरीय जांच और अनुराग हॉस्पिटल का रजिस्ट्रेशन रद्द करने की मांग की है. मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद प्रदीप यादव ने सोशल मीडिया के माध्यम से जानकारी दी कि ऑपरेशन में लापरवाही के कारण निशा की मौत हो गयी. कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव ने कहा कि निशा की असामयिक मौत के मामले में उसके परिवार को न्याय मिले इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री से मुलाकात की है.
क्या है पूरा मामला: प्राप्त जानकारी के अनुसार, निशा का ऑपरेशन 05 सितंबर 2023 को मधुपुर के अनुराग हॉस्पिटल में हुआ था, जहां निशा नर्स के पद पर काम करती थी. 13 सितंबर को जब निशा की हालत गंभीर हो गई तो उसे बेहतर इलाज के लिए कोलकाता के अपोलो अस्पताल रेफर कर दिया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. निशा के परिजनों का आरोप है कि अनुराग अस्पताल में गलत इलाज के कारण निशा की मौत हुई है. इस मामले में पूर्व मंत्री और विधायक प्रदीप यादव ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात कर निशा की मौत की उच्चस्तरीय जांच कराने, अनुराग अस्पताल का रजिस्ट्रेशन रद्द करने, दोषी डॉक्टरों और अस्पताल प्रबंधन पर कार्रवाई और मृतक के परिवार को मुआवजा देने की मांग की है.
100 बेड का अस्पताल जल्द शुरू करें मुख्यमंत्री-प्रदीप यादव: मुख्यमंत्री से मुलाकात के दौरान पूर्व मंत्री और विधायक प्रदीप यादव ने दुमका जिले के हंसडीहा में 100 बेड का अस्पताल भी जल्द शुरू करने की मांग की. प्रदीप यादव ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि दो साल पहले ही अस्पताल भवन करीब 100 करोड़ रुपये की लागत से बनकर तैयार हो चुका है. लेकिन अभी तक इसे शुरू नहीं किया जा सका है. उन्होंने कहा कि अगर यह अस्पताल शुरू हो जाता है तो संथाल क्षेत्र के लोगों को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने का सरकार का संकल्प पूरा हो जायेगा.