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रंगों की होली में पारा शिक्षक हुए बदरंग, मिला सिर्फ एक माह का वेतन

होली के दौरान एक माह का मानदेय दिए जाने से पारा शिक्षकों में काफी आक्रोश है. उनका कहना है कि सरकार पारा शिक्षकों को एक माह का मानदेय देकर उनके साथ छलावा कर रही है.

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Published : Mar 18, 2019, 11:45 PM IST

होली के दौरान एक माह का मानदेय

रांची: राज्यभर के 68 हजार पारा शिक्षकों को कई माह से मानदेय नहीं मिला है, इससे उनकी आर्थिक स्थिति काफी दयनीय हो गई है. होली के दौरान एक माह का मानदेय दिए जाने से पारा शिक्षकों में काफी आक्रोश है. उनका कहना है कि सरकार पारा शिक्षकों को एक माह का मानदेय देकर उनके साथ छलावा कर रही है.

होली के दौरान एक माह का मानदेय

कई महीनों से पारा शिक्षकों को मानदेय नहीं मिलने के कारण उनकी आर्थिक स्थिति एकदम दयनीय हो गई है. शिक्षकों का कहना है कि आंदोलन के बावजूद सरकार ने पारा शिक्षकों के साथ वादाखिलाफी की है. सरकार ने वादा किया था कि समय पर मानदेय दिया जाएगा, लेकिन होली के दौरान भी उन्हें मात्र एक माह का मानदेय दिया गया, जो कहीं से भी तर्कसंगत नहीं है.

उन्होंने बताया कि पारा शिक्षक समय पर स्कूलों में उपस्थित बच्चों को पढ़ाते हैं, टाइम से हाजरी बनाते हैं, सभी शिक्षकों की तरह सरकारी काम भी करते हैं, लेकिन उनके साथ हमेशा ही सौतेला व्यवहार होता रहा है और यह होली के दौरान भी देखने को मिला है. समान काम के बदले समान वेतन को लेकर कुछ माह पूर्व ही पारा शिक्षकों ने जोरदार आंदोलन भी किया था और कुछ समझौते के तहत आंदोलन को स्थगित कर दिया गया था.

रांची: राज्यभर के 68 हजार पारा शिक्षकों को कई माह से मानदेय नहीं मिला है, इससे उनकी आर्थिक स्थिति काफी दयनीय हो गई है. होली के दौरान एक माह का मानदेय दिए जाने से पारा शिक्षकों में काफी आक्रोश है. उनका कहना है कि सरकार पारा शिक्षकों को एक माह का मानदेय देकर उनके साथ छलावा कर रही है.

होली के दौरान एक माह का मानदेय

कई महीनों से पारा शिक्षकों को मानदेय नहीं मिलने के कारण उनकी आर्थिक स्थिति एकदम दयनीय हो गई है. शिक्षकों का कहना है कि आंदोलन के बावजूद सरकार ने पारा शिक्षकों के साथ वादाखिलाफी की है. सरकार ने वादा किया था कि समय पर मानदेय दिया जाएगा, लेकिन होली के दौरान भी उन्हें मात्र एक माह का मानदेय दिया गया, जो कहीं से भी तर्कसंगत नहीं है.

उन्होंने बताया कि पारा शिक्षक समय पर स्कूलों में उपस्थित बच्चों को पढ़ाते हैं, टाइम से हाजरी बनाते हैं, सभी शिक्षकों की तरह सरकारी काम भी करते हैं, लेकिन उनके साथ हमेशा ही सौतेला व्यवहार होता रहा है और यह होली के दौरान भी देखने को मिला है. समान काम के बदले समान वेतन को लेकर कुछ माह पूर्व ही पारा शिक्षकों ने जोरदार आंदोलन भी किया था और कुछ समझौते के तहत आंदोलन को स्थगित कर दिया गया था.

Intro:
नोट- ब्यूरो के निर्देशानुसार बाइट ऑफिशियल मेल से भेजी जा रही है

बाइट-संजय कुमार दुबे, महासचिव, एकीकृत पारा शिक्षक संघ



राज्यभर के 68 हज़ार पारा शिक्षकों को कई माह से मानदेय नहीं मिला है, इससे उनकी आर्थिक स्थिति काफी दयनीय हो गई है. होली के दौरान 1 माह का मानदेय दिया गया, इससे पारा शिक्षकों में काफी आक्रोश है, उनका कहना है कि हमेशा सरकार पारा शिक्षकों के साथ छलावा करती आ रही है ,पर्व त्योहारों के दौरान भी उन्हें एक माह का मानदेय दिया गया जो कहीं से भी तर्कसंगत नहीं है ।


Body:कई महीने से पारा शिक्षकों को मानदेय नहीं मिलने के कारण पारा शिक्षकों का आर्थिक स्थिति एकदम दयनीय हो गया है ,पारा शिक्षकों का कहना है कि आंदोलन के बावजूद भी सरकार ने पारा शिक्षकों के साथ वादाखिलाफी किया है , सरकार ने वादा किया था कि समय पर मानदेय दिया जाएगा, लेकिन होली के दौरान भी उन्हें एक माह का मानदेय दिया गया जो कहीं से भी तर्कसंगत नहीं है, जबकि पारा शिक्षक समय पर स्कूलों में उपस्थित रहते हैं बच्चों को पढ़ाते हैं, टाइम से हाजरी बनाते हैं .सभी शिक्षकों की तरह सरकारी काम भी करते हैं ,लेकिन उनके साथ हमेशा ही सोतेला व्यवहार हो रहा है और यह होली के दौरान भी देखने को मिला है,


Conclusion:गौरतलब है कि समान काम के बदले समान वेतन सरकारी शिक्षकों के तर्ज पर लाभ मिले ऐसे कई मामलों को लेकर कुछ माह पूर्व ही पारा शिक्षकों ने जोरदार आंदोलन किया था, उस दौरान पारा शिक्षक और सरकार के साथ कुछ समझौते के तहत आंदोलन को स्थगित किया गया था.
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