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HEC के विस्थापित आदिवासी-मूलवासियों को प्राथमिकता के आधार पर मिले नौकरी: बंधु तिर्की - mla Bandhu Tirkey statement

रांची में विधायक बंधु तिर्की ने सरकार से एचईसी की ओर से अधिग्रहित भूमि को 22 विभिन्न संस्थानों को दिए जाने पर विस्थापितों को संस्थानों में प्राथमिकता के आधार पर नौकरी देने की मांग की है. साथ ही उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि किस आधार पर एचईसी के नाम पर ली गई जमीन को विभिन्न संस्थानों को दिया गया है. इसकी जांच होनी चाहिए.

mla Bandhu Tirkey statement on HEC displaced tribals in ranchi
HEC के विस्थापित आदिवासियों-मूलवासियों को प्राथमिकता के आधार पर मिले नौकरी: बंधु तिर्की
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Published : Jan 19, 2021, 7:59 PM IST

रांचीः कांग्रेस पार्टी के मांडर विधायक बंधु तिर्की ने मंगलवार को सरकार से एचईसी की ओर से अधिग्रहित भूमि को 22 विभिन्न संस्थानों को दिए जाने पर विस्थापितों को उन संस्थानों में प्राथमिकता के आधार पर नौकरी देने की मांग की है. उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि किस आधार पर एचईसी के नाम पर ली गई जमीन को विभिन्न 22 संस्थानों को दिया गया है. इसकी जांच होनी चाहिए. साथ ही एचईसी के अतिरिक्त भूमि को सरकार अपने अधीन ले और रैयतों को जमीन वापस करे.

प्राथमिकता के आधार पर दिया जाना चाहिए नौकरी

विधायक बंधु तिर्की ने कहा कि 1958 में आदिवासी-मूलवासियों ने एचईसी की स्थापना और राष्ट्र के विकास के नाम पर अपनी जमीन दे दी. 2555.79 एकड़ जमीन रांची नगर निगम की ओर से सर्वे में सरप्लस घोषित किया गया है. इस भूमि पर 22 विभिन्न केंद्रीय और निजी संस्थानों को जमीन आवंटित की गयी है. ट्रिपल आईटी और आईआईएम पासपोर्ट कार्यालय बनकर तैयार है और कार्यालय भी प्रारंभ हो गया है. साथ ही उन्होंने कहा कि इन केंद्रीय और निजी संस्थानों में विस्थापितों को प्राथमिकता के आधार पर नौकरी दी जानी चाहिए.

इसे भी पढ़ें-स्वास्थ्य मंत्री ने राजीव गांधी की प्रतिमा की साफ सफाई की, कहा- हमारे प्रेरणा स्रोत हैं

वहीं विधायक ने जिन संस्थानों को मुड़मा में जमीन दी गई है. उसका विवरण भी दिया है. जिसमें रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया 4.03 एकड़, दामोदर घाटी निगम 2.62 एकड़, आईआईएम 45.5 एकड़, राज्य पासपोर्ट कार्यालय 2 एकड़, जेएसआई 2.11 एकड़, नाबार्ड 2.1 4 एकड़, कला एवं संस्कृति संस्थान हुडको, आईटी पार्क, इंदिरा गांधी ओपन विश्वविद्यालय 5.16 एकड़, सैनिक कल्याण बोर्ड 1 एकड़, सीबीआई कार्यालय 2.11 एकड़, डायरेक्टर ऑफ सेंस वर्कर 1.17 एकड़, आर्कियोलॉजिकल ऑफिस 1.12 एकड़, झारखंड स्पेस एप्लीकेशंस सेंटर 2.4 एकड़, सीपीडब्ल्यू डिपार्टमेंट 3.07 एकड़, डीसी कार्यालय, सीएमआईएल, एएसआई, एसकेबी, निफ्ट, जीएसआई, आईबीएम, सेंट्रल मेडिकल इन्वेस्टिगेशन लैब 1.05 एकड़ में बनाया जाना सुनिश्चित किया गया है.

रांचीः कांग्रेस पार्टी के मांडर विधायक बंधु तिर्की ने मंगलवार को सरकार से एचईसी की ओर से अधिग्रहित भूमि को 22 विभिन्न संस्थानों को दिए जाने पर विस्थापितों को उन संस्थानों में प्राथमिकता के आधार पर नौकरी देने की मांग की है. उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि किस आधार पर एचईसी के नाम पर ली गई जमीन को विभिन्न 22 संस्थानों को दिया गया है. इसकी जांच होनी चाहिए. साथ ही एचईसी के अतिरिक्त भूमि को सरकार अपने अधीन ले और रैयतों को जमीन वापस करे.

प्राथमिकता के आधार पर दिया जाना चाहिए नौकरी

विधायक बंधु तिर्की ने कहा कि 1958 में आदिवासी-मूलवासियों ने एचईसी की स्थापना और राष्ट्र के विकास के नाम पर अपनी जमीन दे दी. 2555.79 एकड़ जमीन रांची नगर निगम की ओर से सर्वे में सरप्लस घोषित किया गया है. इस भूमि पर 22 विभिन्न केंद्रीय और निजी संस्थानों को जमीन आवंटित की गयी है. ट्रिपल आईटी और आईआईएम पासपोर्ट कार्यालय बनकर तैयार है और कार्यालय भी प्रारंभ हो गया है. साथ ही उन्होंने कहा कि इन केंद्रीय और निजी संस्थानों में विस्थापितों को प्राथमिकता के आधार पर नौकरी दी जानी चाहिए.

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वहीं विधायक ने जिन संस्थानों को मुड़मा में जमीन दी गई है. उसका विवरण भी दिया है. जिसमें रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया 4.03 एकड़, दामोदर घाटी निगम 2.62 एकड़, आईआईएम 45.5 एकड़, राज्य पासपोर्ट कार्यालय 2 एकड़, जेएसआई 2.11 एकड़, नाबार्ड 2.1 4 एकड़, कला एवं संस्कृति संस्थान हुडको, आईटी पार्क, इंदिरा गांधी ओपन विश्वविद्यालय 5.16 एकड़, सैनिक कल्याण बोर्ड 1 एकड़, सीबीआई कार्यालय 2.11 एकड़, डायरेक्टर ऑफ सेंस वर्कर 1.17 एकड़, आर्कियोलॉजिकल ऑफिस 1.12 एकड़, झारखंड स्पेस एप्लीकेशंस सेंटर 2.4 एकड़, सीपीडब्ल्यू डिपार्टमेंट 3.07 एकड़, डीसी कार्यालय, सीएमआईएल, एएसआई, एसकेबी, निफ्ट, जीएसआई, आईबीएम, सेंट्रल मेडिकल इन्वेस्टिगेशन लैब 1.05 एकड़ में बनाया जाना सुनिश्चित किया गया है.

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