रांचीः झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन राज्यपाल के अभिभाषण के बाद भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री सह पूर्व स्पीकर सीपी सिंह ने व्यवस्था के तहत आसन पर एक गंभीर सवाल उठा दिया. दरअसल, शोक प्रकाश के पहले विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो कार्य मंत्रणा समिति के सदस्य और सभापतियों के नाम की घोषणा कर रहे थे. उनकी बात पूरी होते ही सीपी सिंह ने व्यवस्था के तहत कहा कि आपने सभापति के नाम की घोषणा तो की लेकिन क्या आप बता सकते हैं कि आपने किसको आसन पर बैठने का मौका दिया. उन्होंने यह भी कहा कि कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में जो फैसले लिए जाते हैं, उसकी जानकारी नहीं दी जाती है. उन्होंने कहा कि वह खुद इस बाबत पत्र लिख चुके हैं लेकिन आज तक उसका जवाब नहीं मिला है.
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सीपी सिंह की बात पूरी होते ही स्पीकर रवींद्र नाथ महतो ने कहा कि आप गलत आरोप लगा रहे हैं. उन्होंने कहा कि महिला दिवस के दिन सीता मुर्मू आसन पर बैठी थीं. कई सत्र के दौरान वरिष्ठ विधायक स्टीफन मरांडी भी आसन पर बैठकर संचालन कर चुके हैं. लिहाजा, आपका आरोप पूर्णरूपेण सत्य नहीं है. हालांकि स्पीकर ने कहा कि 3 साल की अवधि में कौन आसन पर बैठा, मुझे इतना याद नहीं है. आसन से आपत्ति प्रकट किए जाने पर विधायक सीपी सिंह ने कहा कि आरोप और व्यवस्था में अंतर होता है. मैंने आरोप नहीं लगाया है. हल्की खींचतान के साथ बात आई गई हो गई. कार्य मंत्रणा के मसले पर स्पीकर ने कहा कि यह व्यवस्था परिपाटी का एक हिस्सा है.
सोमवार को कार्यवाही के दौरान पंचम विधानसभा के शीतकालीन सत्र की अवधि में सरकार की ओर से दिए गए आश्वासनों के अनुपालन से संबंधित एक्शन टेकन रिपोर्ट को सभा पटल पर रखा गया. संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम ने सदन को बताया कि 9 आश्वासनों की सूची झारखंड विधान सभा सचिवालय द्वारा मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग को उपलब्ध कराई गई.